करनाल: वायु प्रदूषण से कोरोना संक्रमण के बढ़ते संभावित खतरे को देखते हुए राज्य धीरे-धीरे दिवाली पर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर बैन लगा रहे हैं. अब तक आधा दर्जन से अधिक राज्य पटाखों पर बैन लगा चुके हैं और अब हरियाणा और चंडीगढ़ में भी इस पर बैन लगा दिया गया है.
बैन से व्यापारियों को होगा बड़ा नुकसान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदूषण से कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए पटाखों पर बैन के आदेश जारी कर दिए. वहीं सरकार के इस फैसले से पटाखा कारोबारियों के होश उड़ गए हैं. ईटीवी भारत ने इस फैसलों को लेकर व्यापारियों से बात की. व्यापारियों का कहना है कि दीपावली से हफ्ते भर पहले पटाखों पर अचानक बैन लगने से ट्रेडर्स को करोड़ों रुपयों का नुकसान होना तय है.
व्यापारियों का कहना है कि हम खट्टर सरकार के दिए गए निर्देशों का सम्मान करते हैं, और कोरोना को देखते हुए प्रदूषण भी ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन वो व्यापारी कहां जाएं जिन्होंने दो-तीन महीने पहले से ही पटाखों का स्टॉक लगा रखा है, अब वो उसे कहां लेकर जाएं.
कोरोना के कारण व्यापारी पहले से ही परेशान
गौरतलब है कि इस साल मार्च महीने से कोरोना शुरू हो गया था तब से लेकर अब तक व्यापारियों की हालत वैसे ही खराब है. अब दिवाली जो कि साल का एक अहम त्यौहार होता है उसके एक सप्ताह पहले ही सरकार ने व्यापारियों पर ये बम फोड़ दिया है. कुल मिलाकर अगर सरकार की मानें तो वो अपनी जगह सही नजर आ रही है, बशर्ते उन्हें अपने इन निर्देशों को दो या 3 महीने पहले से ही लागू कर देना चाहिए था ताकि पटाखा कारोबारियों को इस समय परेशानी से ना जूझना पड़ता.
इन राज्यों ने लगाया पटाखों पर बैन
बता दें कि, हरियाणा और चंडीगढ़ से पहले राजस्थान, ओडिशा, दिल्ली, सिक्किम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल राज्यों ने भी पटाखों की ब्रिकी और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने चाइनीज और विदेशी पटाखों के भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाई है. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने दिवाली के लिए एसओपी जारी कर राज्य के लोगों से दिवाली पर प्रदूषण से बचने के लिए पटाखें नहीं जलाने की अपील की है.
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