करनाल: कोरोना काल में कोविड-19 के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर आई है. करनाल शहर के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के भूतल पर प्लाज्मा बैंक की शुरूआत की गई है. उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने मेडिकल कॉलेज में जाकर प्लाज़्मा बैंक की शुरूआत की और प्लाज़्मा के प्रथम दानवरी श्रवण बठला को बधाई दी. साथ ही कोविड-19 महामारी में मानवता के हित में प्लाज़्मा दान करने पर स्मृत्ति चिन्ह के साथ सम्मानित भी किया.
ऐसे काम करेगा प्लाज्मा बैंक
केसी जीएमसी निदेशक डॉ. जगदीश दुरेजा ने बताया कि ऐसे कोविड मरीज जिन्हें ठीक हुए दो सप्ताह हो गए हों और उनमें एंटीबॉडी मौजूद हों. ऐसे व्यक्तियों का ब्लड लेकर उसमें से प्लाज़्मा सेपरेट करेंगे. सेपरेशन का काम बैंक में रखी स्पैक्ट्रो ऑपटिया मशीन करती है. ऐसी दो मशीने हैं, जो 52 लाख की लागत से लगाई गई हैं. उन्होंने बताया जैसे ही ब्लड मशीन में जाएगा, उसमें लगी छलनी के ऊपर जो द्रव्य रह जाएगा, वह प्लाज़्मा है. इसे सुरक्षित करने के लिए बैंक में कई सुविधाएं हैं.
इस बारे में डॉक्टर जगदीश दुरेजा ने बताया कि इसके लिए बैंक के स्टोर में माइनस 80 डिग्री का रेफ्रीजरेटर मौजूद है. जिसकी केपेस्टी 400 यूनिट प्लाज़्मा रखे जाने की है. सामान्य रक्त अधिकतम 3 सप्ताह तक रखा जा सकता है. जबकि प्लाज़्मा एक वर्ष तक स्टोर कर सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एक डोनर से दान दिया गया प्लाज़्मा दो कोविड-19 रोगियों को ठीक कर सकता है.
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