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लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर रोहतक पुलिस ने लगाया करीब 3 करोड़ का जुर्माना

प्रदेश में कोरोना के कहर के बीच रोहतक में प्रशासन ने कोरोना पर नियंत्रण किया हुआ है. रोहतक में कोरोना संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं. जिनमें से एक महिला की मौत हो चुकी है.

Health department strict against Corona in Rohtak
CORONA VIRUS : कोरोना काल में रोहतक स्वास्थ्य विभाग सख्त
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Published : Apr 23, 2020, 12:08 PM IST

रोहतक: प्रदेश में कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. कोरोना के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं दिल्ली एनसीआर में बनाए गए कोरोना हॉटस्पॉट्स के पास होने के बाद भी रोहतक में महामारी का प्रकोप अब तक नियंत्रण में है. रोहतक से कोरोना संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं.

रोहतक की एक 72 वर्षीय महिला किडनी, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित थी. जिसको जांच के दौरान कोरोना संक्रमित पाया गया. हाल ही में उनका निधन दिल्ली स्थित एक अस्पताल में हो गया था. वहीं दिल्ली के एक अस्पताल में कैंसर का इलाज करा रहे काकराना गाँव के 58 वर्षीय व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

डीसी आरएस वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन का सख्त से पालन करने और स्वैच्छिक सामाजिक संगठनों, बाजार संघों और अन्य गैर-सरकारी संगठनों के साथ समन्वय के चलते जिले में कोरोना के नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस विभाग ने भी अहम भूमिका निभाई. पुलिस द्वारा वाहनों और पैदल यात्रियों को बेवजह घूमने पर रोक लगाई गई.

एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को घर पर रहने की अपील की जा रही है. लोगों से लगातार कहा जा रहा है कि बेवजह घर से बाहर न निकलें. ताकि कोरोना को हराया जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बेवजह घर से बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.

उन्होंने बताया कि अब तक 285 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 440 लोगों को लॉकडाउन प्रावधानों और संबंधित अपराधों के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 8400 वाहनों का चालान किया गया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवेहलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला ने बताया कि हाल ही में विदेश यात्रा का इतिहास रखने वाले व्यक्तियों की नियमित निगरानी के साथ स्वास्थ्य जांच और दवाओं के प्रावधान के लिए मोबाइल मेडिकल टीमों का गठन किया गया है. जिसकी सहायता से उन तक पहुंचा जा रहा है.पीजीआईएमएस के अधिकारी कोविद महामारी के प्रबंधन और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. संस्थान में वायरोलॉजी लैबोरेटरी ने हरियाणा के 11 जिलों के कोविद के संदिग्ध मामलों के नमूनों का चौबीसों घंटे परीक्षण किया है. जबकि एक पॉजिटिव वार्ड का निर्माण भी किया गया है. और रोगियों का परीक्षण सकारात्मक तरीके से किया जा रहा है.

रोहतक: प्रदेश में कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. कोरोना के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं दिल्ली एनसीआर में बनाए गए कोरोना हॉटस्पॉट्स के पास होने के बाद भी रोहतक में महामारी का प्रकोप अब तक नियंत्रण में है. रोहतक से कोरोना संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं.

रोहतक की एक 72 वर्षीय महिला किडनी, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित थी. जिसको जांच के दौरान कोरोना संक्रमित पाया गया. हाल ही में उनका निधन दिल्ली स्थित एक अस्पताल में हो गया था. वहीं दिल्ली के एक अस्पताल में कैंसर का इलाज करा रहे काकराना गाँव के 58 वर्षीय व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

डीसी आरएस वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन का सख्त से पालन करने और स्वैच्छिक सामाजिक संगठनों, बाजार संघों और अन्य गैर-सरकारी संगठनों के साथ समन्वय के चलते जिले में कोरोना के नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस विभाग ने भी अहम भूमिका निभाई. पुलिस द्वारा वाहनों और पैदल यात्रियों को बेवजह घूमने पर रोक लगाई गई.

एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को घर पर रहने की अपील की जा रही है. लोगों से लगातार कहा जा रहा है कि बेवजह घर से बाहर न निकलें. ताकि कोरोना को हराया जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बेवजह घर से बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.

उन्होंने बताया कि अब तक 285 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 440 लोगों को लॉकडाउन प्रावधानों और संबंधित अपराधों के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 8400 वाहनों का चालान किया गया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवेहलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला ने बताया कि हाल ही में विदेश यात्रा का इतिहास रखने वाले व्यक्तियों की नियमित निगरानी के साथ स्वास्थ्य जांच और दवाओं के प्रावधान के लिए मोबाइल मेडिकल टीमों का गठन किया गया है. जिसकी सहायता से उन तक पहुंचा जा रहा है.पीजीआईएमएस के अधिकारी कोविद महामारी के प्रबंधन और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. संस्थान में वायरोलॉजी लैबोरेटरी ने हरियाणा के 11 जिलों के कोविद के संदिग्ध मामलों के नमूनों का चौबीसों घंटे परीक्षण किया है. जबकि एक पॉजिटिव वार्ड का निर्माण भी किया गया है. और रोगियों का परीक्षण सकारात्मक तरीके से किया जा रहा है.

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