अंबाला: जिले में दुर्गा शक्ति ऐप के तहत पिछले साल लगभग 700 मामले दर्ज किए गए. जिसमें से अधिकतर मामले दुर्गा शक्ति की विश्वसनीयता को जानने को लेकर आजमाए गए थे तो वहीं कुछ मामले दर्ज भी हुए. लेकिन महिलाओं ने अपनी शिकायत वापस ले ली.
ईटीवी भारत के साथ बातचीत में हरियाणा महिला आयोग की सदस्य एवं एडवोकेट नम्रता गौड़ ने बताया कि अभी भी लड़कियां इस डर में जी रही है कि कहीं उनके द्वारा की गई शिकायत उनके घर वालों को पता ना लग जाए और उसके बाद उनके घरवाले उनका स्कूल और कॉलेज छुड़वा ना दें. उन्होंने कहा कि लड़कियों के साथ-साथ उनके परिवार वालों को भी जागरूक करना पड़ेगा. तभी लड़कियां दुर्गा शक्ति एप का लाभ उठा पाएंगी.
'परिवार को भी जागरूक करने की है जरुरत'
हालांकि सरकार दुर्गा शक्ति एप के जरिए बहुत ही बढ़िया काम कर रही है लेकिन सरकार को चाहिए कि वो लड़कियों के परिवार वालों को भी जागरूक करें ताकि लड़कियां सामने आकर सुदृढ़ता के साथ समाज के शरारती तत्वों के खिलाफ डटकर लड़ सकें. 12 जुलाई 2018 को दुर्गा शक्ति रेपिड एक्शन फोर्स के साथ एप लॉन्च किया था. 31 अगस्त तक 1,57,000 से ज्यादा महिलाओं ने इसे डाउनलोड किया.
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