पानीपत: हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो (विजिलेंस) के महानिदेशक डॉ. केपी सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कीम में गड़बड़ी पाई गई. उन्होंने बताया कि इस मामले में दो उप निदेशकों, तीन जिला कल्याण अधिकारियों, डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित पांच प्राइवेट लोगों पर तीन एफआईआर दर्ज की गई है. जो कि रोहतक, करनाल और पंचकूला के चौकसी ब्यूरो थानों में दर्ज हुई है.
स्कीम ऑनलाइन होने पर हुई गड़बड़ी
केपी सिंह ने बताया कि 1981 में शुरू हुई ये स्कीम 2015 तक ऑफलाइन रही. 2015 के बाद जब स्कॉलरशिप ऑनलाइन की गई तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रदेश के सामाजिक कल्याण मंत्रालय को विद्यार्थियों के अकाउंट नंबर का आधार कार्ड से मिलान में गड़बड़ी की सूचना मिली.
फर्जी छात्र-छात्राओं के अकाउंट नंबर के साथ फर्जी आधार जोड़े
प्रदेश के समाज कल्याण विभाग ने जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद चंडीगढ़ में FIR दर्ज करवाई. उन्होंने बताया कि जांच में अधिकतर गड़बड़ी हरियाणा के जिलों में पाई गई है. फिर यह मामला हरियाणा सरकार ने राज्य चौकसी ब्यूरो को सौंप दिया. जिसके बाद तीन जिलों सोनीपत, रोहतक और झज्जर की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि फर्जी छात्र-छात्राओं के अकाउंट नंबर के साथ फर्जी आधार जोड़कर स्कॉलरशिप की रकम प्राप्त की गई है. 30 से 40% फर्जी छात्र और 25 से 30% फर्जी संस्थानों को राशि का आवंटन किया गया और इस मामले का मुख्य सूत्रधार जिला सोनीपत रहा. हरियाणा के तीन और जिलों हिसार, पानीपत और फतेहाबाद में भी गड़बड़ी हुई है.
इन पर हुआ मामला दर्ज
के.पी सिंह ने बताया कि राज्य कल्याण विभाग के उपनिदेशक अनिल कुमार, उपनिदेशक राजेंद्र सिंह सांगवान, सेवानिवृत्त सहायक जितेंद्र सिंह, सहायक बीरेंद्र सिंह, डाटा एंट्री ऑपरेटर कुलजीत सिंह, जिला कल्याण अधिकारी सोनीपत सुशील सिंह, कार्यवाहक जिला कल्याण अधिकारी सोनीपत सुरेंद्र कुमार, जिला कल्याण अधिकारी रोहतक श्रीमती रेनू सिसोदिया, सेवानिवृत्त कार्यवाहक जिला कल्याण अधिकारी रोहतक बलवान सिंह सहित कई कर्मचारियों पर अपराधिक षड्यंत्र रच कर आर्थिक हानि पहुंचाने की FIR दर्ज की गई है. इन आरोपियों पर धारा 218, 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है.