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कोरोना काल में सूना पड़ा हरियाणा का इकलौता टूरिस्ट हिल स्टेशन मोरनी, अब तक लाखों का नुकसान - पंचकूला समाचार

लॉकडाउन की वजह से मोरनी हिल्स पर्यटन स्थल सुनसान पड़ा है. मोरनी हिल्स के टूरिस्ट ऑफिसर अनिल कुमार ने बताया कि अप्रैल मई और जून-जुलाई टूरिज्म के हिसाब से पीक महीने होते हैं. इस बार लॉकडाउन की वजह से सब बंद हो गया.

economic cries on morni hills tourist places
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Published : Jun 11, 2020, 9:51 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 12:00 PM IST

पंचकूला: दिल्ली, चंडीगढ़ से नजदीक मोरनी हिल्स हरियाणा का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. हरे-भरे क्षेत्र से घिरा ये पर्वतीय गंतव्य एक शानदार वीकेंड गेवटे है, लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से ये शानदार पर्यटक स्थल करीब दो महीने से सुनसान पड़ा है.

मोरनी ब्लॉक में 100 से ज्यादा होटल और गेस्ट हाउस समेत कई छोटे रिजॉर्ट हैं. जो अब आर्थिक मंदी की मार से जूझ रहे हैं. रेड वुड रिसोर्ट के जनरल मैनेजर आरएस नेगी ने बताया कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से उनके व्यापार बुरा प्रभाव पड़ा है. भले ही अब सरकार ने होटल और रिसोर्ट खोलने की अनुमति दे दी हो. लेकिन लोग कोरोना के डर से नहीं आ रहे.

कोरोना काल में सूना पड़ा हरियाणा का इकलौता टूरिस्ट हिल स्टेशन मोरनी

अनलॉक वन में नियमों और शर्तों के साथ रिजार्ट और होटल्स को खोलने की इजाजत तो मिल गई, लेकिन कोरोना के डर से लोग घर में ही रहना पसंद कर रहे हैं. होटल और रिजॉर्ट मालिकों के मुताबिक पहले ही उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है और भविष्य में इसकी भरपाई भी नहीं होती दिख रही.

होटल और रिजॉर्ट मालिकों पर आर्थिक संकट

गोल्डन ट्यूलिप होटल के जनरल मैनेजर पतंजलि वर्मा ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. लॉकडाउन से पहले उनके पास शादियों की बुकिंग थी. लेकिन वो सारी केंसिल हो गई. जिसके बाद उनको लोगों का एडवांस भी लौटाना पड़ा. अब हालत ये है कि उन्हें इसकी भरपाई की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही. क्योंकि लोग घर से बाहर बहुत कम निकल रहे हैं.

हरियाणा टूरिज्म मोरनी के टूरिस्ट ऑफिसर अनिल कुमार ने बताया कि अप्रैल मई और जून-जुलाई टूरिज्म के हिसाब से पीक महीने होते हैं. इस बार लॉकडाउन की वजह से सब बंद हो गया. माउंटेन क्विल काम्प्लेक्स को हर महीने 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. अनिल कुमार ने बताया कि यहां माउंटेन क्विल कॉम्प्लेक्स है. जो लॉकडाउन से पहले ये कॉम्प्लेक्स खाली नहीं रहता था. इसकी बुकिंग भी ऑनलाइन 100 प्रतिशत रहती थी. माउंटेन क्विल में ज्यादातर पंजाब और दिल्ली के कस्टमर आते थे. जो अब ना के बराबर है.

टूरिस्ट ऑफिसर अनिल ने बताया कि मार्च-अप्रैल में यहां एक शादी की बुकिंग हुई थी. जिसे कोरोना और लॉकडाउन के चलते कैंसिल करना पड़ा. अनिल कुमार ने बताया कि इस कॉम्पलेक्स से 7 किलोमीटर आगे टिक्कर ताल नमक एक पिकनिक स्पॉट है. जहां टूरिस्ट पंजाब, दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, से मौज मस्ती करने आते हैं. लेकिन वो भी अब सुनसान पड़ा है. जिससे टिक्कर ताल को करीब 11 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन खुलने के बाद भी ज्वैलर्स परेशान, सोने के दाम बढ़ने से लाखों का नुकसान

1 महीने में 3500 के करीब टूरिस्ट मोरनी हिल्स में स्थित टिक्कर ताल झील में मौज मस्ती करने आते थे. लॉकडाउन के बाद एक भी टूरिस्ट यहां नहीं आया. पहले 1300 के करीब लोग हरियाणा टूरिज्म के माउंटेन क्विल कॉम्प्लेक्स में ठहरने आते थे, लॉकडाउन के बाद ये सूना पड़ा है. उन्होंने बताया कि सरकार की जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक ही अब आने वाले टूरिस्ट को रूम दिया जाता है. जिसमें सैनेटाइज करना, मास्क पहनना, इन बातों का ध्यान रखा जाता है. टिक्कर ताल पहुंचे टूरिस्ट ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से बहुत कम टूरिस्ट उन्हें यहां देखने को मिले हैं. कोरोना की आपदा से लोगों के मन में डर बना हुआ है. जिसके डर से लोग टिक्कर ताल में घूमने नहीं आ रहे.

पंचकूला: दिल्ली, चंडीगढ़ से नजदीक मोरनी हिल्स हरियाणा का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. हरे-भरे क्षेत्र से घिरा ये पर्वतीय गंतव्य एक शानदार वीकेंड गेवटे है, लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से ये शानदार पर्यटक स्थल करीब दो महीने से सुनसान पड़ा है.

मोरनी ब्लॉक में 100 से ज्यादा होटल और गेस्ट हाउस समेत कई छोटे रिजॉर्ट हैं. जो अब आर्थिक मंदी की मार से जूझ रहे हैं. रेड वुड रिसोर्ट के जनरल मैनेजर आरएस नेगी ने बताया कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से उनके व्यापार बुरा प्रभाव पड़ा है. भले ही अब सरकार ने होटल और रिसोर्ट खोलने की अनुमति दे दी हो. लेकिन लोग कोरोना के डर से नहीं आ रहे.

कोरोना काल में सूना पड़ा हरियाणा का इकलौता टूरिस्ट हिल स्टेशन मोरनी

अनलॉक वन में नियमों और शर्तों के साथ रिजार्ट और होटल्स को खोलने की इजाजत तो मिल गई, लेकिन कोरोना के डर से लोग घर में ही रहना पसंद कर रहे हैं. होटल और रिजॉर्ट मालिकों के मुताबिक पहले ही उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है और भविष्य में इसकी भरपाई भी नहीं होती दिख रही.

होटल और रिजॉर्ट मालिकों पर आर्थिक संकट

गोल्डन ट्यूलिप होटल के जनरल मैनेजर पतंजलि वर्मा ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. लॉकडाउन से पहले उनके पास शादियों की बुकिंग थी. लेकिन वो सारी केंसिल हो गई. जिसके बाद उनको लोगों का एडवांस भी लौटाना पड़ा. अब हालत ये है कि उन्हें इसकी भरपाई की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही. क्योंकि लोग घर से बाहर बहुत कम निकल रहे हैं.

हरियाणा टूरिज्म मोरनी के टूरिस्ट ऑफिसर अनिल कुमार ने बताया कि अप्रैल मई और जून-जुलाई टूरिज्म के हिसाब से पीक महीने होते हैं. इस बार लॉकडाउन की वजह से सब बंद हो गया. माउंटेन क्विल काम्प्लेक्स को हर महीने 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. अनिल कुमार ने बताया कि यहां माउंटेन क्विल कॉम्प्लेक्स है. जो लॉकडाउन से पहले ये कॉम्प्लेक्स खाली नहीं रहता था. इसकी बुकिंग भी ऑनलाइन 100 प्रतिशत रहती थी. माउंटेन क्विल में ज्यादातर पंजाब और दिल्ली के कस्टमर आते थे. जो अब ना के बराबर है.

टूरिस्ट ऑफिसर अनिल ने बताया कि मार्च-अप्रैल में यहां एक शादी की बुकिंग हुई थी. जिसे कोरोना और लॉकडाउन के चलते कैंसिल करना पड़ा. अनिल कुमार ने बताया कि इस कॉम्पलेक्स से 7 किलोमीटर आगे टिक्कर ताल नमक एक पिकनिक स्पॉट है. जहां टूरिस्ट पंजाब, दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, से मौज मस्ती करने आते हैं. लेकिन वो भी अब सुनसान पड़ा है. जिससे टिक्कर ताल को करीब 11 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन खुलने के बाद भी ज्वैलर्स परेशान, सोने के दाम बढ़ने से लाखों का नुकसान

1 महीने में 3500 के करीब टूरिस्ट मोरनी हिल्स में स्थित टिक्कर ताल झील में मौज मस्ती करने आते थे. लॉकडाउन के बाद एक भी टूरिस्ट यहां नहीं आया. पहले 1300 के करीब लोग हरियाणा टूरिज्म के माउंटेन क्विल कॉम्प्लेक्स में ठहरने आते थे, लॉकडाउन के बाद ये सूना पड़ा है. उन्होंने बताया कि सरकार की जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक ही अब आने वाले टूरिस्ट को रूम दिया जाता है. जिसमें सैनेटाइज करना, मास्क पहनना, इन बातों का ध्यान रखा जाता है. टिक्कर ताल पहुंचे टूरिस्ट ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से बहुत कम टूरिस्ट उन्हें यहां देखने को मिले हैं. कोरोना की आपदा से लोगों के मन में डर बना हुआ है. जिसके डर से लोग टिक्कर ताल में घूमने नहीं आ रहे.

Last Updated : Jun 12, 2020, 12:00 PM IST
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