नई दिल्ली : भारतीय पहलवान अंशू मलिक ने गुरुवार को जूनियर पहलवानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है. यह जूनियर रेसलर आगामी एशियन गेम्स 2023 के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को चयन ट्रायल से छूट देने के भारतीय कुश्ती महासंघ की तदर्थ समिति के फैसले का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को डब्ल्यूएफआई के तदर्थ पैनल ने टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग (65 किग्रा) और दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश (53 किग्रा) को आगामी एशियाई खेलों 2023 के लिए चयन ट्रायल में भाग लेने से छूट दे दी. अन्य पहलवान भारतीय टीम में अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं.
वर्तमान अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघल सहित कई जूनियर पहलवानों ने चयन ट्रायल से विनेश और बजरंग को कथित "अनुचित" छूट के बारे में चिंता जताई है. अब अंशु जो 2021 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में महिलाओं की 57 किलोग्राम स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं थी. उन्होंने जूनियर पहलवानों के पीछे अपना वजन डाला. अंशू ने ट्वीट किया 'एक एथलीट का सबसे बड़ा सपना ओलंपिक और एशियाई खेलों में देश के लिए खेलना और पदक जीतना और देशवासियों को गौरवान्वित करना है. लेकिन क्या होगा अगर उन खिलाड़ियों के अधिकार मार दिए जाएं. जूनियर खिलाड़ियों की चयन ट्रायल की मांग बिल्कुल सही है और यह उनका अधिकार है. मैं जूनियर पहलवानों की मांग का समर्थन करती हूं'.
53 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाले 19 वर्षीय अंतिम ने बुधवार को डब्ल्यूएफआई तदर्थ समिति के चौंकाने वाले फैसले की आलोचना की और ट्रायल छूट के मानदंडों के बारे में पूछा. अंतिम ने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल की एक ऐसी ही घटना को भी याद किया और कहा कि बर्मिंघम के लिए ट्रायल के दौरान भी उसने अनुचित व्यवहार का अनुभव किया था. 19 वर्षीय खिलाड़ी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा की यहां तक कि राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल में भी मेरी उसके साथ 3-3 से हार हुई थी. तब भी मुझे धोखा दिया गया था. अंशू ने कहा 'विनेश को एशियाई खेलों में भेजेंगे. ऐसा नहीं होना चाहिए. गौरतलब है कि अंतिम और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने बुधवार को दोनों पहलवानों को सीधे प्रवेश दिए जाने को अदालत में चुनौती दी थी'. दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के मामलों को चलाने के लिए जिम्मेदार तदर्थ पैनल से पहलवान विनेश और बजरंग को एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने के कारणों को स्पष्ट करने के लिए कहा था.
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(आईएएनएस)