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झज्जर: टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत

टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में दो और किसानों की मौत हो गई. जिसमें से एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या की है. मृतक किसान के पास से सुसाइड नोट भी मिला है.

two farmers died at tikri border in jhajjar
टिकरी बॉर्डर पर दो और किसानों की मौत
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Published : Jan 20, 2021, 3:47 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 4:50 PM IST

झज्जर: टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच किसानों की लगातार मौत का सिलसिला जारी है. मंगलवार और बुधवार के बीच दो और किसानों की मौत हो गई. गौरतलब है कि मंगलवार को जहर खाने वाले रोहतक के पाकस्मा गांव के किसान जयभगवान राणा की रात 2:30 बजे दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल में मौत हो गई. घटना से किसान दुखी हैं. इस बीच बुधवार सुबह आंदोलन स्थल पर पंजाब का भी एक किसान मृत मिला. आशंका है कि उसकी हार्टअटैक से मौत हुई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

दरअसल बुधवार सुबह एचएल सिटी पुलिस चौकी के एरिया में पंजाब के पटियाला जिले के ताेंगा का रहने वाला 65 वर्षीय किसान धन्ना सिंह पुत्र छज्जू सिंह मृत मिला. वो रात को अच्छी तरह खाना खाकर सोया था, लेकिन सुबह जब उसे जगाया तो वो दम तोड़ चुका था. घटना का पता लगते ही आस-पास के किसान वहां जुट गए और पुलिस को सूचना दी गई.

संभवत: किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है: पुलिस

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल भेज दिया. पुलिस ने किसान के परिवार को सूचना दे दी है. स्वजनों के बयान दर्ज होने के बाद पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. पुलिस का कहना है कि किसान की मौत संभवतः हार्टअटैक से हुई है.

ये भी पढ़ें:बड़े शहरों का स्टेटस सिंबल बना गेटेड सोसायटी में रहना, इसके हैं कई फायदे

उधर, मंगलवार की शाम सुसाइड नोट लिखकर जहर खाने वाले पाकस्मा के किसान जयभगवान ने दम तोड़ दिया. इसकी सूचना हरियाणा किसान संयुक्त मोर्चा के संयोजक विकास सीसर ने इंटरनेट के माध्यम से किसानों को दी. उन्होंने लिखा कि हमारा एक और साथी आंदोलन में शहीद हो गया.

'ये आंदोलन न रहकर मूंछों की लड़ाई बन गया है'

बता दें कि, किसान जयभगवान ने अपने सुसाइड नोट में ये लिखी थी कि ये आंदोलन न रहकर मूंछों की लड़ाई बन गया है. किसान ने अपने सुसाइड नोट में सुझाव भी दिया था. अस्पताल जाने से पहले किसान ने कहा था कि जिंदा की तो कोई सुन नहीं रहा है, हो सकता है मुर्दा की सुन ले.

झज्जर: टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच किसानों की लगातार मौत का सिलसिला जारी है. मंगलवार और बुधवार के बीच दो और किसानों की मौत हो गई. गौरतलब है कि मंगलवार को जहर खाने वाले रोहतक के पाकस्मा गांव के किसान जयभगवान राणा की रात 2:30 बजे दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल में मौत हो गई. घटना से किसान दुखी हैं. इस बीच बुधवार सुबह आंदोलन स्थल पर पंजाब का भी एक किसान मृत मिला. आशंका है कि उसकी हार्टअटैक से मौत हुई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

दरअसल बुधवार सुबह एचएल सिटी पुलिस चौकी के एरिया में पंजाब के पटियाला जिले के ताेंगा का रहने वाला 65 वर्षीय किसान धन्ना सिंह पुत्र छज्जू सिंह मृत मिला. वो रात को अच्छी तरह खाना खाकर सोया था, लेकिन सुबह जब उसे जगाया तो वो दम तोड़ चुका था. घटना का पता लगते ही आस-पास के किसान वहां जुट गए और पुलिस को सूचना दी गई.

संभवत: किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है: पुलिस

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल भेज दिया. पुलिस ने किसान के परिवार को सूचना दे दी है. स्वजनों के बयान दर्ज होने के बाद पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. पुलिस का कहना है कि किसान की मौत संभवतः हार्टअटैक से हुई है.

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उधर, मंगलवार की शाम सुसाइड नोट लिखकर जहर खाने वाले पाकस्मा के किसान जयभगवान ने दम तोड़ दिया. इसकी सूचना हरियाणा किसान संयुक्त मोर्चा के संयोजक विकास सीसर ने इंटरनेट के माध्यम से किसानों को दी. उन्होंने लिखा कि हमारा एक और साथी आंदोलन में शहीद हो गया.

'ये आंदोलन न रहकर मूंछों की लड़ाई बन गया है'

बता दें कि, किसान जयभगवान ने अपने सुसाइड नोट में ये लिखी थी कि ये आंदोलन न रहकर मूंछों की लड़ाई बन गया है. किसान ने अपने सुसाइड नोट में सुझाव भी दिया था. अस्पताल जाने से पहले किसान ने कहा था कि जिंदा की तो कोई सुन नहीं रहा है, हो सकता है मुर्दा की सुन ले.

Last Updated : Jan 20, 2021, 4:50 PM IST
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