रोहतकः देश को पिछले तीन बार से हरियाणा लगातार ओलंपिक में पदक दिला रहा है. इस प्रदेश के खिलाड़ियों ने दुनिया के लगभग हर बड़े टूर्नामेंट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. इसीलिए हरियाणा को मेडल फैक्ट्री कहा जाता है. लेकिन खिलाड़ियों के लिए इस मेडल फैक्ट्री का सिस्टम कोई खास इंतजाम नहीं कर रहा है. हम ये क्यों कह रहे हैं? क्योंकि पिछले 4 दिन से रोहतक के सर छोटूराम स्टेडियम में बिजली नहीं है. और खिलाड़ी अंधेरे में प्रैक्टिस कर रहे हैं.
'मोबाइल की फ्लैश लाइट में प्रैक्टिस कर रहे बच्चे'
अपने बच्चों को प्रैक्टिस के लिए लेकर आए मंजीत ने बताया कि यहां उनका भतीजा रेसलिंग की तैयारी के लिए आता है लेकिन पिछले कई दिनों से स्टेडियम में लाइट नहीं है, इसलिए रेसलिंग हॉल के सारे गेट खोल दिए गए हैं लेकिन फिर भी पर्याप्त रौशनी नहीं है इसलिए मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रैक्टिस करवानी पड़ रही है. ऐसे में डर है कि बच्चे को कहीं चोट ना लग जाए. लेकिन प्रैक्टिस भी नहीं छोड़ सकते तो मजबूरी में कर रहे हैं.
ओलंपियन खिलाड़ी देने वाले स्टेडियम का ऐसा हाल
इसी सर छोटूराम स्टेडियम में ओलंपिक में देश को मेडल दिलाने वाली साक्षी मलिक प्रैक्टिस किया करती थीं. आज उसी स्टेडियम की हालत ऐसी है कि बच्चे अंधेरे में प्रैक्टिस कर रहे हैं और सरकारें बात करती हैं ओलंपिक मेडल बढ़ाने की. जरा सोचिए इस बार हरियाणा को खेलो इंडिया गेम्स की मेजबानी करनी है, अगर ऐसी तैयारी के साथ वहां जाएंगे तो क्या होगा.
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अधिकारियों ने नहीं भरा बिजली बिल
दरअसल स्टेडियम अधिकारियों ने कई महीने से बिजली का बिल नहीं भरा है. जिससे लगभग 2 लाख रुपये का बकाया हो गया है. स्टेडियम के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट सत्यवीर सिंह ने कहा कि हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये बिल भर सकें और बिजली विभाग ने कनेक्शन काट दिया है लेकिन उच्च अधिकारियों को लिख दिया गया है जल्द ही हम बिजली बिल भर देंगे और समस्या का समाधान हो जाएगा.
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सरकारी सिस्टम में अटका समाधान!
उफ्फ...हमारे देश की सरकारें और उनका ये फाइल सिस्टम कितना शानदार और तेज तर्रार है ये कौन नहीं जानता. जरा सोचिए एक सरकारी विभाग ने दूसरे सरकारी विभाग की बिजली काटी तो सरकारी स्टेडियम के सरकारी अधिकारी ने उच्च सरकारी अधिकारियों के जरिए सरकार से पैसे मांगे हैं. जो सरकार को देने हैं. ये सब कितना सरकारी है. और इन सब सरकारियों के बीच में फंसे हैं बेचारे बच्चे जिन्हें किसी को खेलो इंडिया में प्रदेश को रिप्रजेंट करना है तो कोई ओलंपिक का सपना लिए अंधेरे में अपना मुस्तकबिल तलाश रहा है.