करनाल: सीएम सिटी का वो अस्पताल जो करनाल की बेटी कल्पना चावला के नाम पर बनाया गया. कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, जिसके नाम पर सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तक वाह वाही बटोरते हैं लेकिन वो वाहवाही सिर्फ हवाहवाई है क्योंकि अंदर की हकीकत कुछ और है.
लोगों को रोजाना यहां अपने इलाज के भटकना पड़ता है और परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में एक परिवार इस उम्मीद के साथ पहुंचा था कि अच्छा इलाज मिलेगा लेकिन हॉस्पिटल में इस मरीज को भर्ती किया गया और एमआरआई के लिए तारीख जून महीने की दे दी गई यानि के चार महीने के बाद की.
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अब आप ही सोचिए कि 4 महीने के अंदर इस मरीज की हालत क्या हो जाएगी. मरीज के दोनों पैर सुन थे, वो चल नहीं पा रहा था. मरीज की पत्नी और बच्चे परेशान हैं, उनके पास इतने पैसे भी नहीं कि वो बाहर से एमआरआई करवा सकें. सरकार को समझने की जरूरत है कि ये हाल करनाल का है, जिसे सीएम सिटी का दर्जा दिया गया है.
फिलहाल सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बड़े-बड़े जनता दरबार लगाकर लोगों के दुखों को दूर करने का दावा करते हैं. वे एक नज़र इस अस्पताल पर भी आकर डाल लेंगे तो उन्हें हकीकत मालूम चल जाएगी. खुद डॉक्टर मानते हैं कि कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में सिर्फ एक ही रेडियोलाजिस्ट है, एक ही एमआरआई मशीन है, जिसके चलते लोगों को एमआरआई के लिए 4-5 महीने की तारीख दी जाती है. बहराल अब देखना ये होगा कि क्या मीडिया में खबर आने के बाद हॉस्पिटल में इलाज को लेकर कुछ सुधार होता है या फिर यूं ही लेट-लतीफी के साथ काम चलता रहेगा.
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