अंबाला: हरियाणा में छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाये तो शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हुआ है. लेकिन इस बार हरियाणा वासियों ने 1991 के बाद सबसे कम मतदान किया है. 2014 के मुताबिक तो हरियाणा में काफी कम मतदान हुआ है.
हरियाणा में 28 साल बाद सबसे कम मतदान
बता दें कि इस बार हरियाणा में सिर्फ 68.30 फीसदी मतदान हुआ है. वहीं अब इस बात पर चर्चाएं तेज हो गई हैं कि आखिर मतदान कम होने के पीछे वजह क्या रही ? खैर वजह जो भी रही हो जेजेपी उम्मीदवार ने इससे जुड़ा बेतुका बयान दिया है. अंबाला शहर विधानसभा से जेजेपी उम्मीदवार हरपाल कंबोज की माने तो लोगों ने इस डर से वोट नहीं दिया कि वो किसी को भी वोट क्यों ना दें वोटिंग तो बीजेपी के पक्ष में ही होगी.
मतदान प्रतिशत पर हरपाल कंबोज का बयान
दरअसल जब हरपाल कंबोज से मतदान प्रतिशत के गिरने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बार लोगों में ईवीएम की खराबी को लेकर डर था. लोगों के बीच ये अफवाह फैल गई थी कि वो वोट किसी भी पार्टी को क्यों ना दें, वोट बीजेपी के खाते में ही जुड़ जाएगा. कंबोज ने आगे कहा कि इसलिए लोगों ने नाराजगी में वोट नहीं डाले.
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सबसे ज्यादा और सबसे कम मतदान वाली सीट
हरियाणा में सबसे ज्यादा मतदान ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में हुआ है. जहां 83 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. इस विधानसभा से इनेलो के अभय चौटाला 2014 में विधायक बने थे और इस बार भी वो किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा टोहाना विधानसभा में भी 80 फीसदी से ज्यादा 80.56 फीसदी मतदान हुआ है. यहां से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला चुनाव मैदान में हैं और 2014 में भी उन्होंने ही जीत दर्ज की थी. फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 49.63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है.