पानीपत: चर्चित हरीश शर्मा सुसाइड मामले में बड़ी बात सामने आई है. हरीश शर्मा मामले में पुलिस कर्मचारियों पर हरीश शर्मा पर दबाव बनाने व आत्महत्या के लिए उकसाने सहित कई गंभीर आरोप लगे थे. जिसमें पानीपत की पूर्व एसपी मनीषा चौधरी पर भी संगीन आरोप लगे थे. जिस पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा के गृह मंत्री ने एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे.
गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर रोहतक रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संदीप खिरवार के नेतृत्व में बनाई गई एसआईटी ने तत्कालीन एसपी मनीषा चौधरी समेत सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है.
एसआईटी का कहना है कि हरीश शर्मा सुसाइड में तत्कालीन एसपी के साथ तत्कालीन चौकी प्रभारी बलजीत, एसआई महाबीर सिंह और दो यू-ट्यूबर्स का सुसाइड से कोई भी लिंक नहीं मिला. जिसके चलते सभी को एसआईटी ने क्लीन चिट दी है. जबकि बलजीत और एसआई महाबीर दोनों इस केस में निलंबित चल रहे हैं.
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हालांकि इस मामले में पानीपत पुलिस के बड़े अधिकारी मीडिया के सामने कोई जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं. आत्महत्या मामले में पुलिस कर्मियों व यू-ट्यूबर के खिलाफ एसआईटी को पुख्ता सबूत नहीं मिले, जिसके कारण मॉडल टाउन थाने में दर्ज आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस रद्द कर दिया गया. इस बारे में शिकायतकर्ता और हरीश की बेटी पार्षद अंजलि शर्मा को जानकारी नहीं दी गई.
बता दें कि, 19 नवंबर 2020 को पूर्व पार्षद हरीश शर्मा ने बिंझौल के पास नहर में कूदकर जान दे दी थी, और उन्हें बचाने के लिए नहर में कूदे डिपो एसोसिएशन के पूर्व प्रधान राजेश शर्मा भी डूब गए थे. इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी.
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