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भिवानी के अलखपुरा गांव को क्यों कहते हैं मिनी ब्राजील? पढ़ें

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Published : Mar 8, 2020, 9:15 PM IST

भिवानी जिले का अलखपुरा गांव महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है. इस गांव के हर घर की बेटी फुटबाल खेलती है. इस गांव की बेटियों ने अपने अपने दम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीत कर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.

alakhpura village footbaal game in bhiwani
भिवानी जिले का अलखपुरा गांव महिला सशक्तिकरण का है जीवंत उदाहरण

भिवानी: मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाने वाला अलखपुरा गांव में अलग तरीके से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. यहां की बेटियों ने अपनी मां-दादी के सामने फुटबॉल खेल कर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया.

अलखपुरा गांव के लगभग हर घर में एक महिला फुटबॉल खिलाड़ी है. यहां की बेटियों ने फुटबॉल खेल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है. इस गांव की खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया में भी फुटबॉल में मेडल जीत चुकी हैं.

भिवानी के अलखपुरा गांव को क्यों कहते हैं मिनी ब्राजील? पढ़ें

अनूठी अलख जगाती हैं बेटियां

अलखपुरा गांव में अतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वहां की बेटियों ने अनुठी पहल की है. गांव की महिला फुटबॉल खिलाड़ियों ने अपनी मां और दादी के सामने विशेष फुटबॉल मैच खेलकर परिजनों के सामने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.

इस दौरान माताओं और दादियों ने कहा कि उन्हें उनके मां-बाप ने कभी खेलने का मौका नहीं दिया, लेकिन अब वो अपनी बेटियों और पोतियों को इससे वंचित नहीं रहने देंगी. वहीं कुछ महिलाओं ने हर मां-बाप से अपील की कि वो अपनी बेटियों को आगे बढाएं.

वहीं फुटबॉल क्लब अलखपुरा के प्रधान सुरेश कुमार ने बताया कि अलखपुरा गांव के हर घर की बेटी यहां फुटबॉल खेलती है. बावजूद इसके अक्सर मां-बाप अपनी बेटियों की बजाय बेटों के खानपान, खेल व पढ़ाई पर ज्यादा ध्याद देते हैं. उन्होंने बताया कि महिला दिवस पर इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनकी बेटियों की हिम्मत व मेहनत दिखाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए किया गया है.

ये भी पढ़ें- करनाल की महिलाएं बोलीं- आज भी सड़क पर अकेले निकलने से डर लगता है

भिवानी: मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाने वाला अलखपुरा गांव में अलग तरीके से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. यहां की बेटियों ने अपनी मां-दादी के सामने फुटबॉल खेल कर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया.

अलखपुरा गांव के लगभग हर घर में एक महिला फुटबॉल खिलाड़ी है. यहां की बेटियों ने फुटबॉल खेल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है. इस गांव की खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया में भी फुटबॉल में मेडल जीत चुकी हैं.

भिवानी के अलखपुरा गांव को क्यों कहते हैं मिनी ब्राजील? पढ़ें

अनूठी अलख जगाती हैं बेटियां

अलखपुरा गांव में अतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वहां की बेटियों ने अनुठी पहल की है. गांव की महिला फुटबॉल खिलाड़ियों ने अपनी मां और दादी के सामने विशेष फुटबॉल मैच खेलकर परिजनों के सामने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.

इस दौरान माताओं और दादियों ने कहा कि उन्हें उनके मां-बाप ने कभी खेलने का मौका नहीं दिया, लेकिन अब वो अपनी बेटियों और पोतियों को इससे वंचित नहीं रहने देंगी. वहीं कुछ महिलाओं ने हर मां-बाप से अपील की कि वो अपनी बेटियों को आगे बढाएं.

वहीं फुटबॉल क्लब अलखपुरा के प्रधान सुरेश कुमार ने बताया कि अलखपुरा गांव के हर घर की बेटी यहां फुटबॉल खेलती है. बावजूद इसके अक्सर मां-बाप अपनी बेटियों की बजाय बेटों के खानपान, खेल व पढ़ाई पर ज्यादा ध्याद देते हैं. उन्होंने बताया कि महिला दिवस पर इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनकी बेटियों की हिम्मत व मेहनत दिखाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए किया गया है.

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