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लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में कम हो गए अपराध- रिपोर्ट - haryana crime cases

प्रदेशभर में लॉकाडाउन के दौरान अपराझ के मामलों में भारी गिरावट देखने को मिली. इसका मुख्य कारण पुलिसकर्मियों द्वारा गश्त बढ़ाए जाना और अंतरराज्यीय और अंतर जिला में नाकों का लगाया जाना बताया जा रहा है. वहीं प्रदेश के डीजीपी ने सभी नागरिकों से अधिकतम सावधानी और सतर्कता बरतने की बात कही.

Reduction in crime cases in Haryana
पंचकूला: ''हरियाणा में आई अपराध के मामलों में गिरावट''
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Published : May 8, 2020, 12:33 PM IST

पंचकूला: प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान राहत भरी खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान क्राइम के ग्राफ में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इसका मुख्य कारण पुलिसकर्मियों द्वारा गश्त बढ़ाए जाना और अंतरराज्यीय और अंतर जिला में नाकों का लगाया जाना बताया जा रहा है. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही का दायरा कम होने के कारण भी अपराध के विभिन्न श्रेणियों में लॉकडाउन के दौरान एक प्रभावशाली और अभूतपूर्व गिरावट दर्ज की गई है

बताया जा राह है कि पिछले साल अप्रैल महीने और इस अप्रैल के दौरान क्राइम के मामलों में 50% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. बता दें कि इसी अवधि में हत्या के मामलों की संख्या गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 94 से घटकर 49 रह गई है. जो 47.9 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.

वहीं रोड एक्सीडेंट में चोटिल होने के मामले में भी गिरावट देखने को मिली है. अप्रैल 2019 में रोड एक्सीडेंट में चोटिल होने के 221 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं इस वर्ष 149 मामले दर्ज किए गए हैं. जिसके परिणाम स्वरूप 32.6% की गिरावट देखने को मिली है. वहीं लड़कों और पुरुषों के अपहरण की वारदातें के मामलों में भी अप्रैल 2019 की चुलना में 2020 में 84% कम दर्ज की गई है.

साथ ही धारा 346 के तहत दर्ज होने वाले कारावास के मामलों में 76.7 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है. जो अप्रैल 2019 में 965 मामले थे. वो अभी घटकर इस साल 225 रह गए हैं. इसी प्रकार क्रिमिनल ट्रेसपास की वारदातों में गत माह इसी अवधि के दौरान 47 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.

वहीं संपत्ति के खिलाफ अपराध की बात करें तो अप्रैल 2020 में सेंधमारी के मामलों में 35 फ़ीसदी की गिरावट आई है. अप्रैल 2019 में 556 मामले सामने आए थे. वहीं इस साल अप्रैल में केवल 358 मामले दर्ज किए गए हैं. बता दें कि चोरी की वारदातों ने अपराध में भारी गिरावट को स्पष्ट किया है. अप्रैल 2019 में 1961 मामले चोरी के दर्ज किए गए थे. वहीं इस साल घटकर 355 रह गए हैं. वहीं मोटर वाहन चोरी के मामले अप्रैल 2019 में 1424 दर्ज किए गए थे. वहीं इस साल अप्रैल में घटकर मात्र 217 रह गए हैं.

इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान आईपीसी की धारा 188 का उल्लंघन करने के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिला है. पुलिस ने आपदा प्रबंधन अधिनियम और हरियाणा महामारी नियमन 2020 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 2681 मामले दर्ज किए है. जबकि गत वर्ष अप्रैल में केवल 26 मामले दर्ज किए गए थे.

ये भी पढ़िए: किसानों को नहीं होने देंगे कोई समस्या, खाते में जल्द आ जाएंगे फसल के पैसे- जेपी दलाल

वहीं हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि गंभीर अपराधों में आई गिरावट एक अस्थाई घटना है. क्योंकि ये असाधारण परिस्थितियों में हुआ है. उन्होंने कहा कि सभी पुलिस इकाइयों को इस संबंध में बहुत सावधानी बरतने के आदेश जारी किए जा रहे हैं. डीजीपी ने ये भी उल्लेख किया कि लॉकडाउन के खुलने पर अपराध का शिकार होने से बचने के लिए सभी नागरिकों को अधिकतम सावधानी और सतर्कता बरतने के लिए एक एडवाइजरी जारी की जाएगी.

पंचकूला: प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान राहत भरी खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान क्राइम के ग्राफ में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इसका मुख्य कारण पुलिसकर्मियों द्वारा गश्त बढ़ाए जाना और अंतरराज्यीय और अंतर जिला में नाकों का लगाया जाना बताया जा रहा है. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही का दायरा कम होने के कारण भी अपराध के विभिन्न श्रेणियों में लॉकडाउन के दौरान एक प्रभावशाली और अभूतपूर्व गिरावट दर्ज की गई है

बताया जा राह है कि पिछले साल अप्रैल महीने और इस अप्रैल के दौरान क्राइम के मामलों में 50% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. बता दें कि इसी अवधि में हत्या के मामलों की संख्या गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 94 से घटकर 49 रह गई है. जो 47.9 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.

वहीं रोड एक्सीडेंट में चोटिल होने के मामले में भी गिरावट देखने को मिली है. अप्रैल 2019 में रोड एक्सीडेंट में चोटिल होने के 221 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं इस वर्ष 149 मामले दर्ज किए गए हैं. जिसके परिणाम स्वरूप 32.6% की गिरावट देखने को मिली है. वहीं लड़कों और पुरुषों के अपहरण की वारदातें के मामलों में भी अप्रैल 2019 की चुलना में 2020 में 84% कम दर्ज की गई है.

साथ ही धारा 346 के तहत दर्ज होने वाले कारावास के मामलों में 76.7 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है. जो अप्रैल 2019 में 965 मामले थे. वो अभी घटकर इस साल 225 रह गए हैं. इसी प्रकार क्रिमिनल ट्रेसपास की वारदातों में गत माह इसी अवधि के दौरान 47 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.

वहीं संपत्ति के खिलाफ अपराध की बात करें तो अप्रैल 2020 में सेंधमारी के मामलों में 35 फ़ीसदी की गिरावट आई है. अप्रैल 2019 में 556 मामले सामने आए थे. वहीं इस साल अप्रैल में केवल 358 मामले दर्ज किए गए हैं. बता दें कि चोरी की वारदातों ने अपराध में भारी गिरावट को स्पष्ट किया है. अप्रैल 2019 में 1961 मामले चोरी के दर्ज किए गए थे. वहीं इस साल घटकर 355 रह गए हैं. वहीं मोटर वाहन चोरी के मामले अप्रैल 2019 में 1424 दर्ज किए गए थे. वहीं इस साल अप्रैल में घटकर मात्र 217 रह गए हैं.

इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान आईपीसी की धारा 188 का उल्लंघन करने के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिला है. पुलिस ने आपदा प्रबंधन अधिनियम और हरियाणा महामारी नियमन 2020 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 2681 मामले दर्ज किए है. जबकि गत वर्ष अप्रैल में केवल 26 मामले दर्ज किए गए थे.

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वहीं हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि गंभीर अपराधों में आई गिरावट एक अस्थाई घटना है. क्योंकि ये असाधारण परिस्थितियों में हुआ है. उन्होंने कहा कि सभी पुलिस इकाइयों को इस संबंध में बहुत सावधानी बरतने के आदेश जारी किए जा रहे हैं. डीजीपी ने ये भी उल्लेख किया कि लॉकडाउन के खुलने पर अपराध का शिकार होने से बचने के लिए सभी नागरिकों को अधिकतम सावधानी और सतर्कता बरतने के लिए एक एडवाइजरी जारी की जाएगी.

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