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बदतर हालत में सीएम सिटी करनाल के शौचालय, कहीं गंदगी तो कहीं लटका है ताला - करनाल सार्वजनिक शौचालय स्थिति

सरकार ने करनाल शहर में लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर कई सार्वजनिक शौचालय बनाए थे. इन सार्वजनिक शौचालय की हालात अब कैसी है इसका जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने इन शौचालयों का दौरा किया, और इस दौरान शौचालयों में जो देखने को मिला वो चौंकाने वाला था.

public toilets condition in karnal
public toilets condition in karnal
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Published : Jan 20, 2021, 5:36 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 7:58 PM IST

करनाल: 'एक कदम स्वच्छता की ओर' के नारे के साथ सरकार ने जगह-जगह शौचालय बनाए थे. करनाल शहर में कई सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया था. इन शौचालयों को बनाने में क्या जरूरी मानकों की पालना की गई और इन शौचालयों की मौजूदा स्थिति कैसी है. इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने इन शौचालयों का दौरा किया.

इस दौरान हमारी टीम को ज्यादातर शौचालयों में साफ-सफाई की व्यवस्था खस्ताहाल ही मिली. कहीं शौचालयों पर गंदगी का अंबार लगा था तो कहीं पानी नहीं था, कई शौचालयों पर तो ताले लटके मिले. इन शौचालयों को लेकर हमने स्थानीय लोगों से भी बात की जो कि यहां फैली गंदगी को लेकर नाराज दिखे.

स्थानीय लोगों ने कहा कि हम कई बार शिकायत कर चुके हैं उसके बाद कहीं-कहीं पर अब साफ सफाई के लिए कभी-कभी कर्मचारी आते हैं, लेकिन स्थाई तौर पर कोई भी कर्मचारी रोजाना सफाई के लिए नहीं आता. यहां पर हालत ऐसी है कि बैठना भी मुश्किल हो जाता है, पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैली रहती है.

देखिए करनाल में बने शौचालयों की हालत, कहीं फैली गंदगी तो कहीं लटका है ताला

बता दें कि, पूरे शहर में 245 सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं जिनकी साफ सफाई नगर निगम करवाता है. वहीं इन शौचालयों के रखरखाव और इनके निर्माण को लेकर हमने करनाल नगर निगम की ईओ से भी बात की.

ये भी पढ़ें- घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान हुआ आम जन, बोले- महंगाई नहीं, कमाई बढ़ाओ सरकार

नगर निगम की ईओ निशा शर्मा ने कहा कि शहर में जहां भी जरूरत है उस आधार पर सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं और ठेकेदार के द्वारा वहां पर साफ-सफाई के लिए कर्मचारी भी नियुक्त किए हुए हैं ताकि कहीं भी किसी तरह की दुर्गंध इत्यादि ना फैले.

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शहर में सार्वजनिक शौचालय की संख्या सही है. कहीं भी फिलहाल और शौचालय बनाने की आवश्यकता नहीं है. हमारे पास कर्मचारियों की संख्या कम है इसलिए कहीं पर साफ-सफाई सही तरीके से नहीं हो पाती इसलिए हम टेंडर निकाल रहे हैं जिस कंपनी को टेंडर दिया जाएगा वही उसका रखरखाव करेगी और साफ-सफाई का ध्यान रखेगी.

बहरहाल हमारी टीम ने पाया कि ज्यादातर सार्वजनिक शौचालयों की हालत काफी खराब है. प्रशासन को चाहिए कि समय-समय पर वहां पर साफ-सफाई होती रहे और जो लाखों करोड़ों रुपये लगाकर ये शौचालय बनाए गए हैं, आमजन इनको उपयोग में ला सकें. फिलहाल तो सीएम सिटी के शौचालय सफेद हाथी बनते हुए दिखाई दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पत्नी वियोग में पुलिसवाला बना 'मोक्षदाता', 30 हजार लोगों का कर चुका है पिंडदान

करनाल: 'एक कदम स्वच्छता की ओर' के नारे के साथ सरकार ने जगह-जगह शौचालय बनाए थे. करनाल शहर में कई सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया था. इन शौचालयों को बनाने में क्या जरूरी मानकों की पालना की गई और इन शौचालयों की मौजूदा स्थिति कैसी है. इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने इन शौचालयों का दौरा किया.

इस दौरान हमारी टीम को ज्यादातर शौचालयों में साफ-सफाई की व्यवस्था खस्ताहाल ही मिली. कहीं शौचालयों पर गंदगी का अंबार लगा था तो कहीं पानी नहीं था, कई शौचालयों पर तो ताले लटके मिले. इन शौचालयों को लेकर हमने स्थानीय लोगों से भी बात की जो कि यहां फैली गंदगी को लेकर नाराज दिखे.

स्थानीय लोगों ने कहा कि हम कई बार शिकायत कर चुके हैं उसके बाद कहीं-कहीं पर अब साफ सफाई के लिए कभी-कभी कर्मचारी आते हैं, लेकिन स्थाई तौर पर कोई भी कर्मचारी रोजाना सफाई के लिए नहीं आता. यहां पर हालत ऐसी है कि बैठना भी मुश्किल हो जाता है, पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैली रहती है.

देखिए करनाल में बने शौचालयों की हालत, कहीं फैली गंदगी तो कहीं लटका है ताला

बता दें कि, पूरे शहर में 245 सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं जिनकी साफ सफाई नगर निगम करवाता है. वहीं इन शौचालयों के रखरखाव और इनके निर्माण को लेकर हमने करनाल नगर निगम की ईओ से भी बात की.

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नगर निगम की ईओ निशा शर्मा ने कहा कि शहर में जहां भी जरूरत है उस आधार पर सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं और ठेकेदार के द्वारा वहां पर साफ-सफाई के लिए कर्मचारी भी नियुक्त किए हुए हैं ताकि कहीं भी किसी तरह की दुर्गंध इत्यादि ना फैले.

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शहर में सार्वजनिक शौचालय की संख्या सही है. कहीं भी फिलहाल और शौचालय बनाने की आवश्यकता नहीं है. हमारे पास कर्मचारियों की संख्या कम है इसलिए कहीं पर साफ-सफाई सही तरीके से नहीं हो पाती इसलिए हम टेंडर निकाल रहे हैं जिस कंपनी को टेंडर दिया जाएगा वही उसका रखरखाव करेगी और साफ-सफाई का ध्यान रखेगी.

बहरहाल हमारी टीम ने पाया कि ज्यादातर सार्वजनिक शौचालयों की हालत काफी खराब है. प्रशासन को चाहिए कि समय-समय पर वहां पर साफ-सफाई होती रहे और जो लाखों करोड़ों रुपये लगाकर ये शौचालय बनाए गए हैं, आमजन इनको उपयोग में ला सकें. फिलहाल तो सीएम सिटी के शौचालय सफेद हाथी बनते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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Last Updated : Jan 20, 2021, 7:58 PM IST
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