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लॉकडाउन 2.0: शाहबाद में 24 लावारिस और 15 परिचित लोगों की अस्थियों का नहीं हुआ विसर्जन - शाहबाद स्वर्गआश्रम

कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लगभग 24 लावारिस और 15 परिचित लोगों की अस्थियां अभी तक भी विसर्जन का इंतजार कर रही हैं. लोग 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश में एक बार फिर से लॉकडाउन 19 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है.

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विसर्जन का इंतजार
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Published : Apr 20, 2020, 3:22 PM IST

कुरुक्षेत्र: कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एक बार फिर से देशभर को लॉकडाउन किया गया है. आवाजाही के सब साधन बंद हैं. ऐसे में लोग अपने उन परिजनों की अस्थियों का विसर्जन भी नहीं कर पा रहे. जिनकी मृत्यु लॉकडाउन से ठीक पहले हुई है.

विसर्जन का इंतजार

कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लगभग 24 लावारिस और 15 परिचित लोगों की अस्थियां अभी तक भी विसर्जन का इंतजार कर रही हैं. लोग 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश में एक बार फिर से लॉकडाउन 19 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. ऐसे में लोगों को और ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है. अपने सगे संबंधियों के अंतिम संस्कार करने के बाद भी अस्थियां अभी भी शाहबाद के स्वर्गाश्रम में रखी हुई हैं.ट

कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लगभग 24 लावारिस और 15 परिचित लोगों की अस्थियां अभी तक भी विसर्जन का इंतजार कर रही हैं.

बताया जाता है कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के लोग अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार नहीं जाते. सरस्वती नदी का क्षेत्र होने के कारण, राजा कुरु को मिले वरदान के चलते यहां से अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार नहीं जाते. लेकिन शाहबाद के कुछ लोगों का मानना है कि शाहबाद के लोग अक्सर अपने सम्बंधियों की अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार ही जाते हैं.

शाहबाद स्वर्गआश्रम के सेवादार अशोक कुमार ने बताया कि 23 मार्च के बाद 15 शवों के संस्कार किए गए हैं और परिजनों ने अस्थियों को संग्रह कर स्वर्गाश्रम के कमरे में रखवा दिए गए है. सेवादार अशोक कुमार ने बताया कि इन शवों से अलग लावारिस लोगों के 24 शव भी दूसरे कमरे में रखे हुए हैं. इन सब अस्थियों का विसर्जन लॉकडाउन के चलते नहीं हुआ है.

अशोक कुमार ने बताया कि अक्सर संस्कार के समय लोगों की भीड़ होती थी. वहीं लॉकडाउन के चलते 10 से 15 परिजन ही संस्कार के लिए आते हैं. इतना ही नही संस्कार के समय सामाजिक दूरी का भी विशेष ध्यान दिया जाता है.

वहीं दूसरी ओर नगर की सामाजिक संस्था हेल्पर सोसायटी के अध्यक्ष तिलकराज ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा ही लावारिस शवों का संस्कार कर किया जाता है. 3 महीने की अवधि में जितनी भी अस्थियां स्वर्गाश्रम में जमा होती हैं. उन सबका विसर्जन हरिद्वार श्री गंगा जी मे किया जाता है लेकिन लॉकडाउन के कारण विसर्जन नहीं हो पा रहे है.

ये भी पढ़ें- कैथलः गेहूं काटने के बाद भी किसान चिंतित, कहीं बारिश न बर्बाद कर दे मेहनत

कुरुक्षेत्र: कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एक बार फिर से देशभर को लॉकडाउन किया गया है. आवाजाही के सब साधन बंद हैं. ऐसे में लोग अपने उन परिजनों की अस्थियों का विसर्जन भी नहीं कर पा रहे. जिनकी मृत्यु लॉकडाउन से ठीक पहले हुई है.

विसर्जन का इंतजार

कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लगभग 24 लावारिस और 15 परिचित लोगों की अस्थियां अभी तक भी विसर्जन का इंतजार कर रही हैं. लोग 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश में एक बार फिर से लॉकडाउन 19 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. ऐसे में लोगों को और ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है. अपने सगे संबंधियों के अंतिम संस्कार करने के बाद भी अस्थियां अभी भी शाहबाद के स्वर्गाश्रम में रखी हुई हैं.ट

कुरुक्षेत्र के शाहबाद में लगभग 24 लावारिस और 15 परिचित लोगों की अस्थियां अभी तक भी विसर्जन का इंतजार कर रही हैं.

बताया जाता है कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के लोग अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार नहीं जाते. सरस्वती नदी का क्षेत्र होने के कारण, राजा कुरु को मिले वरदान के चलते यहां से अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार नहीं जाते. लेकिन शाहबाद के कुछ लोगों का मानना है कि शाहबाद के लोग अक्सर अपने सम्बंधियों की अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार ही जाते हैं.

शाहबाद स्वर्गआश्रम के सेवादार अशोक कुमार ने बताया कि 23 मार्च के बाद 15 शवों के संस्कार किए गए हैं और परिजनों ने अस्थियों को संग्रह कर स्वर्गाश्रम के कमरे में रखवा दिए गए है. सेवादार अशोक कुमार ने बताया कि इन शवों से अलग लावारिस लोगों के 24 शव भी दूसरे कमरे में रखे हुए हैं. इन सब अस्थियों का विसर्जन लॉकडाउन के चलते नहीं हुआ है.

अशोक कुमार ने बताया कि अक्सर संस्कार के समय लोगों की भीड़ होती थी. वहीं लॉकडाउन के चलते 10 से 15 परिजन ही संस्कार के लिए आते हैं. इतना ही नही संस्कार के समय सामाजिक दूरी का भी विशेष ध्यान दिया जाता है.

वहीं दूसरी ओर नगर की सामाजिक संस्था हेल्पर सोसायटी के अध्यक्ष तिलकराज ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा ही लावारिस शवों का संस्कार कर किया जाता है. 3 महीने की अवधि में जितनी भी अस्थियां स्वर्गाश्रम में जमा होती हैं. उन सबका विसर्जन हरिद्वार श्री गंगा जी मे किया जाता है लेकिन लॉकडाउन के कारण विसर्जन नहीं हो पा रहे है.

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