पंचकूला: लॉकडाउन के चलते हरियाणा में क्राइम के स्तर में गिरावट आई है. पंचकूला जिला में भी क्राइम के स्तर में गिरावट आंकी गई है. ईटीवी भारत ने पंचकूला के डीसीपी मोहित हांडा से बात की तो मोहित हांडा ने बताया कि जहां तक क्राइम अगेंस्ट प्रॉपर्टी, सड़क हादसों की बात की जाए तो ऐसे मामलों में बहुत ज्यादा गिरावट आई है. जिसका कारण उन्होंने लॉकडाउन को बताया.
डीसीपी मोहित हांडा ने बताया कि लॉकडाउन के चलते लोग घरों से बाहर कम निकल रहे हैं. विशेष तौर पर सड़क हादसों में बहुत ज्यादा गिरावट आई है. उन्होंने बताया कि 22 मार्च से 21 अप्रैल तक पिछले साल 25 सड़क हादसों के मामले सामने आए थे और इस बार 22 मार्च से 21 अप्रैल तक केवल 2 ही सड़क हादसे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते घरों में हो रही चोरी, वाहनों की हो रही चोरी, लड़ाई-झगड़े जैसे मामले लॉकडाउन से पहले ज्यादा सामने आते थे लेकिन लॉकडाउन के बाद इन मामलों में भी ज्यादा कटौती हुई है.
डीसीपी ने बताया कि लॉकडाउन में कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर 350 से 400 कॉल रोजाना आ रही है. इसमें से 40% कॉल लॉकडाउन से संबंधित ही हैं. जैसे कि कोई बाहर से आकर पंचकूला में फंसा हुआ है या फिर किसी को दवाई की या खाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि ऐसी कॉल को लेकर जिला प्रशासन के साथ पुलिस मिलकर लोगों की शिकायतों को सुलझाया जा रहा है.
पंचकूला के डीसीपी मोहित हांडा ने बताया कि इस साल जनवरी- फरवरी के महीने में उद्घोषित अपराधियों को लेकर एक मुहीम चलाई गई थी और उच्च न्यायालय के भी आदेश थे कि जिन-जिन बड़े मामलों में भगोड़े घोषित किए गए हैं. उन मामलों में मुकदमा दर्ज किए गए और आगे कार्रवाई की जाए. जिसके कारण भगोड़ों को लेकर ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.
डीसीपी ने बताया कि लॉकडाउन के बीच क्राइम अगेंस्ट वूमन में भी कमी आंकी गई है. हालांकि उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि क्राइम अगेंस्ट वूमन कम रिपोर्ट हो रहा है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से पुलिस मुख्यालय के आदेश हैं कि यदि कोई भी शिकायत महिला विरुद्ध अपराध की मिलती है. उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और इसी के मद्देनजर महिला संबंधित मामलों में लापरवाही ना बरतते हुए महिला विरूध अपराध के मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं.
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