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अपनी सीट से गायब दिखे अंबाला छावनी के पटवारी, लोग चक्कर काटकर हुए परेशान - अंबाला पटवारी खाने से गायब पटवारी

अपने पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल करवाने आए अंबाला छावनी के चन्दरपुरी इलाके के निवासी रविंद्र ने कहा कि वो पिछले 6 महीने से पटवार खाने के चक्कर काट रहा है, लेकिन आजतक उसके पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल नहीं हो पाया है.

patwari of ambala cantonment missing from their duty
अपनी सीटों से नदारद दिखे अंबाला छावनी के पटवारी
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Published : Jan 17, 2020, 2:05 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 2:32 PM IST

अंबाला: अंबाला छावनी के पटवार खाने में पटवारियों की जगह उनकी जैकेट और कोट ड्यूटी कर रहे हैं. लोग अपने काम कराने के लिए महीनों से पटवार खाने के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा है.

अपने पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल करवाने आए अंबाला छावनी के चन्दरपुरी इलाके के निवासी रविंद्र ने कहा कि वो पिछले 6 महीने से पटवार खाने के चक्कर काट रहा है, लेकिन आजतक उसके पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल नहीं हो पाया है. रविंद्र ने कहा कि कभी उसे बताया जाता है कि पटवारी छुट्टी पर हैं तो कभी कहा जाता है कि सॉफ्टवेयर अपडेट हो रहा है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

पटवारी से लेकर तहसीलदार तक हर कोई गायब !
रविंद्र ने बताया कि चाहे सुबह के 9 बजे हों या फिर दोपहर के 11, न कोई पटवारी और ना ही तहसीलदार अपनी सीट पर मिलता है.

ये भी पढ़िए: करनालः डिफाल्टर शराब ठेकेदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी में विभाग, जारी किया नोटिस

क्या कहा तहसीलदार साहब ने ?

वहीं जब इस बारे में तहसीलदार बोधराज सिंह से बात की गई तो तहसीलदार साहब अपने पटवारी को बचाते नजर आए. उन्होंने कहा कि पटवारी उनके पास बैठे होते हैं और काम कर रहे होते हैं, जबकि लोगों के अनुसार तहसीलदार साहब भी पटवारी समेत सीट से गायब मिलते हैं.

अंबाला: अंबाला छावनी के पटवार खाने में पटवारियों की जगह उनकी जैकेट और कोट ड्यूटी कर रहे हैं. लोग अपने काम कराने के लिए महीनों से पटवार खाने के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा है.

अपने पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल करवाने आए अंबाला छावनी के चन्दरपुरी इलाके के निवासी रविंद्र ने कहा कि वो पिछले 6 महीने से पटवार खाने के चक्कर काट रहा है, लेकिन आजतक उसके पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल नहीं हो पाया है. रविंद्र ने कहा कि कभी उसे बताया जाता है कि पटवारी छुट्टी पर हैं तो कभी कहा जाता है कि सॉफ्टवेयर अपडेट हो रहा है.

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पटवारी से लेकर तहसीलदार तक हर कोई गायब !
रविंद्र ने बताया कि चाहे सुबह के 9 बजे हों या फिर दोपहर के 11, न कोई पटवारी और ना ही तहसीलदार अपनी सीट पर मिलता है.

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क्या कहा तहसीलदार साहब ने ?

वहीं जब इस बारे में तहसीलदार बोधराज सिंह से बात की गई तो तहसीलदार साहब अपने पटवारी को बचाते नजर आए. उन्होंने कहा कि पटवारी उनके पास बैठे होते हैं और काम कर रहे होते हैं, जबकि लोगों के अनुसार तहसीलदार साहब भी पटवारी समेत सीट से गायब मिलते हैं.

Intro:जिन दरवाजों पर आप ताले लगे देख रहे हैं या फिर जिन कुर्सिओं पर आप कोट या जैकेट तंगी देख रहे हैं ये दृश्य हैं अम्बाला छावनी के पटवार खाने के , यहाँ पर की पटवारिओं की जगह उनकी ड्यूटी कर रहे हैं उनके कमरों पर लगे ताले और उनकी कुर्सिओं पर रखी उनकी जैकेटें और कोट कोई बात नहीं साहब लोग अपनी अपनी सम्पत्तिओं का इंतकाल करवाने के लिए 6-6 महीनो से घूम रहे हैं तो क्या हुआ ? हम ऑफिस में अपनी -2 सीट्स पर नहीं हैं तो क्या हुआ हमारे कोट और जैकेट्स तो हमारी कुर्सिओं पर सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक हमारी ड्यूटी दे रहे हैं न , आप आइये बड़े शौक से आप इस समय अम्बाला छावनी के पटवारखाने में मौजूद हैं। Body:यहाँ पर अपने पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल करवाने आये अम्बाला छावनी के चन्दरपुरी इलाके के निवासी रविंद्र का कहना है की उसको लगभग 6 महीने हो गए हैं यहाँ पटवारखाने के चक्कर लगाते हुए लेकिन आज तक उसके पिता की प्रॉपर्टी का इंतकाल नहीं हुआ , कभी कोई छुट्टी पर है तो कभी सॉफ्टवेयर अपडेट हो रहा है बस इन्हीं सब बहानो के सहारे चल रहा है अम्बाला छावनी का पटवारखाना और चक्कर पर चक्कर लगाए जा रहे हैं। रविंद्र ने बताया की चाहे सुबह के 9 बजे हों या दोपहर के 11 बजे हों न तो कोई भी पटवारी ही अपनी सीट पर मिलता है और न ही तहसीलदार अपनी सीट पर मिलता है ।

BYTE -1 रविंदर कुमार , इंतकाल करवाने आया युवक।

वीओ- वहीँ जब हमने तहसीलदार बोधराज सिंह से इस बारे में जानना चाहा की पटवारखाने में काम क्यों नहीं हो रहा ? आखिर लोगों को क्यों 6 - 6 महीनो से यहाँ चक्कर लगवाए जा रहे हैं तो नायाब तहसीलदार साहब साफ़ -2 झूठ बोलते नज़र आये की और खुद को और पटवारिओं को साफ़ -2 बचाते नज़र आये की पटवारी उनके पास बैठे होते हैं और काम कर रहे होते हैं , जबकि रविंदर कुमार के अनुसार तहसीलदार साहब भी पटवारिओं समेत सीट से गायब मिलते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है की अगर तहसीलदार साहब सच बोल रहे हैं तो फिर आखिर जनता को 6 -6 महीने से क्यों चक्कर लगाने पड रहे हैं , जनता को क्यों परेशानी का सामना करना पड रहा है ?और आज के इस रीयलटी चेक में पटवारी पटवारखाने में न होकर तहसीलदार साहब के पास क्यों नज़र नहीं आये ?

BYTE -2 बोधराज सिंह नायाब तहसीलदार , अम्बाला छावनी।Conclusion:
Last Updated : Jan 17, 2020, 2:32 PM IST
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