हिसार: हांसी में अंधविश्वास का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. महज 30 दिनों के नवजात बच्चे को उसके माता-पिता ने हांसी के समाधा मंदिर में साधुत्व के लिए दान कर दिया. इसके लिए मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें काफी संख्या में लोग जुटे थे और महंतों की मौजूदगी में नवजात को मंदिर के गद्दीनशीन के सुपुर्द करने की रस्म पूरी की गई, लेकिन इसी दौरान सोशल मीडिया के जरिये मामला पुलिस के संज्ञान में पहुंच गया. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और अंधविश्वास में डूबे बच्चे के माता-पिता व मंदिर महंत को चौकी में तलब कर लिया. पुलिस कार्रवाई की गाज गिरते देख परिवार ने बच्चा मंदिर से वापस ले लिया व उसकी परवरिश का भी वादा किया.
ये भी पढ़ें: एक ऐसा मंदिर जो पाकिस्तान के अलावा सिर्फ सिरसा में है, जानिए क्यों कहा जाता है चमत्कारी
ये अजीब मान्यता है कि समाधा मंदिर में कुछ लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर बच्चे को चढ़ाते हैं. इससे पहले भी दो बच्चों को चढ़ाया जा चुका है और बुधवार को तीसरे बच्चे को मंदिर में महंत को सौंपा गया था. डडल पार्क निवासी फ्रूट व्यापारी ने अपने एक महीने के बच्चे को मंदिर में चढ़ाया था. मंदिर में महंतों व परिवार के सदस्यों की मौजूदी में रस्म पूरी करने के बाद बच्चे का नामकरण नारायण पुरी कर दिया गया.
मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने दोनों पक्षों को किया तलब
पुलिस ने मामला संज्ञान में आते ही दोनों पक्षों को थाने में तलब कर लिया, दोनों पक्षों की तरफ से काफी संख्या में लोग सिसाय पुलिस चौकी पहुंच गए. पुलिस ने परिवार को कानूनी धाराओं से अवगत करवाते हुए परिवार के सदस्यों को समझाया और कार्रवाई की चेतावनी दी. आखिर परिवार के लोग मान गए और बच्चे की परवरिश का आश्वासन देते हुए वापस ले लिया. इस संवेदनशील मामले में पुलिस पूरा दिन गंभीरता से काम में लगी रही.
ये भी पढ़ें: मान्यता या अंधविश्वास! फरीदाबाद का एक पहाड़ जिसका पत्थर बन सकता है बर्बादी का कारण
पुलिस की कार्रवाई के बाद मंदिर प्रशासन मौन
मंदिर के गद्दीनशीन महंत पांचम पुरी ने बताया कि मंदिर में परिवार के लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर बच्चा चढ़ाते हैं. उन्होंने बताया कि एक महीने बाद एक और परिवार द्वारा बच्चा मंदिर में चढ़ाया जाना है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद मंदिर प्रशासन इस पूरे प्रकरण में शांत है. इससे कुछ महीने पूर्व भी मंदिर में एक बच्चा ऐसे ही एक परिवार ने दान किया था, जिसका नाम पूनम पुरी रखा गया है.
ये भी पढ़ें: अंधविश्वास और मान्यता! फरीदाबाद के इस जंगल से अगर कोई लकड़ी ले गया तो जिंदा नहीं बचा
परिवार द्वारा लिखित आश्वासन लेने के बाद छोड़ा गया
वहीं सिसाय पुलिस चौकी इंचार्ज वेदपाल नैन ने बताया की पुलिस ने दोनों पक्षों को चौकी में तलब किया. बच्चे के परिवार ने कहा कि वह तो मंदिर में पूजा करने गए थे, लेकिन पुलिस ने लिखित में परिवार से आश्वासन लिया है कि वो बच्चे का पालन पोषण करेंगे. मंदिर प्रशासन को भी इस बारे में चेतावानी दी गई है.