अंबाला: क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट यानी कि सीआईडी पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज के बीच तनातनी बढ़ गई है. सीएम मनोहर लाल के सीआईडी पर जारी किए गए लेटर के बाद गृहमंत्री अनिल विज ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
क्या कहा गृहमंत्री अनिल विज ने ?
सरकारें वेबसाइटों से नहीं चला करती हैं. सरकारें रूल एंड लॉ से चलती हैं और हरियाणा बिजनेस ऑफ एलोकेशन में पेज नंबर 30 पर होम डिपार्टमेंट के अंदर रूल 5 में साफ लिखा है कि सीआईडी इसका अभिन्न अंग है.
'मुख्यमंत्री हैं सुप्रीम'
अनिल विज ने आगे कहा कि वैसे तो अभी तक ये ही लिखा हुआ है कि सीआईडी गृह मंत्रालय के पास रहता है, लेकिन ये भी सच है कि मुख्यमंत्री सुप्रीम हैं. वो चाहे तो ऐसा कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए भी मुख्यमंत्री को पहले कैबिनेट में रूल लाना पड़ेगा. जिसके बाद उसे विधानसभा से पास करवाना पड़ेगा, लेकिन अभीतक ऐसा नहीं किया गया है. जिसका मतलब ये साफ है कि सीआईडी उनके ही पास है.
अफसरशाही से नहीं कोई झगड़ा-गृहमंत्री
गृहमंत्री ने ये भी साफ किया कि उनका अफसरशाही से कोई झगड़ा नहीं है. बस काम ना करने वालों को ठीक करना उनका धर्म और कर्म है. जो वो अपनी आखिरी सांस तक करते रहेंगे.
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सीआईडी पर सीएम और गृहमंत्री में तनातनी!
बता दें कि मंगलवार को सबसे पहले हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर सीआईडी विभाग को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास दिखाया गया. जिसके बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर की ओर से भी लेटर जारी किया गया. जिसमें सीआईडी को मुख्यमंत्री के पास दिखाया गया. ऐसा तब किया गया जब हाल ही में गृहमंत्री अनिल विज ने सीआईडी को अपने अंडर होने की बात कही थी. यही नहीं अनिल विज ने सीआईडी को फिसड्डी बताते हुए उसके सुधार के लिए कमेटी का भी गठन किया था. सीआईडी में सुधार के लिए अनिल विज ने गृह सचिव की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था