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Sakshi Malik ने विनेश-बजरंग को एशियाई खेलों में बिना ट्रायल मिली डायर्क्ट एंट्री की आलोचना की - WFI

भारत की शीर्ष पहलवान और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की प्रमुख साथी रहीं साक्षी मलिक ने एशियाई खेलों के लिए विनेश और बजरंग को बिना ट्रॉयल डायर्क्ट एंट्री देने के तदर्थ समिति के फैसले की आलोचना की है.

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साक्षी मलिक
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Published : Jul 20, 2023, 10:56 PM IST

नई दिल्ली : शीर्ष भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने गुरुवार को आगामी एशियाई खेलों 2023 के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को ट्रायल से छूट देने के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की तदर्थ समिति के फैसले की आलोचना की और खुलासा किया कि उन्हें भी प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और वह एक निष्पक्ष चयन प्रक्रिया चाहती हैं.

मंगलवार को डब्ल्यूएफआई के तदर्थ पैनल ने टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पुनिया (65 किग्रा) और दो बार की विश्‍व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश (53 किग्रा) को एशियाई खेलों के लिए चयन ट्रायल में भाग लेने से छूट दे दी. अन्य पहलवान भारतीय टीम में अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं और इससे साक्षी सहित बाकी कुश्ती समुदाय नाराज है.

30 वर्षीय साक्षी, जो भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान विनेश और बजरंग के साथ एक प्रमुख व्यक्ति थीं, ने खुलासा किया कि उन्होंने अन्य लोगों के साथ ट्रायल की तारीख बढ़ाने की मांग की, ताकि वे प्रशिक्षण ले सकें. साक्षी ने कहा, 'हमने तदर्थ समिति से समय की मांग की थी क्योंकि हम प्रशिक्षण लेने में असमर्थ थे. तदनुसार, उन्होंने हमें समय देते हुए एक पत्र भेजा और कहा कि परीक्षण 10 अगस्त के आसपास आयोजित किए जाएंगे'.

साक्षी ने वीडियो शेयर कर कहा, 'बाद में मुझे समिति से फोन आया कि वे एशियाई खेलों के लिए सीधे उन दोनों (बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट) का नाम भेज रहे हैं और मुझसे एक मेल भेजने के लिए कहा ताकि मेरा नाम भी भेजा जा सके. हालांकि मैंने मना कर दिया, क्योंकि मैं सीधे प्रवेश नहीं चाहती थी. मैं किसी जूनियर पहलवान का अधिकार नहीं छीनना चाहती'.

उन्होंने कहा, 'मैं ट्रायल के बिना किसी भी टूर्नामेंट में नहीं गई हूं और न ही भविष्य में कभी ऐसा करूंगी. इसलिए, मैं कुछ नामों को छूट देने के फैसले के खिलाफ हूं. हमें आश्‍वासन दिया गया था, इसलिए हम प्रशिक्षण के लिए विदेशी भूमि पर आए. हम अन्याय का सामना कर रहे हैं और हमें एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए समान अवसर भी मिलना चाहिए'.

विशेष रूप से, मौजूदा U-20 विश्‍व चैंपियन अंतिम पंघाल सहित कई जूनियर पहलवानों ने चयन ट्रायल से विनेश और बजरंग की कथित 'अनुचित' छूट के बारे में चिंता जताई है. अंतिम और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने बुधवार को दोनों पहलवानों को सीधे प्रवेश दिए जाने को अदालत में चुनौती दी.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के मामलों को चलाने के लिए जिम्मेदार तदर्थ पैनल से पहलवान विनेश और बजरंग को एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने के पीछे के कारणों को स्पष्ट करने के लिए कहा.

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Wrestler Anshu Malik : एशियन गेम्स के चयन ट्रायल में छूट के विरोध में अंशू ने पहलवानों का सपोर्ट किया

Watch : पहलवान अंतिम पंघाल ने बजरंग और विनेश को "ट्रायल छूट" के विरोध में किया प्रदर्शन

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : शीर्ष भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने गुरुवार को आगामी एशियाई खेलों 2023 के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को ट्रायल से छूट देने के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की तदर्थ समिति के फैसले की आलोचना की और खुलासा किया कि उन्हें भी प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और वह एक निष्पक्ष चयन प्रक्रिया चाहती हैं.

मंगलवार को डब्ल्यूएफआई के तदर्थ पैनल ने टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पुनिया (65 किग्रा) और दो बार की विश्‍व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश (53 किग्रा) को एशियाई खेलों के लिए चयन ट्रायल में भाग लेने से छूट दे दी. अन्य पहलवान भारतीय टीम में अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं और इससे साक्षी सहित बाकी कुश्ती समुदाय नाराज है.

30 वर्षीय साक्षी, जो भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान विनेश और बजरंग के साथ एक प्रमुख व्यक्ति थीं, ने खुलासा किया कि उन्होंने अन्य लोगों के साथ ट्रायल की तारीख बढ़ाने की मांग की, ताकि वे प्रशिक्षण ले सकें. साक्षी ने कहा, 'हमने तदर्थ समिति से समय की मांग की थी क्योंकि हम प्रशिक्षण लेने में असमर्थ थे. तदनुसार, उन्होंने हमें समय देते हुए एक पत्र भेजा और कहा कि परीक्षण 10 अगस्त के आसपास आयोजित किए जाएंगे'.

साक्षी ने वीडियो शेयर कर कहा, 'बाद में मुझे समिति से फोन आया कि वे एशियाई खेलों के लिए सीधे उन दोनों (बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट) का नाम भेज रहे हैं और मुझसे एक मेल भेजने के लिए कहा ताकि मेरा नाम भी भेजा जा सके. हालांकि मैंने मना कर दिया, क्योंकि मैं सीधे प्रवेश नहीं चाहती थी. मैं किसी जूनियर पहलवान का अधिकार नहीं छीनना चाहती'.

उन्होंने कहा, 'मैं ट्रायल के बिना किसी भी टूर्नामेंट में नहीं गई हूं और न ही भविष्य में कभी ऐसा करूंगी. इसलिए, मैं कुछ नामों को छूट देने के फैसले के खिलाफ हूं. हमें आश्‍वासन दिया गया था, इसलिए हम प्रशिक्षण के लिए विदेशी भूमि पर आए. हम अन्याय का सामना कर रहे हैं और हमें एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए समान अवसर भी मिलना चाहिए'.

विशेष रूप से, मौजूदा U-20 विश्‍व चैंपियन अंतिम पंघाल सहित कई जूनियर पहलवानों ने चयन ट्रायल से विनेश और बजरंग की कथित 'अनुचित' छूट के बारे में चिंता जताई है. अंतिम और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने बुधवार को दोनों पहलवानों को सीधे प्रवेश दिए जाने को अदालत में चुनौती दी.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के मामलों को चलाने के लिए जिम्मेदार तदर्थ पैनल से पहलवान विनेश और बजरंग को एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने के पीछे के कारणों को स्पष्ट करने के लिए कहा.

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(आईएएनएस)

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