रोहतक: हरियाणा सरकार ने 20 अप्रैल से गेहूं की फसल खरीदने का ऐलान किया था. जिसकी आज से शुरुआत हो गई है. रोहतक अनाज मंडी में आढ़तियों की हड़ताल के चलते किसान फसल बेचने के लिए नहीं पहुंचे.
रोहतक जिले की सांपला अनाज मंडी में किसान अपनी फसल लेकर आ रहे हैं. किसान हरियाणा सरकार की मौजूदा खरीद नीति से खासे नाराज हैं और उनका कहना है कि सरकार उनकी दिक्कतों का समाधान करें. वहीं अधिकारी बोले सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर कई कदम उठाए हैं. रोस्टर के हिसाब से खरीद की जा रही है. किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत खरीद के मामले में नहीं आने की जाएगी.
रोहतक जिले की सांपला अनाज मंडी में सुबह ही किसान अपनी गेहूं की फसल लेकर आना शुरू हो गए. क्योंकि 20 अप्रैल से हरियाणा सरकार ने अनाज मंडियों में गेहूं की फसल की खरीद की शुरुआत की. हालांकि किसानों की फसल खरीदी जा रही है, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले साल मंडी के बाहर ही कांटे पर अपनी फसल का तोल कर आढ़ती के यहां डाल देते थे और उनकी फसल का पैसा आढ़ती के माध्यम से उन्हें मिल जाता था. इस बार उन्हें टोकन दिया जा रहा है और उस टोकन के माध्यम से वो अपनी फसल बेचने के लिए मंडी में पहुंच रहे हैं. स्थिति ये है कि कई कई घंटे तक उन्हें मंडी में बैठा रहना पड़ रहा है और उनकी फसल को तोला नहीं जा रहा है.
जिन अधिकारियों को उनकी गेहूं की ढेरी पास करनी है, वह अधिकारी कई घंटों तक मंडी में ही नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में वे मंडी में बैठे हैं और खेत में फसल काटने वाली कंबाइन उनका इंतजार कर रही हैं. किसानों कहना है कि अगर एक बार में फसल मंडी में लाने की इजाजत मिल जाए, तो उन्हें दिक्कत नहीं आएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पिछले साल की तरह ही इस उनकी फसल खरीदी जाए. तो उनकी दिक्कतें जरूर कम होंगी.
वहीं इस संबंध में मंडी के अधिकारियों का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए टोकन सिस्टम शुरू किया है. मुख्य मंडी के साथ-साथ सब सेंटर भी बनाए गए हैं. ताकि मंडी में ज्यादा भीड़ ना हो. इस भीड़ को कम करने के लिए भी हर रोज निर्धारित किसानों को ही मंडी में बुलाया जा रहा है. किसानों के लिए मास्क और सैनिटाइज की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि किसानों का दाना दाना खरीदा जाएगा और किसानों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी.
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