पंचकूला: प्रदेश में आम जनता कोरोना महामारी से जद्दोंजहद करने में लगी हुई है. वहीं कुछ शातिर चोर इस दौरान लोगों की जेब काटने में लगे हुए हैं. बताया जा रहा है कि शातिर चोर वाट्सएप, ईमेल, फेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कुछ लिंक भेजकर लोगों के बैंक खातों में सेंधमारी करने का काम कर रहे हैं. इसके चलते सोमवार को हरियाणा पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है.
हरियाणा पुलिस ने कोविड-19 लॉकडाउन के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों को व्हाट्सएप और ईमेल पर आने वाले फर्जी लिंक से सावधान रहने की सलाह दी है. पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वो सोशल मीडिया और ईमेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें. क्योंकि ऐसा करने से वो साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं.
हरियाणा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह विर्क ने बताया कि साइबर अपराधी लॉकडाउन का फायदा उठाकर भोले भाले नागरिकों के बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. इसलिए कोविड-19 के नाम पर सोशल मीडिया और ईमेल पर आने वाले किसी भी फर्जी लिंक को खोलने से लोगों को बचना चाहिए. ताकि धोखाधड़ी का शिकार होने से बचा जा सके.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह विर्क ने साइबर अपराध के तरीकों का विवरण देते हुए बताया कि साइबर अपराधी पीएम केयर फंड से मिलती-जुलती नकली यूपीआई आईडी के माध्यम से डोनेशन बारे कहकर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार आपदा प्रबंधन को फर्जी बैंक खाता सोशल मीडिया पर डालकर उसमें पैसा जमा कराने के लिए कह रहे हैं.
उन्होंने बताया कि साइबर ठगी से बचने के लिए सोशल साइट्स पर डाले गए किसी भी असत्यापित खाते में रूपये ना जमा करवाएं. उन्होंने कहा कि दान करने से पहले पूरी जांच कर ले इसके लिए आधिकारिक लिंग का ही प्रयोग करें. साइबर ठगी के अन्य तरीकों में फर्जी ऑनलाइन शॉपिंग साइट बनाकर ज्यादा डिस्काउंट पर फेस मास्क, सैनिटाइजर बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करना, संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी वेबसाइट से मिलता-जुलता पेज बनाकर धोखाधड़ी करना, डब्ल्यूएचओ और अस्पताल से बता कर लोगों को कॉल करके कोरोना संक्रमण किट उपलब्ध करवाना, होम डिलीवरी के नाम पर ओटीपी मांग कर धोखाधड़ी करना शामिल है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह विर्क ने बताया कि लॉकडाउन में साइबर धोखाधड़ी करने वाले कोविड-19 से संबंधित मैलवेयर लिंक प्रसारित कर रहे हैं और इसे खोलते ही अपराधी रिसीवर के फोन और कंप्यूटर से पासवर्ड सहित गोपनीय डाटा चुरा लेते हैं. उन्होंने कहा कि आपकी थोड़ी सी चूक मेहनत की कमाई गवाह सकती है. इसलिए लोगों को अपने ईमेल और व्हाट्सएप पर ऐसे लिंक पर क्लिक करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए.
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उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सोशल मीडिया पर किसी प्रकार के फर्जी और असत्यापित लिंक को ना खोलें और अज्ञात नंबर द्वारा भेजे गए ओटीपी को साझा करने से बचें. क्योंकि इससे हैकर्स को उनकी निजी जानकारी हासिल हो सकती है. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस की साइबर क्राईम यूनिट ऐसे साइबर चोरों पर नकेल कसने के लिए सक्रिय रूप से काम भी कर रही है.