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भिवानी में मनाई गई संत रविदास की 644वीं जयंती - संत गुरु रविदास जन्मोत्सव

संत गुरु रविदास जन्मोत्सव पर कृषि मंत्री ने गुरु रविदास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

sant ravidas birth anniversary
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Published : Feb 27, 2021, 3:46 PM IST

भिवानी: कृषि मंत्री शनिवार को संत गुरु रविदास की 644वीं जयंति पर भिवानी के लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कृषि मंत्री ने गुरु रविदास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संदेश का सीधा प्रसारण दिखाया गया.

ये भी पढ़ें: रेवाड़ी में उत्साह के साथ मनाई गई गुरु गोबिंद सिंह जयंती

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि गुरु रविदास का जन्म ऐसे समय में हुआ, जब जाति-पाति और ऊंच-नीच का भेदभाव चरम सीमा पर थी. संत रविदास ने उस समय में समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के लिए अपनी वाणी का प्रयोग किया. उन्होंने समतामूलक समाज की स्थापना का संदेश दिया. वे किसी भी प्रकार के लोभ-लालच से कोसों दूर थे. स्वयं भगवान ने भी उनकी परीक्षा ली और वे अपने ईमान पर खरे रहे.

ये भी पढ़ें: गोहाना में मनाई गई संत गुरु रविदास जयंती, निकाली गई झाकियां

संत रविदास ने यह सिद्ध किया कि यदि मन पवित्र है तो उसको परमात्मा की प्राप्ति के लिए कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं है. कृषि मंत्री ने कहा कि संत रविदास के सिद्धांतों और उपदेशों का अनुशरण करते हुए प्रदेश और केंद्र की सरकार समतामूलक समाज की स्थापना में निरंतर प्रयासरत है. सरकार हर वर्ग की भलाई के लिए नीतियां लागू कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ-सबका विकास और अंत्योदय की भावना के साथ कार्य कर रही है.

भिवानी: कृषि मंत्री शनिवार को संत गुरु रविदास की 644वीं जयंति पर भिवानी के लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कृषि मंत्री ने गुरु रविदास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संदेश का सीधा प्रसारण दिखाया गया.

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि गुरु रविदास का जन्म ऐसे समय में हुआ, जब जाति-पाति और ऊंच-नीच का भेदभाव चरम सीमा पर थी. संत रविदास ने उस समय में समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के लिए अपनी वाणी का प्रयोग किया. उन्होंने समतामूलक समाज की स्थापना का संदेश दिया. वे किसी भी प्रकार के लोभ-लालच से कोसों दूर थे. स्वयं भगवान ने भी उनकी परीक्षा ली और वे अपने ईमान पर खरे रहे.

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संत रविदास ने यह सिद्ध किया कि यदि मन पवित्र है तो उसको परमात्मा की प्राप्ति के लिए कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं है. कृषि मंत्री ने कहा कि संत रविदास के सिद्धांतों और उपदेशों का अनुशरण करते हुए प्रदेश और केंद्र की सरकार समतामूलक समाज की स्थापना में निरंतर प्रयासरत है. सरकार हर वर्ग की भलाई के लिए नीतियां लागू कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ-सबका विकास और अंत्योदय की भावना के साथ कार्य कर रही है.

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