करनालः पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद कुमारी सैलेजा बुधवार को गांव गंगाटेहड़ी में पिछले 22 दिनों से चल रहे किसानों के धरने में पंहुची. इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को जाना और उनके संघर्ष को समर्थन करने का आश्वासन दिया. कुमारी सैलेजा ने कहा कि बीजेपी सत्ता के नशे में इतनी चूर हो चुकी है कि उसे जनता की समस्याओं से कोई सरोकार ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि किसान देश का पेट पालने वाला है और सबका एक समान विकास का दावा करने वाली सरकार मुआवजे को लेकर भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा है और उनके मुद्दे को वे शून्यकाल में भी उठाएंगी.
किसानों ने ज्ञापन सौंपा
आपको बता दें कि प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी के लिए अधिकृत की गई जमीन के अधिक मुआवजे को लेकर पिछले 22 दिनों से किसान धरने पर हैं. इन किसानों के समर्थन में पहुंची कुमारी सैलजा ने कहा कि बीजेपी ने दो हजार रुपये महीना पेंशन देकर किसानों को चुप कराने की कोशिश की. सैलजा ने कहा कि किसान चुप बैठने वाला नहीं है.
वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2013 में जमीन अधिगृहण कानून में संशोधन कर क्रांतिकारी फैसला लिया था और गंगाटेहड़ी के किसानों को भी उनका हक उसी हिसाब से मिलना चाहिए. किसानों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सैलजा को सौंपा.
केन्द्र सरकार संघीय ढांचे को समाप्त करने की रच रही है साजिश
पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी सैलेजा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा राज्य की ताकत को समाप्त करके संघीय ढांचे को ठेस पंहुचाना चाहती है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है, लेकिन कांग्रेस भाजपा को अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगी.
उन्होंने कहा कि आरटीआई एक्ट में संशोधन कर राज्य सरकारों के अधिकारों को छीना जा रहा है. उन्होने धारा 35ए पर पूछे गए सवाल पर गोल मोल जवाब देते हुए कहा कि सबकुछ कश्मीर से कन्याकुमारी तक संघीय ढांचे को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है.