अंबाला: सरकार लगातार किसानों से अपील कर रही है कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से आंदोलन पर कुछ दिनों के लिए विराम लगा दें और फिर जब हालात सामान्य हो जाएं तो दोबोरा वो अपना आंदोलन शुरू कर सकते हैं. लेकिन किसानों सरकार की एक भी बात मानने को तैयार नहीं हैं.
सरकार द्वारा की गई अपील को लेकर किसानों ने कहा कि मोदी सरकार चाहे कुछ भी कर लें, कोई भी पैंतरा अपना ले, हम पीछे हटने वाले नहीं है. किसानों ने कहा कि इस आंदलोन से हमारी लाशें ही वापस जाएगी, किसान नहीं.
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शम्भू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को खत्म करवाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. कोरोना का डर दिखाकर सरकार चाहती है कि किसान आंदोलन खत्म करके पीछे हट जाए, लेकिन ऐसा किसी भी कीमत पर नहीं होगा.
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वहीं सूबे के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा किसानों के साथ दोबारा बातचीत के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को लिखी गई चिट्ठी पर प्रतिक्रिया देते हुए किसानों ने कहा कि जो चिट्ठी लिखी है उसमें कहीं पर भी कृषि कानूनों को वापिस लेने और एमएसपी कानून बनाने की बात नहीं लिखी है. ये सिर्फ और सिर्फ किसानों को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है.
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इसके इलावा किसानों ने कहा कि ना तो अभी तक किसी भी धरना स्थल पर डटे किसान को कोरोना हुआ है और ना ही कोरोना टेस्ट के लिए आज तक स्वास्थ्य विभाग की टीम हमारे धरना स्थल पर आई है. यहां तक कोरोना वैक्सीन के लिए भी हमारे साथ कोई संपर्क नहीं किया गया. ये सिर्फ और सिर्फ किसान हितैषी होने का ढोंग करते है.