करनालः नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी पर कार्रवाई को लेकर चलाई गई ईटीवी भारत की मुहिम आखिरकार रंग लाई है. करनाल के बस्तली गांव में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राजीव भूटानी को निलंबित कर दिया गया है. ये वही राजीव भूटानी हैं जिन्हें पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था और कोर्ट ने इन्हें जेल भेज दिया था.
क्या है ताजा अपडेट ?
नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी राजीव भूटानी को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें उस दिन से ही निलंबित माना जाएगा जिस दिन उनकी गिरफ्तारी हुई थी. इससे पहले वो तीन महीने तक जेल में रहे थे. और वहां से आने के बाद प्रिंसिपल का पद फिर से संभाल लिया था.
कौन हैं राजीव भूटानी ?
राजीव भूटानी करनाल के गांव बस्तली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे. उन्हें नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था. राजीव भूटानी उस वक्त बीईओ की भूमिका भी निभा रहे थे.
ऐसे जागे अधिकारी
- राजीव भूटानी ने जेल से आने के बाद प्रिंसिपल का पद फिर से संभाला था
- ये नियमों के मुताबिक गलत था और विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा था
- ईटीवी भारत ने शिक्षा विभाग से सवाल किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
- फिर ईटीवी भारत ने जिला उपायुक्त से सवाल किया, कार्रवाई नहीं हुई
- इसके बाद ईटीवी भारत ने सीएम से सवाल किया, लेकिन जवाब नहीं मिला
- सीएम से दोबारा सवाल किया तो सीएम ने आचार संहिता का हवाला दिया
- इन सब अधिकारियों और सीएम से लगातार सवाल करने के बाद कार्रवाई हुई
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कैसे गिरफ्त में आए राजीव भूटानी
नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड में खबर फैलने के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया था उन्होंने रिमांड के दौरान बताया कि राजीव भूटानी को ही पेपर उपलब्ध कराना था. जिसका सौदा 2 लाख रुपए में हुआ था और उसमें से एक लाख रुपए राजीव भूटानी को एडवांस दे दिए गए थे लेकिन इससे पहले कि पेपर लीक होता आरोपी गिरफ्तार हो गए और सारी पोल खुल गई. इसके बाद राजीव भूटानी को गिरफ्तार कर लिया गया और रेवाड़ी जिला अदालत ने राजीव भूटानी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए जेल भेज दिया. जिसके 3 महीने बाद जेल बाहर आकर राजीव भूटानी ने फिर से प्रिंसिपल का पद संभाल लिया था.
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पूरा मामला समझिए
- 26 मई को नायब तहसीलदार पद क लिए परीक्षा होनी थी
- सुबह-सुबह पेपर लीक होने क खबर फैल गई
- पेपर लीक होने से पहले ही आरोपी पकड़े गए
- रिमांड के दौरान आरोपियों ने राजीव भूटानी का नाम बताया
- राजीव भूटानी को ही पेपर उपलब्ध कराना था
- राजीव भूटानी को इसके लिए आधे पैसे दिए जा चुके थे
- राजीव भूटानी उस वक्त बीईओ की जिम्मेदारी निभा रहे थे
- इसके बाद राजीव भूटानी को गिरफ्तार कर लिया गया
- राजीव भूटानी को रेवाड़ी कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गुनहगार माना
- कोर्ट ने राजीव भूटानी को जेल भेज दिया
- 3 महीने बाद राजीव भूटानी ने जेल से आकर प्रिंसिपल का पद संभाल लिया
- इसके बाद ईटीवी भारत ने लगातार आवाज उठाई
- आखिरकार 25 मई को शिक्षा विभाग ने राजीव भूटानी को निलंबित किया
अगर अभी कार्रवाई नहीं होती तो क्या होता ?
अगर इसी महीने राजीव भूचानी पर कार्रवाई नहीं होती तो इसका फायदा कोर्ट में उठा सकते थे. इसीलिए ईटीवी भारत लगातार अधिकारियों को बता रहा था कि राजीव भूटानी पर जल्द कार्रवाई क्यों जरूरी है. क्योंकि राजीव भूटानी नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी हैं और रेवाड़ी कोर्ट ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया है तो जल्द कार्रवाई होना जरूरी था.