कुरुक्षेत्र: हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधन एक्ट 2014 को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद से ही छठी पातशाही गुरुद्वारा कुरुक्षेत्र (GURDWARA CHHATHI PATSHAHI OF KURUKSHETRA) में हलचलें काफी बढ़ गई हैं. एचएसजीपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल आगामी रणनीति को लेकर छठी पातशाही गुरुद्वारा में आज मीटिंग करने की बात कही है. इस बैठक में हजारों की तादाद में सिख समाज के लोगों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में किसी भी गुट के बीच कोई टकराव की स्थिति ना पैदा हो इसके मद्देनजर कुरुक्षेत्र छठी पातशाही गुरुद्वारे के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा फायर ब्रिगेड की भी गाड़ियां मौके पर तैनात कर दी गई हैं. गुरुद्वारे के बाहर पुलिस की कुल तीन टुकड़ियां मौजूद हैं.
अलर्ट पर हरियाणा पुलिस- सरकार ने सभी सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को अलर्ट कर दिया है. सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता प्रबंध किये गये हैं. किसी भी गुट में कोई टकराव ना हो उसी के मद्देनजर कुरुक्षेत्र छठी पातशाही गुरुद्वारे के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. गुरुद्वारे के बाहर भारी संख्या में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर तैनात की गई हैं ताकि अगर कोई भी शरारती तत्व किसी भी तरीके की अप्रिय घटना को अंजाम देना चाहे तो उसको तुरंत काबू कर लिया जाए. बता दें कि कुरुक्षेत्र का छठी पातशाही गुरुद्वारा हरियाणा के सबसे बड़े गुरुद्वारों में शामिल है. हरियाणा के सिख प्रबंधन कमेटी ने पंजाब की कमेटी से अलग होने का संघर्ष इसी गुरुद्वारे से शुरु किया था. 2014 में हरियाणा के गुरुद्वारों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने संघर्ष शुरू किया था. हरियाणा के कई गुरुद्वारों में प्रबंधन की कमान लेने के लिए HSGPC और SGPC के बीच खूनी संघर्ष भी हुआ था.
सुप्रीम कोर्ट को माने SGPC - इस मामले पर एचएसजीपीसी के पूर्व प्रधान जगदीश झींडा ने कहा कि 2001 से शुरू हुई सिख समाज के अधिकारों की लड़ाई अब परवान चढ़ी है. झींडा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया और हरियाणा के सिख संगत को शुभकामनायें दी. एसजीपीसी और सुखबीर बादल के रिव्यू पेटीशन डालने की बात पर उन्होंने कहा कि ये उनका अधिकार है लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मानना चाहिए, उन्हें अपनी और बेइज्जती नहीं करानी चाहिए. अगर वो हमें गुरुद्वारों की सेवा नहीं सौंपते हैं तो हम हरियाणा के सीएम से मुलाकात करके आगे की रणनीति बनायेंगे.
सुप्रीम कोर्ट से बड़े हो गये बादल- मैं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से ये कहना चाहता हूं कि आप क्या सुप्रीम कोर्ट से बड़े हो गये हैं. आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. आप कह रहे हैं कि सप्रीम कोर्ट को पता ही नहीं है. इसका मतलब है सुखबीर बादल सुप्रीम कोर्ट के जज से सयाने हैं. उनको अब हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का साथ देना चाहिए. वो हमारे बड़े भाई हैं.
हरियाणा में कुल 72 गुरुद्वारे- जगदीश झींडा ने कहा कि हम शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को एक लेटर लिख रहे हैं. हरियाणा में कुल 72 गुरुद्वारे हैं. जिनमें से 67 की सेवा एसजीपीसी के पास है और 5 की हमारे पास है. एसजीपीसी से हम आग्रह करेंगे कि हरियाणा के सभी 67 गुरुद्वारे की सेवा हमें सौंप दें. अगर वो नहीं सौंपते तो हम हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात करेंगे और कानून के हिसाब से आगे की लड़ाई लड़ेंगे.