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कोठी पर कब्जा करने का मामला- गुजरात के भुज स्थित फार्म हाउस के मालिक को पुलिस बनाएगी सरकारी गवाह

चंडीगढ़ कोठी पर कब्जा करने के मामले में पुलिस गुजरात के फार्म हाउस मालिक को सरकारी गवाह बनाएगी. चंडीगढ़ पुलिस ने समन भेज कर फार्म हाउस मालिक अनीस को चंडीगढ़ बुला लिया है.

police will make farm house owner government witness in Chandigarh house capturing case
चंडीगढ़ कोठी कब्जा मामला
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Published : Mar 18, 2021, 12:49 PM IST

चंडीगढ़: यूटी में एक पूर्व पत्रकार द्वारा अवैध तरीके से कोठी पर कब्जा करने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस लगातार जांच कर रही है. चंडीगढ़ पुलिस आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए अब गुजरात के उस फार्म हाउस मालिक की भी मदद लेने जा रही है. जिसमें कोठी के असली मालिक को रखा गया था.

गुजरात के भुज स्थित स्टड फार्म हाउस के मालिक अनीस को पुलिस ने समन भेजकर चंडीगढ़ बुलाया था. अनीस गुजरात से चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं और उन्हें पुलिस सिक्योरिटी में रखा गया है. बहुत जल्द ही पुलिस उनका बयान डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दर्ज करवाएगी.

ये भी पढ़ें: कोठी पर कब्जा करने का मामला: पूर्व पत्रकार संजीव महाजन को चार दिन की रिमांड

कोठी के असली मालिक को अनीस के पास छोड़ आए थे आरोपी

बता दें कि, अनीस वहीं शख्स है, जिनके पास सेक्टर-37 के असली कोठी मालिक राहुल मेहता को बाउंसर सुरजीत छोड़कर आया था. वहां पर सुरजीत और उसके साथियों ने राहुल को उसका कजिन बताते हुए कहा था कि इनके आगे-पीछे कोई नहीं है. इसलिए कुछ दिनों के लिए इन्हें उसके पास छोड़ने के लिए आए हैं. बाउंसर सुरजीत ने ये भी कहा था कि वे चंडीगढ़ से वापस आकर राहुल को यहां से ले जाएंगे, लेकिन इसके बाद राहुल का हाल जानने के लिए कोई नहीं आया. जिसके बाद अनीस ने राहुल मेहता को वहां के एक आश्रम में भर्ती करा दिया था.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ सेक्टर-37 में कोठी हड़पने का मामला, SIT ने इंस्पेक्टर राजदीप को किया गिरफ्तार

चंडीगढ़ पुलिस अनीस को बनाएगी सरकारी गवाह

अब इस घटना की सभी परतों को खोलने के लिए चंडीगढ़ पुलिस अनीस को सरकारी गवाह बनाने जा रही है. दूसरी ओर मामले में तत्कालीन असिस्टेंट एस्टेट ऑफिसर एचसीएस एचसीएस मनोज खत्री, उनके तत्कालीन निजी सचिव राजिंदर मल्होत्रा और डीलिंग क्लर्क सुभाष बुधवार को एसआईटी के सामने पेश हुए. इस दौरान उनसे प्रॉपर्टी की फाइलों में गड़बड़ी के बारे में कई घंटे तक पूछताछ हुई. सूत्रों के अनुसार, इन लोगों ने कहा है कि एस्टेट ऑफिस की फाइलें ऑनलाइन हैं. ऐसे में गड़बड़ी कैसे की जा सकती है? साथ ही उन्होंने उनके उपर लगे आरोपों को निराधार बताया.

एसआईटी अब बयानों की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर इन अधिकारियों को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया जा सकता है. एसआईटी अब इस मामले में एस्टेट ऑफिस के अन्य अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़: कोठी पर कब्जा करने के मामले में पूर्व एसएचओ को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा

एएसआई परमिंदर सिंह से शुक्रवार को एसआईटी करेगी पूछताछ

वहीं, पुलिस ने एएसआई परमिंदर सिंह को बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अब उसे शुक्रवार को एसआईटी के सामने पेश होने को कहा गया है. एएसआई पर आरोप है कि वो भी इस साजिश में शामिल था. उसके सामने ही सेक्टर-37 के केमिस्ट शॉप मालिक अमित गुप्ता को प्रताड़ित किया गया था, लेकिन परमिंदर जांच करने के बजाय सेक्टर 39 के तत्कालीन थाना प्रभारी राजदीप सिंह का साथ देता रहा. बयान दर्ज कराने के बाद विशेष जांच टीम मामले में परमिंदर सिंह की भूमिका की जांच करेगी.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़: कोठी पर अवैध कब्जा करने और धोखाधड़ी के मामले में डीएसपी का भाई गिरफ्तार

मामले में मुख्य अभियुक्त चल रहे हैं फरार

बता दें कि, इस मामले में अब तक संजीव महाजन, डीएसपी रामगोपाल के भाई सतपाल डागर, कोठी खरीदने वाले आरोपी सौरव गुप्ता का भाई मनीष गुप्ता और इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. मामले में शराब कारोबारी अरविंद सिंगला, खलिंदर सिंह कादियान, सौरव गुप्ता, अशोक अरोड़ा, शेखर व दलजीत सिंह फरार चल रहे हैं. वहीं, नकली राहुल मेहता को भी पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है.

चंडीगढ़: यूटी में एक पूर्व पत्रकार द्वारा अवैध तरीके से कोठी पर कब्जा करने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस लगातार जांच कर रही है. चंडीगढ़ पुलिस आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए अब गुजरात के उस फार्म हाउस मालिक की भी मदद लेने जा रही है. जिसमें कोठी के असली मालिक को रखा गया था.

गुजरात के भुज स्थित स्टड फार्म हाउस के मालिक अनीस को पुलिस ने समन भेजकर चंडीगढ़ बुलाया था. अनीस गुजरात से चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं और उन्हें पुलिस सिक्योरिटी में रखा गया है. बहुत जल्द ही पुलिस उनका बयान डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दर्ज करवाएगी.

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कोठी के असली मालिक को अनीस के पास छोड़ आए थे आरोपी

बता दें कि, अनीस वहीं शख्स है, जिनके पास सेक्टर-37 के असली कोठी मालिक राहुल मेहता को बाउंसर सुरजीत छोड़कर आया था. वहां पर सुरजीत और उसके साथियों ने राहुल को उसका कजिन बताते हुए कहा था कि इनके आगे-पीछे कोई नहीं है. इसलिए कुछ दिनों के लिए इन्हें उसके पास छोड़ने के लिए आए हैं. बाउंसर सुरजीत ने ये भी कहा था कि वे चंडीगढ़ से वापस आकर राहुल को यहां से ले जाएंगे, लेकिन इसके बाद राहुल का हाल जानने के लिए कोई नहीं आया. जिसके बाद अनीस ने राहुल मेहता को वहां के एक आश्रम में भर्ती करा दिया था.

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चंडीगढ़ पुलिस अनीस को बनाएगी सरकारी गवाह

अब इस घटना की सभी परतों को खोलने के लिए चंडीगढ़ पुलिस अनीस को सरकारी गवाह बनाने जा रही है. दूसरी ओर मामले में तत्कालीन असिस्टेंट एस्टेट ऑफिसर एचसीएस एचसीएस मनोज खत्री, उनके तत्कालीन निजी सचिव राजिंदर मल्होत्रा और डीलिंग क्लर्क सुभाष बुधवार को एसआईटी के सामने पेश हुए. इस दौरान उनसे प्रॉपर्टी की फाइलों में गड़बड़ी के बारे में कई घंटे तक पूछताछ हुई. सूत्रों के अनुसार, इन लोगों ने कहा है कि एस्टेट ऑफिस की फाइलें ऑनलाइन हैं. ऐसे में गड़बड़ी कैसे की जा सकती है? साथ ही उन्होंने उनके उपर लगे आरोपों को निराधार बताया.

एसआईटी अब बयानों की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर इन अधिकारियों को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया जा सकता है. एसआईटी अब इस मामले में एस्टेट ऑफिस के अन्य अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है.

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एएसआई परमिंदर सिंह से शुक्रवार को एसआईटी करेगी पूछताछ

वहीं, पुलिस ने एएसआई परमिंदर सिंह को बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अब उसे शुक्रवार को एसआईटी के सामने पेश होने को कहा गया है. एएसआई पर आरोप है कि वो भी इस साजिश में शामिल था. उसके सामने ही सेक्टर-37 के केमिस्ट शॉप मालिक अमित गुप्ता को प्रताड़ित किया गया था, लेकिन परमिंदर जांच करने के बजाय सेक्टर 39 के तत्कालीन थाना प्रभारी राजदीप सिंह का साथ देता रहा. बयान दर्ज कराने के बाद विशेष जांच टीम मामले में परमिंदर सिंह की भूमिका की जांच करेगी.

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मामले में मुख्य अभियुक्त चल रहे हैं फरार

बता दें कि, इस मामले में अब तक संजीव महाजन, डीएसपी रामगोपाल के भाई सतपाल डागर, कोठी खरीदने वाले आरोपी सौरव गुप्ता का भाई मनीष गुप्ता और इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. मामले में शराब कारोबारी अरविंद सिंगला, खलिंदर सिंह कादियान, सौरव गुप्ता, अशोक अरोड़ा, शेखर व दलजीत सिंह फरार चल रहे हैं. वहीं, नकली राहुल मेहता को भी पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है.

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