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धोखाधड़ी केस में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ SIT जांच के आदेश - रणदीप सुरजेवाला ताजा खबर

कुछ महीने पहले सुरजेवाला और उनके साथियों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने गृह मंत्री अनिल विज को सुरजेवाला के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत सौंपी थी. जिस पर एक्शन लेते हुए अनिल विज ने एसआईटी बनाने के आदेश दे दिए हैं.

anil vij creates SIT against randeep surjewala
अनिल विज ने रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ दिए SIT जांच के आदेश
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Published : Nov 5, 2020, 1:31 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 2:36 PM IST

अंबाला: कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला की मुश्किलें अब बढ़ना लगभग तय है. गृहमंत्री अनिल विज ने रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को मामले में एसआईटी बनाकर जांच करने के आदेश दे दिए हैं.

दरअसल, कुछ महीने पहले सुरजेवाला और उनके साथियों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने गृह मंत्री अनिल विज को सुरजेवाला के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत सौंपी थी. साथ ही पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस सुरजेवाला के राजनीतिक कद को देखते हुए कहीं न कहीं जांच करने में ढील बरत रही है.

अनिल विज ने रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ दिए SIT जांच के आदेश

इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने आरोप लगया था कि पुलिस उसपर मामला वापस लेने का दबाव बना रही है. शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसे पुलिकर्मियों ने मामला वापस लिए जाने के दस्तावेजों पर साइन करने के लिए कहा था, इस पर उसने इंकार कर दिया तो पुलिस उस पर दबाव बनाने लगी.

क्या था पूरा मामला?

शिकायतकर्ता अजय संधू का आरोप है कि साल 2009-10 में रणदीप सिंह सुरेजवाला बिजली मंत्री थे, उसका कार्यालय उस समय पंचकूला में था. वह संधू सिक्योरिटी एजेंसी के नाम से अनुबंध पर कर्मी उपलब्ध करवाते थे. अजय ने बताया कि इसी बीच उनकी मुलाकात ईश्वर नैन से हुई. नैन ने उससे कहा कि सुरजेवाला उसके घनिष्ठ मित्र हैं और वह उसे बिजली निगम में टेंडर दिला सकते हैं.

इस तरह नैन ने सुरजेवाला से उसकी मुलाकात करवाई. बदले में नैन को उसे अपने टेंडर में पार्टनर बनाना पड़ा. नैन को पार्टनर बनाते ही रणदीप सिंह ने उसे बिजली निगम के टेंडर दिला दिए जबकि उसके पास न तो कोई अनुभव था न ही वह शर्तें पूरी करता था. टेंडर मिलने के बाद प्रदेश भर में करीब 4 हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके के तहत उस समय की गई. भर्ती के लिए किसी से 5 तो किसी से 50 हजार रुपये तक रिश्वत ली गई., लेकिन जब इन्हें न तो ईपीएफ दिया न ईएसआई तो विरोध शुरू हो गया.

इस पर बिजली निगम ने सर्विस टैक्स चोरी और ईपीएफ आई ईएसआई चोरी की शिकायत कर दी. भिवानी सहित 11 जिलों में एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें केवल अजय को आरोपी बना दिया गया, जबकि सुरजेवाला व अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. अजय ने बताया कि उसे करीब 3 करोड़ रुपये का देनदार सभी ने बना दिया.

शिकायतकर्ता ने अनिल विज को बताया कि जब उसने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत दी तो उन्होंने विजिलेंस से जांच शुरू करवा दी लेकिन विजिलेंस भी एकतरफा कार्रवाई कर रही है और आज तक सुरजेवाला को बयान के लिए तलब तक नहीं किया गया. शिकायतकर्ता ने विज से इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच की गुहार लगाई.

ये भी पढ़िए: सदन में लाए जा सकते हैं 9 विधेयक, इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

मामला बेहद गंभीर- अनिल विज

मामला बेहद गंभीर है और जिसके चलते शिकायतकर्ता एक बार फिर विज के दरबार में आ पहुंचा और इस बार मामले को और अधिक गंभीरता से लेते हुए अनिल विज ने भी पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को मामले में एसआईटी बनाकर जांच करने के आदेश दे दिए हैं. विज ने बताया कि शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने वाले पुलिस कर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी

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अंबाला: कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला की मुश्किलें अब बढ़ना लगभग तय है. गृहमंत्री अनिल विज ने रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को मामले में एसआईटी बनाकर जांच करने के आदेश दे दिए हैं.

दरअसल, कुछ महीने पहले सुरजेवाला और उनके साथियों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने गृह मंत्री अनिल विज को सुरजेवाला के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत सौंपी थी. साथ ही पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस सुरजेवाला के राजनीतिक कद को देखते हुए कहीं न कहीं जांच करने में ढील बरत रही है.

अनिल विज ने रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ दिए SIT जांच के आदेश

इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने आरोप लगया था कि पुलिस उसपर मामला वापस लेने का दबाव बना रही है. शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसे पुलिकर्मियों ने मामला वापस लिए जाने के दस्तावेजों पर साइन करने के लिए कहा था, इस पर उसने इंकार कर दिया तो पुलिस उस पर दबाव बनाने लगी.

क्या था पूरा मामला?

शिकायतकर्ता अजय संधू का आरोप है कि साल 2009-10 में रणदीप सिंह सुरेजवाला बिजली मंत्री थे, उसका कार्यालय उस समय पंचकूला में था. वह संधू सिक्योरिटी एजेंसी के नाम से अनुबंध पर कर्मी उपलब्ध करवाते थे. अजय ने बताया कि इसी बीच उनकी मुलाकात ईश्वर नैन से हुई. नैन ने उससे कहा कि सुरजेवाला उसके घनिष्ठ मित्र हैं और वह उसे बिजली निगम में टेंडर दिला सकते हैं.

इस तरह नैन ने सुरजेवाला से उसकी मुलाकात करवाई. बदले में नैन को उसे अपने टेंडर में पार्टनर बनाना पड़ा. नैन को पार्टनर बनाते ही रणदीप सिंह ने उसे बिजली निगम के टेंडर दिला दिए जबकि उसके पास न तो कोई अनुभव था न ही वह शर्तें पूरी करता था. टेंडर मिलने के बाद प्रदेश भर में करीब 4 हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके के तहत उस समय की गई. भर्ती के लिए किसी से 5 तो किसी से 50 हजार रुपये तक रिश्वत ली गई., लेकिन जब इन्हें न तो ईपीएफ दिया न ईएसआई तो विरोध शुरू हो गया.

इस पर बिजली निगम ने सर्विस टैक्स चोरी और ईपीएफ आई ईएसआई चोरी की शिकायत कर दी. भिवानी सहित 11 जिलों में एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें केवल अजय को आरोपी बना दिया गया, जबकि सुरजेवाला व अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. अजय ने बताया कि उसे करीब 3 करोड़ रुपये का देनदार सभी ने बना दिया.

शिकायतकर्ता ने अनिल विज को बताया कि जब उसने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत दी तो उन्होंने विजिलेंस से जांच शुरू करवा दी लेकिन विजिलेंस भी एकतरफा कार्रवाई कर रही है और आज तक सुरजेवाला को बयान के लिए तलब तक नहीं किया गया. शिकायतकर्ता ने विज से इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच की गुहार लगाई.

ये भी पढ़िए: सदन में लाए जा सकते हैं 9 विधेयक, इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

मामला बेहद गंभीर- अनिल विज

मामला बेहद गंभीर है और जिसके चलते शिकायतकर्ता एक बार फिर विज के दरबार में आ पहुंचा और इस बार मामले को और अधिक गंभीरता से लेते हुए अनिल विज ने भी पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को मामले में एसआईटी बनाकर जांच करने के आदेश दे दिए हैं. विज ने बताया कि शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने वाले पुलिस कर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी

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Last Updated : Nov 5, 2020, 2:36 PM IST
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