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हरियाणा: लॉकडाउन के बाद से अब तक ट्रेन की पटरी पर कट गए एक हजार से ज्यादा लोग

आंकड़ों के मुताबिक ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. पिछले वर्ष लॉक डाउन के बावजूद भी कई लोगों से ट्रेन से कट कर आत्महत्या की और ये आंकड़े चौंकाने वाले है.

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Published : Apr 6, 2021, 3:20 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 4:43 PM IST

people committed suicide by jumping in front of the train
लॉकडाउन के बाद भी ट्रेन के पटरी पर कट गए एक हजार से ज्यादा लोग

अंबाला: आए दिन ऐसी बहुत सी खबरें सुनने को मिलती जिसमें कई लोग मानसिक तनाव के चलते या फिर गृह कलेश की वजह से अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं. इनमें ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जो आत्महत्या करने के लिए रेलवे ट्रैक का सहारा लेते हैं.

इसी विषय पर ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला के रेलवे स्टेशन का रुख किया और रेलवे अधिकारियों से जानने की कोशिश की, कि अंबाला समेत समूचे हरियाणा में ऐसे कितने मामले सामने आते हैं जिसमें लोग ट्रेन के सामने कूद कर अपनी जान गवां देते हैं. इस दौरान जो बातें और तथ्य सामने आए वो हैरान कर देने वाले थे.

लॉकडाउन के बाद भी ट्रेन के पटरी पर कट गए एक हजार से ज्यादा लोग

ये भी पढ़ें: रात को ट्रेन में नहीं चार्ज कर सकेंगे मोबाइल और लैपटॉप, रेलवे ने लिया नया फैसला

सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि जो आंकड़े रेलवे पुलिस द्वारा हमारे सामने रखे गए हैं वो लॉक डाउन के समय के हैं, यानी तब, जब पूरे देश में बस कुछ ही ट्रेंनें ट्रैक पर दौड़ रही थी. वहीं हमारी जांच पड़ताल में हादसों के कारणों के बारे में सवाल जवाब करते हुए किसी भी अधिकारी ने ज्यादा कुछ नहीं बताया.

लेकिन कैमरे के पीछे बोलते हुए उन्होंने बताया कि आत्महत्या के मामले हम उसे कहते हैं जिसमें हमें मृतक के पास से कोई सुसाइड लेटर मिला हो या फिर कोई गचश्मदीद वाह हो, अन्यथा बाकियों को हम रेल हादसे में ही गिनते हैं. ऐसे 5 प्रतिशत लोग ही होते हैं जो सच में रेल हादसों के शिकार होते हैं, वरना बाकी सब आत्महत्या के ही मामले होते हैं.

ये भी पढ़ें: रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर, एक साल बाद रोहतक से शुरू हुई 8 पैसेंजर ट्रेन

ये हैं आंकड़े

people committed suicide by jumping in front of the train
ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या करने वालों के आंकड़ों में हो रहा है इजाफा

बेशक इस बात में कोई दो राय नहीं कि जब तक मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह से ग्रस्त लोग मनोचिकित्सकों की मदद लेकर तनाव मुक्त नहीं होंगे तब तक आत्महत्या का मामले सामने आते रहेंगे. यदि हरियाणा सरकार अन्य राज्यों जैसे पंजाब की तरह टोल फ्री काउंसलिंग जैसी सुविधा उपलब्ध करवाए तो ऐसे मामलों में कुछ कमी लाई जा सकती है.

अंबाला: आए दिन ऐसी बहुत सी खबरें सुनने को मिलती जिसमें कई लोग मानसिक तनाव के चलते या फिर गृह कलेश की वजह से अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं. इनमें ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जो आत्महत्या करने के लिए रेलवे ट्रैक का सहारा लेते हैं.

इसी विषय पर ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला के रेलवे स्टेशन का रुख किया और रेलवे अधिकारियों से जानने की कोशिश की, कि अंबाला समेत समूचे हरियाणा में ऐसे कितने मामले सामने आते हैं जिसमें लोग ट्रेन के सामने कूद कर अपनी जान गवां देते हैं. इस दौरान जो बातें और तथ्य सामने आए वो हैरान कर देने वाले थे.

लॉकडाउन के बाद भी ट्रेन के पटरी पर कट गए एक हजार से ज्यादा लोग

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सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि जो आंकड़े रेलवे पुलिस द्वारा हमारे सामने रखे गए हैं वो लॉक डाउन के समय के हैं, यानी तब, जब पूरे देश में बस कुछ ही ट्रेंनें ट्रैक पर दौड़ रही थी. वहीं हमारी जांच पड़ताल में हादसों के कारणों के बारे में सवाल जवाब करते हुए किसी भी अधिकारी ने ज्यादा कुछ नहीं बताया.

लेकिन कैमरे के पीछे बोलते हुए उन्होंने बताया कि आत्महत्या के मामले हम उसे कहते हैं जिसमें हमें मृतक के पास से कोई सुसाइड लेटर मिला हो या फिर कोई गचश्मदीद वाह हो, अन्यथा बाकियों को हम रेल हादसे में ही गिनते हैं. ऐसे 5 प्रतिशत लोग ही होते हैं जो सच में रेल हादसों के शिकार होते हैं, वरना बाकी सब आत्महत्या के ही मामले होते हैं.

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ये हैं आंकड़े

people committed suicide by jumping in front of the train
ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या करने वालों के आंकड़ों में हो रहा है इजाफा

बेशक इस बात में कोई दो राय नहीं कि जब तक मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह से ग्रस्त लोग मनोचिकित्सकों की मदद लेकर तनाव मुक्त नहीं होंगे तब तक आत्महत्या का मामले सामने आते रहेंगे. यदि हरियाणा सरकार अन्य राज्यों जैसे पंजाब की तरह टोल फ्री काउंसलिंग जैसी सुविधा उपलब्ध करवाए तो ऐसे मामलों में कुछ कमी लाई जा सकती है.

Last Updated : Apr 6, 2021, 4:43 PM IST
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