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old age pension in haryana: रेवाड़ी में 95 साल महिला बुजुर्ग की काटी पेंशन, दर-दर की खा रही ठोकर

हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन काटने का मामला (Case of deducting old age pension in Haryana) थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला रेवाड़ी से सामने आया है. जहां एक 95 साल की महिला को मिलने वाली पेंशन काट दी गई .

Case of deducting old age pension in Haryana
रेवाड़ी में 95 साल महिला बुजुर्ग की काटी गई पेंशन
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Published : Sep 13, 2022, 1:40 PM IST

रेवाड़ी: हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन (old age pension in haryana) को लेकर बुजुर्गों दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही हैं. सिस्टम में गड़बड़ी की वजह से हजारों बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई. ऐसा ही मामला रेवाड़ी की रहने वाली 95 साल देवकी के साथ हुआ. आधार कार्ड नहीं होने की वजह से 5 साल पहले उनकी पेंशन बंद कर दी गई. अब आधार कार्ड से लेकर फैमली आईडी तक बन चुकी है, लेकिन 5 महीने से अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे.

दरअसल रेवाड़ी के शुक्रपुरा मोहल्ला की रहने वाली देवकी देवी (95) सालों से वृद्धावस्था पेंशन ले रही थी. साल 2017 में अचानक उनकी पेंशन आनी बंद हो ( Woman PENSION Deducted In Rewari) गई. देवकी के पास उनकी एक विधवा बेटी और बेटा साथ रहता है. वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं. बावजूद इसके देवकी देवी ने बेटे के साथ सरकारी दफ्तरों में कई साल से चक्कर काट रही हैं. पहले आधार कार्ड को लेकर दिक्कत आ रही थी. जब आधार कार्ड बना तो अब पेंशन के लिए सरकार की तरफ से फैमली आईडी भी अनिवार्य कर दी गई. आधारकार्ड के बाद देवकी ने 5 महीने पहले फैमली आईडी भी बनवा ली. बावजूद इसके अधिकारियों ने देवकी की पेंशन चालू नहीं की. देवकी द्वारा डीसी से लेकर चंडीगढ़ तक अधिकारियों को शिकायतें भेजी गई, लेकिन आज तक उनकी पेंशन नहीं बन पाई है.

लाचार और बेबस देवकी का कहना है कि सरकार की तरफ से बुजुर्गों को सम्मान के रूप में दी जाने वाली पेंशन के हकदार ही आज अपने हक के लिए सिस्टम के आगे पूरी तरह बेबस है. देवकी का कहना है कि उसके इतनी उम्र का भी ख्याल नहीं रखा गया. इस उम्र में भी उससे चक्कर कटवाए जा रहे है. जबकि पहले उन्हें असानी से पेंशन मिल जाती थी. जो दस्तावेज मांगे गए वो अब तैयार करा लिए है लेकिन इसके बाद भी उनकी पेंशन दोबारा चालू करने के लिए सुनवाई नहीं हो रही है. देवकी का कहना है कि पेंशन के सहारे ही उनका बुढ़ापा कट रहा था लेकिन 5 साल पहले उसे भी छीन लिया. परिवार पहचान पत्र लागू होने के बाद प्रदेश में 15 हजार से ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई. इनमें बहुत से लोगों को मृत दिखाकर उनकी पेंशन बंद की गई.

बता दें कि हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन के मामले ने तूल उस वक्त पकड़ा जब 4 दिन पहले रोहतक में 102 साल के दुलीचंद ने खुद के जिंदा रहने का प्रमाण देते हुए अपनी बारात निकाली. अगले ही दिन दुलीचंद की पेंशन चालू कर दी गई. लेकिन दुलीचंद ने भी ऐलान कर दिया कि जब तक 15 हजार लोगों की पेंशन बहाल नहीं होती वे अपनी बुढ़ापा पेंशन नहीं लेंगे.

रेवाड़ी: हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन (old age pension in haryana) को लेकर बुजुर्गों दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही हैं. सिस्टम में गड़बड़ी की वजह से हजारों बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई. ऐसा ही मामला रेवाड़ी की रहने वाली 95 साल देवकी के साथ हुआ. आधार कार्ड नहीं होने की वजह से 5 साल पहले उनकी पेंशन बंद कर दी गई. अब आधार कार्ड से लेकर फैमली आईडी तक बन चुकी है, लेकिन 5 महीने से अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे.

दरअसल रेवाड़ी के शुक्रपुरा मोहल्ला की रहने वाली देवकी देवी (95) सालों से वृद्धावस्था पेंशन ले रही थी. साल 2017 में अचानक उनकी पेंशन आनी बंद हो ( Woman PENSION Deducted In Rewari) गई. देवकी के पास उनकी एक विधवा बेटी और बेटा साथ रहता है. वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं. बावजूद इसके देवकी देवी ने बेटे के साथ सरकारी दफ्तरों में कई साल से चक्कर काट रही हैं. पहले आधार कार्ड को लेकर दिक्कत आ रही थी. जब आधार कार्ड बना तो अब पेंशन के लिए सरकार की तरफ से फैमली आईडी भी अनिवार्य कर दी गई. आधारकार्ड के बाद देवकी ने 5 महीने पहले फैमली आईडी भी बनवा ली. बावजूद इसके अधिकारियों ने देवकी की पेंशन चालू नहीं की. देवकी द्वारा डीसी से लेकर चंडीगढ़ तक अधिकारियों को शिकायतें भेजी गई, लेकिन आज तक उनकी पेंशन नहीं बन पाई है.

लाचार और बेबस देवकी का कहना है कि सरकार की तरफ से बुजुर्गों को सम्मान के रूप में दी जाने वाली पेंशन के हकदार ही आज अपने हक के लिए सिस्टम के आगे पूरी तरह बेबस है. देवकी का कहना है कि उसके इतनी उम्र का भी ख्याल नहीं रखा गया. इस उम्र में भी उससे चक्कर कटवाए जा रहे है. जबकि पहले उन्हें असानी से पेंशन मिल जाती थी. जो दस्तावेज मांगे गए वो अब तैयार करा लिए है लेकिन इसके बाद भी उनकी पेंशन दोबारा चालू करने के लिए सुनवाई नहीं हो रही है. देवकी का कहना है कि पेंशन के सहारे ही उनका बुढ़ापा कट रहा था लेकिन 5 साल पहले उसे भी छीन लिया. परिवार पहचान पत्र लागू होने के बाद प्रदेश में 15 हजार से ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई. इनमें बहुत से लोगों को मृत दिखाकर उनकी पेंशन बंद की गई.

बता दें कि हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन के मामले ने तूल उस वक्त पकड़ा जब 4 दिन पहले रोहतक में 102 साल के दुलीचंद ने खुद के जिंदा रहने का प्रमाण देते हुए अपनी बारात निकाली. अगले ही दिन दुलीचंद की पेंशन चालू कर दी गई. लेकिन दुलीचंद ने भी ऐलान कर दिया कि जब तक 15 हजार लोगों की पेंशन बहाल नहीं होती वे अपनी बुढ़ापा पेंशन नहीं लेंगे.

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