अंबाला: किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं का असर हरियाणा में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. हरियाणा के लगभग हर जिले से किसान रातों रात ही गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हो गए. ऐसा ही कुछ अंबाला में भी देखने को मिला. यहां से भी किसानों के जत्थे लगातार दिल्ली कूच कर रहे हैं.
इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने अंबाला शम्भू टोल प्लाजा पर किसान नेताओं और किसानों से बातचीत की. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के जिला अध्यक्ष गुलाब सिंह ने कहा कि जिस तरह के हालात गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन द्वारा पैदा किए गए वो चिंता का विषय है.
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गुलाब सिंह ने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं को देखकर देर रात से ही अंबाला के शम्भू बॉर्डर से पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की तरफ रुख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिश की गई थी.
इस साजिश के तहत कई नेताओं पर गाज भी गिरी. यहां तक कि किसानों पर जबरन मुकदमे भी दर्ज किए गए, लेकिन अब किसान सरकार के किसी भी षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने देंगे और शम्भू बॉर्डर से लगातार पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की तरफ रुख कर रहे हैं.
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गुलाब सिंह ने कहा कि हमारे किसान आंदोलन को षड्यंत्र के तहत कमजोर करने का प्लान बनाया जा रहा है. लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली और लाल किले पर जो कुछ उसमें किसानों का कोई लेना-देना नहीं था. बल्कि उपद्रवियों ने हिंसा की. सरकार उनपर कार्रवाई करे.