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अंबाला का बहादुर जवान पाकिस्तान की फायरिंग में शहीद, परिवार में पसरा मातम का माहौल

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Published : Jan 22, 2021, 1:04 PM IST

परिजनों ने बताया कि निर्मल सिंह करीब तीन महीने पहले ही अंबाला अपने घर से वापस ड्यूटी पर गए थे और अब जल्द ही उन्हें एक महीने की छुट्टी पर जाना था. शहीद के चाचा ने सरकार से परिवार के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

ambala nirmal singh martyred
शहीद निर्मल सिंह के परिवार में पसरा मातम का माहौल

अंबाला: जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा किए गए सीजफायर उल्लंघन के दौरान भारतीय सैनिक शहीद हो गया । 37 वर्षीय शहीद निर्मल सिंह सेना में सीनियर हवलदार थे और अंबाला शहर के जनसुई गांव के रहने वाले थे। निर्मल सिंह के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची तो शहीद के गांव में मातम पसर गया.

अंबाला: जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में पाकिस्तान की फायरिंग में अंबाला के रहने वाले सीनियर हवलदार निर्मल सिंह शहीद हो गए. 37 वर्षीय निर्मल सिंह सेना की 10 जेके राइफल्स यूनिट में तैनात थे. निर्मल सिंह की शहादत की सूचना मिलने के बाद पूरे गांव और उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है.

शहीद निर्मल सिंह के परिवार में पसरा मातम का माहौल

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा सीज फायरिंग का उल्लंघन करने के बाद भारतीय जवानों द्ववारा भी मुंहतोड़ जवाब दिया गया लेकिन इस क्रॉस फायरिंग में निर्मल सिंह को गोली लग गई. इसके बाद उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर यूनिट बेस ले जाया गया. हेलीकॉप्टर से मौके पर एक डॉक्टर को भी बुलाया गया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका.

ambala nirmal singh martyred
शहीद निर्मल सिंह के परिवार में पसरा मातम का माहौल

दो मासूमों के सिर से उठा पिता का साया

निर्मल सिंह की शहादत की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद निर्मल सिंह के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा 5 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है. शहीद निर्मल सिंह का एक भाई भी है जो शारीरिक रूप से अक्षम है.

बताया जा रहा है कि शुक्रवार दोपहर तक शहीद का शव पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद तमाम औपचारिकता पूरी करने के बाद शव को राजकीय सम्मान के साथ गांव जनसूई पहुंचाया जाएगा.

ambala nirmal singh martyred
शहीद निर्मल सिंह के परिवार में पसरा मातम का माहौल

आपको बता दें कि जब निर्मल सिंह पांच वर्ष के थे तब ही उनके पिता त्रिलोक सिंह का देहांत हो गया था. इसके बाद उनका लालन-पालन दादा भगवान सिंह ने किया. लेकिन दो साल पहले भगवान सिंह का भी निधन हो गया था. इस समय परिवार संकट की स्थिति से गुजर रहा है.

निर्मल सिंह ही चलाते थे घर का गुजारा

उनका भाई दिव्यांग है और निर्मल सिंह की माता भी बीमार रहती हैं. परिवार में पत्नी के अलावा 5 साल की बड़ी बेटी, 3 साल का छोटा बेटा है. इन सभी की जिम्मेदारी निर्मल सिंह के कंधों पर थी लेकिन अब वो भी इस दुनिया को छोड़ कर चले गए.

वहीं ऑनरेरी कैप्टन वजीर सिंह शहीद के चाचा वजीर सिंह ने बताया कि सुबह आठ बजे निर्मल सिंह ने अपनी पत्नी से फोन पर बातचीत की थी और कहा था कि यहां सब ठीक है लोकिन कुछ समय बाद ही वो शहीद हो गए.

ये भी पढ़ें: पाकिस्तानी फायरिंग में शहीद हुए अंबाला के जवान निर्मल सिंह, जनसुई गांव में गम का माहौल

वजीर सिंह ने बताया कि निर्मल सिंह करीब तीन महीने पहले ही अंबाला अपने घर से वापस ड्यूटी पर गए थे और अब जल्द ही उन्हें एक महीने की छुट्टी पर जाना था. शहीद के चाचा ने सरकार से परिवार के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

अंबाला: जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा किए गए सीजफायर उल्लंघन के दौरान भारतीय सैनिक शहीद हो गया । 37 वर्षीय शहीद निर्मल सिंह सेना में सीनियर हवलदार थे और अंबाला शहर के जनसुई गांव के रहने वाले थे। निर्मल सिंह के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची तो शहीद के गांव में मातम पसर गया.

अंबाला: जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में पाकिस्तान की फायरिंग में अंबाला के रहने वाले सीनियर हवलदार निर्मल सिंह शहीद हो गए. 37 वर्षीय निर्मल सिंह सेना की 10 जेके राइफल्स यूनिट में तैनात थे. निर्मल सिंह की शहादत की सूचना मिलने के बाद पूरे गांव और उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है.

शहीद निर्मल सिंह के परिवार में पसरा मातम का माहौल

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा सीज फायरिंग का उल्लंघन करने के बाद भारतीय जवानों द्ववारा भी मुंहतोड़ जवाब दिया गया लेकिन इस क्रॉस फायरिंग में निर्मल सिंह को गोली लग गई. इसके बाद उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर यूनिट बेस ले जाया गया. हेलीकॉप्टर से मौके पर एक डॉक्टर को भी बुलाया गया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका.

ambala nirmal singh martyred
शहीद निर्मल सिंह के परिवार में पसरा मातम का माहौल

दो मासूमों के सिर से उठा पिता का साया

निर्मल सिंह की शहादत की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद निर्मल सिंह के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा 5 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है. शहीद निर्मल सिंह का एक भाई भी है जो शारीरिक रूप से अक्षम है.

बताया जा रहा है कि शुक्रवार दोपहर तक शहीद का शव पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद तमाम औपचारिकता पूरी करने के बाद शव को राजकीय सम्मान के साथ गांव जनसूई पहुंचाया जाएगा.

ambala nirmal singh martyred
शहीद निर्मल सिंह के परिवार में पसरा मातम का माहौल

आपको बता दें कि जब निर्मल सिंह पांच वर्ष के थे तब ही उनके पिता त्रिलोक सिंह का देहांत हो गया था. इसके बाद उनका लालन-पालन दादा भगवान सिंह ने किया. लेकिन दो साल पहले भगवान सिंह का भी निधन हो गया था. इस समय परिवार संकट की स्थिति से गुजर रहा है.

निर्मल सिंह ही चलाते थे घर का गुजारा

उनका भाई दिव्यांग है और निर्मल सिंह की माता भी बीमार रहती हैं. परिवार में पत्नी के अलावा 5 साल की बड़ी बेटी, 3 साल का छोटा बेटा है. इन सभी की जिम्मेदारी निर्मल सिंह के कंधों पर थी लेकिन अब वो भी इस दुनिया को छोड़ कर चले गए.

वहीं ऑनरेरी कैप्टन वजीर सिंह शहीद के चाचा वजीर सिंह ने बताया कि सुबह आठ बजे निर्मल सिंह ने अपनी पत्नी से फोन पर बातचीत की थी और कहा था कि यहां सब ठीक है लोकिन कुछ समय बाद ही वो शहीद हो गए.

ये भी पढ़ें: पाकिस्तानी फायरिंग में शहीद हुए अंबाला के जवान निर्मल सिंह, जनसुई गांव में गम का माहौल

वजीर सिंह ने बताया कि निर्मल सिंह करीब तीन महीने पहले ही अंबाला अपने घर से वापस ड्यूटी पर गए थे और अब जल्द ही उन्हें एक महीने की छुट्टी पर जाना था. शहीद के चाचा ने सरकार से परिवार के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

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