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अंबालाः साइंस उद्योग पर लॉकडाउन की मार, कारोबारियों ने सरकार से मांगी राहत

प्रदेश का अंबाला जिला साइंस उपकरणों के मैक्यूफैक्चरिंग और सप्लाई के लिए जाना जाता है. इस कारोबार में यहां के ज्यादातर लघु उद्यमी लगे हुए हैं. लेकिन लॉकडाउन से इस कारोबार पर काफी चोट पहुंची है.

Ambala
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Published : Apr 24, 2020, 2:44 PM IST

अंबालाः कोरोना महामारी के चलते पूरा देश 3 मई तक लॉकडाउन है. जिसके कारण पूरे देश में कारोबार बिल्कुल ठप है. वहीं अब यह भी कह पाना काफी मुश्किल है कि 3 मई के बाद लॉकडाउन खुलेगा या नहीं. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने अंबाला छावनी के साइंस उद्यमियों से बात की. इस दौरान साइंस उद्यमियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनके व्यापार पर खासा असर पड़ा है.

अप्रैल की तनख्वाह देने को लेकर चिंता

अंबाला के साइंटिफिक एपरेट्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान उमेश गुप्ता ने बताया कि हमने अपने वर्कर्स को मार्च महीने की तनख्वाह तो दे दी है, लेकिन अप्रैल महीने की तनख्वाह देने की चिंता सता रही है. जिसके चलते हमारी एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है कि हम अपने वर्कर्स को अप्रैल माह की आधी तनख्वाह ही दे पाएंगे.

अंबालाः साइंस उद्योग पर लॉकडाउन की मार, कारोबारियों ने सरकार से की राहत की मांग

उद्योग को पटरी पर लाने में लगेंगे 5-6 महीने

वहीं साइंस उपकरण के व्यपारियों को यह भी चिंता सता रही है कि लॉकडाउन से पहले उनके डीलर्स और सरकार ने ने उन्हें जो ऑडर्स दिए थे. अब वो उन्हें लेंगे या नहीं लेंगे.

उद्यमियों का कहना है कि हालात ऐसे हैं कि कारोबार को दोबारा से पटरी पर आने में 5-6 महीने का वक्त लग सकता है. उद्यमियों का कहना है कि सरकार ने अभी कुछ इंडस्ट्रीज को शुरू करने की इजाजत दे दी है. लेकिन उसके लिए जो पैमाने तय किए गए हैं, उन्हें पूरा कर पाना उनके लिए मुमकिन नहीं है.

कारोबारी का कहना है कि उनके काम धंधे ठप हैं. ऐसे में सरकार एक तरफ तो उनसे अपने वर्कर्स को तनख्वाह देने की अपील कर रही है. वहीं दूसरी ओर उन्हें ना तो बिजली के बिल या इनकम टैक्स या जीएसटी में किसी तरह की रियायत दी गई है. इसलिए व्यापारी सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- गुरुग्राम में अब रोबोट देगा कोरोना संक्रमित मरीजों को दवा और खाना

अंबालाः कोरोना महामारी के चलते पूरा देश 3 मई तक लॉकडाउन है. जिसके कारण पूरे देश में कारोबार बिल्कुल ठप है. वहीं अब यह भी कह पाना काफी मुश्किल है कि 3 मई के बाद लॉकडाउन खुलेगा या नहीं. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने अंबाला छावनी के साइंस उद्यमियों से बात की. इस दौरान साइंस उद्यमियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनके व्यापार पर खासा असर पड़ा है.

अप्रैल की तनख्वाह देने को लेकर चिंता

अंबाला के साइंटिफिक एपरेट्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान उमेश गुप्ता ने बताया कि हमने अपने वर्कर्स को मार्च महीने की तनख्वाह तो दे दी है, लेकिन अप्रैल महीने की तनख्वाह देने की चिंता सता रही है. जिसके चलते हमारी एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है कि हम अपने वर्कर्स को अप्रैल माह की आधी तनख्वाह ही दे पाएंगे.

अंबालाः साइंस उद्योग पर लॉकडाउन की मार, कारोबारियों ने सरकार से की राहत की मांग

उद्योग को पटरी पर लाने में लगेंगे 5-6 महीने

वहीं साइंस उपकरण के व्यपारियों को यह भी चिंता सता रही है कि लॉकडाउन से पहले उनके डीलर्स और सरकार ने ने उन्हें जो ऑडर्स दिए थे. अब वो उन्हें लेंगे या नहीं लेंगे.

उद्यमियों का कहना है कि हालात ऐसे हैं कि कारोबार को दोबारा से पटरी पर आने में 5-6 महीने का वक्त लग सकता है. उद्यमियों का कहना है कि सरकार ने अभी कुछ इंडस्ट्रीज को शुरू करने की इजाजत दे दी है. लेकिन उसके लिए जो पैमाने तय किए गए हैं, उन्हें पूरा कर पाना उनके लिए मुमकिन नहीं है.

कारोबारी का कहना है कि उनके काम धंधे ठप हैं. ऐसे में सरकार एक तरफ तो उनसे अपने वर्कर्स को तनख्वाह देने की अपील कर रही है. वहीं दूसरी ओर उन्हें ना तो बिजली के बिल या इनकम टैक्स या जीएसटी में किसी तरह की रियायत दी गई है. इसलिए व्यापारी सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं.

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