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लगभग 14 हजार किमी पदयात्रा करके गाय का महत्व समझाने अंबाला पहुंचे मोहम्मद फैज खान

साल 2017 में लेह-लद्दाख से गाय के महत्व को समझाने व लोगों को जागरूक करने के लिए पैदल यात्रा करते हुए कन्याकुमारी से लगभाग 14000 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर मोहम्मद फैज खान अंबाला पहुंचे.

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गाय के महत्व को समझाने को लिए मोहम्मद फैज खान ने की 14 हजार किलोमीटर की पदयात्रा
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Published : Dec 11, 2019, 4:07 PM IST

अंबाला: लेह-लद्दाख से कन्यकुमारी तक कन्यकुमारी से हरियाणा के अंबाला पहुंचे मोहम्मद फैज खान ने लगभाग 14,000 किलोमीटर की पद यात्रा करते हुए यहां पहुंचे हैं.

साल 2017 से कर रहे हैं पदयात्रा
मोहम्मद फैज खान ने गाय के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2017 में पैदल पथ यात्रा लेह लद्दाख से शुरू की थी जो कन्याकुमारी से होते हुए बुधवार को हरियाणा के अंबाला पहुंचे. अंबाला पहुंच कर मोहम्मद फैज ने गौ सेवा दल के साथ बैठक की. साथ ही गाय के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया.

गाय के महत्व को समझाने को लिए मोहम्मद फैज खान ने की 14 हजार किलोमीटर की पदयात्रा

वैष्णो देवी पहुंच कर समाप्त होगी पदयात्रा
उन्होंने जानकारी दी कि साल 2017 में शुरू हुई ये पदयात्रा जम्मू पहुंचकर माता वैष्णो देवी के स्थल पर जाकर समाप्त होगी. उन्होंने कहा कि गाय के नाम पर हिंसा इस लिए चालू हुई क्योंकि लोगों ने गाय के महत्व को समझा ही नहीं.

'कैंसर से गाय ही बचा सकती है'
पदयात्रा कर रहे मोहम्मद फैज खान का कहना है कि आज के युग में हिंदू , मुसलमान व ईसाइ सभी धर्म के लोग कैंसर से पीड़ित हैं और कैंसर से कोई बचा सकता है. तो वो केवल गाय है.
मोहम्मद फैज खान के अनुसार 'पैगंबर मोहम्मद सहाब ने कहा है कि गाय का दूध शिफ़ा है, गाय का घी दवा है और गाय का मांस बीमारी है.'

केंद्र व राज्य सरकार से की मांग
इस दौरान पदयात्री मोहम्मद फैज खान ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि सरकारें गाय के गोबर को 5 रुपये किलो और गाय के मूत्र को 10रुपये लीटर के हिसाब से बेचना शुरू करें और साथ ही साथ गाय के गोबर से बनी खाद को प्रोत्साहित करें. इससे ना सिर्फ गाय बचेगी बल्कि आम लोगों को भी इससे खासे फायदे पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ें:टोक्यो ओलंपिक से पहले भारत को बड़ा झटका, डोप टेस्ट में फेल हुए बॉक्सर सुमित सांगवान

अंबाला: लेह-लद्दाख से कन्यकुमारी तक कन्यकुमारी से हरियाणा के अंबाला पहुंचे मोहम्मद फैज खान ने लगभाग 14,000 किलोमीटर की पद यात्रा करते हुए यहां पहुंचे हैं.

साल 2017 से कर रहे हैं पदयात्रा
मोहम्मद फैज खान ने गाय के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2017 में पैदल पथ यात्रा लेह लद्दाख से शुरू की थी जो कन्याकुमारी से होते हुए बुधवार को हरियाणा के अंबाला पहुंचे. अंबाला पहुंच कर मोहम्मद फैज ने गौ सेवा दल के साथ बैठक की. साथ ही गाय के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया.

गाय के महत्व को समझाने को लिए मोहम्मद फैज खान ने की 14 हजार किलोमीटर की पदयात्रा

वैष्णो देवी पहुंच कर समाप्त होगी पदयात्रा
उन्होंने जानकारी दी कि साल 2017 में शुरू हुई ये पदयात्रा जम्मू पहुंचकर माता वैष्णो देवी के स्थल पर जाकर समाप्त होगी. उन्होंने कहा कि गाय के नाम पर हिंसा इस लिए चालू हुई क्योंकि लोगों ने गाय के महत्व को समझा ही नहीं.

'कैंसर से गाय ही बचा सकती है'
पदयात्रा कर रहे मोहम्मद फैज खान का कहना है कि आज के युग में हिंदू , मुसलमान व ईसाइ सभी धर्म के लोग कैंसर से पीड़ित हैं और कैंसर से कोई बचा सकता है. तो वो केवल गाय है.
मोहम्मद फैज खान के अनुसार 'पैगंबर मोहम्मद सहाब ने कहा है कि गाय का दूध शिफ़ा है, गाय का घी दवा है और गाय का मांस बीमारी है.'

केंद्र व राज्य सरकार से की मांग
इस दौरान पदयात्री मोहम्मद फैज खान ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि सरकारें गाय के गोबर को 5 रुपये किलो और गाय के मूत्र को 10रुपये लीटर के हिसाब से बेचना शुरू करें और साथ ही साथ गाय के गोबर से बनी खाद को प्रोत्साहित करें. इससे ना सिर्फ गाय बचेगी बल्कि आम लोगों को भी इससे खासे फायदे पहुंचेंगे.

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Intro:लगभग 14000 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए मोहम्मद फैज खान आज हरियाणा के अंबाला पहुंचे।


Body:आपको बता दें कि मोहम्मद फैज खान ने गाय के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2017 में पैदल पथ यात्रा ले लद्दाख से शुरू करी थी और कन्याकुमारी से होते हुए आज हरियाणा के अंबाला पहुंचे यहां पहुंच कर उन्होंने गौ सेवा दल के साथ बैठक करें और गाय के महत्व के बारे में जागरूक किया। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी यह पैदल पथ यात्रा माता वैष्णो देवी के स्थल पर जाकर समाप्त होगी।

इस दौरान मोहम्मद फैज खान ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग करें कि वह गाय के गोबर को ₹5 किलो और गाय के मूत्र को ₹10 लीटर के हिसाब से बेचना शुरू करें और साथ ही साथ गाय के गोबर से बनी खाद को प्रोत्साहित करें इससे ना सिर्फ गाय बचेगी बल्कि आम लोगों को भी इससे खासे फायदे पहुंचेंगे।


Conclusion:धर्म और जात पात से ऊपर उठकर गाय के महत्व को समझाने के बारे मोहम्मद फैज खान ने एक बहुत ही सुंदर उदाहरण देश के सम्मुख पेश किया है लेकिन देखना यह होगा कि क्या गाय के ऊपर की जा रही राजनीति बरकरार रहेगी या फिर नेता भी इससे कुछ सबक लेंगे।
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