भिवानी: कोर्ट के फर्जी आदेश दिखाकर अंकतालिका में अपनी उम्र बदलवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. फर्जी जन्मतिथि से एक व्यक्ति की भिवानी बोर्ड में नौकरी भी लगी थी. मामला उजागर होने के बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अंकतालिका में उम्र कम करवाने वाले सभी 187 आरोपियों की अंकतालिकों को रद्द कर दिया है.
बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की अंकतालिका को आधार बनाकर नौकरी पाने वाले लोगों के लिए सभी विभागों को पत्र लिख दिया है. वहीं पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को अदालत में पेश किया. जहां से कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा है.
खबर है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में अपनी उम्र बदलवाने के लिए आरोपी ने जज के ही फर्जी आदेश लाकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया, जिसका भंडाफोड़ हो गया है. मामले में एक या दो नहीं, बल्कि 187 लोगों ने अपनी जन्मतिथि बदलवाकर मार्कशीट बदलवाई थी. मामले का भंडाफोड़ तब हुआ जब ऑनलाइन वेरिफिकेशन की गई.
फर्जी तरीके से मार्कशीट की उम्र में करवाया बदलाव
शिक्षा बोर्ड की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. इस बारे में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि फर्जी तरीके से पानीपत कोर्ट के आदेश दिखाकर अंकतालिका में उम्र को बदलवाया गया था.
बोर्ड ने उस समय आदेश को सही मानकर अंकतालिका नई जारी कर दी थी. बाद में जब कोर्ट के आदेश को बोर्ड अधिकारियों ने ऑनलाइन चेक किया तो उन्हें कोई आदेश नहीं मिला. इसके बाद जांच हुई तथा सभी आदेश फर्जी पाए गए. उस जांच के बाद बोर्ड ने 2017 से 2019 तक के रिकॉर्ड की अपने स्तर पर जांच की और 187 लोगों की अंकतालिका को फर्जी पाया. बोर्ड ने आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया है.
इस मामले में सामने आया कि एक क्लर्क के पद पर बोर्ड में भी नौकरी लगी थी. उसके अलावा सेना सहित अनेक विभागों में लोगों ने नौकरी पाई हैं. बोर्ड ने सभी संबंधित विभागों को उन व्यक्तियों के बारे में पत्र लिख दिया है. जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस मामले में झज्जर के खारेड़ा गांव निवासी गोविंद को पकड़ा था. पुलिस पूछताछ में गोविंद ने कई नाम बताए हैं. उनको पकड़ने के लिए पुलिस की तरफ से छापेमारी की जा रही है.