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नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी राजीव भूटानी निलंबित

नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी राजीव भूटानी पर आखिरकार शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है. लगभग महीने भर से ईटीवी भारत अधिकारियों को उनका कर्तव्य याद दिला रहा था.

naib tehsildar exam paper leak case
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Published : Sep 26, 2019, 8:08 PM IST

करनालः नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी पर कार्रवाई को लेकर चलाई गई ईटीवी भारत की मुहिम आखिरकार रंग लाई है. करनाल के बस्तली गांव में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राजीव भूटानी को निलंबित कर दिया गया है. ये वही राजीव भूटानी हैं जिन्हें पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था और कोर्ट ने इन्हें जेल भेज दिया था.

क्या है ताजा अपडेट ?
नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी राजीव भूटानी को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें उस दिन से ही निलंबित माना जाएगा जिस दिन उनकी गिरफ्तारी हुई थी. इससे पहले वो तीन महीने तक जेल में रहे थे. और वहां से आने के बाद प्रिंसिपल का पद फिर से संभाल लिया था.

नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी राजीव भूटानी निलंबित

कौन हैं राजीव भूटानी ?
राजीव भूटानी करनाल के गांव बस्तली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे. उन्हें नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था. राजीव भूटानी उस वक्त बीईओ की भूमिका भी निभा रहे थे.
ऐसे जागे अधिकारी

  • राजीव भूटानी ने जेल से आने के बाद प्रिंसिपल का पद फिर से संभाला था
  • ये नियमों के मुताबिक गलत था और विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा था
  • ईटीवी भारत ने शिक्षा विभाग से सवाल किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
  • फिर ईटीवी भारत ने जिला उपायुक्त से सवाल किया, कार्रवाई नहीं हुई
  • इसके बाद ईटीवी भारत ने सीएम से सवाल किया, लेकिन जवाब नहीं मिला
  • सीएम से दोबारा सवाल किया तो सीएम ने आचार संहिता का हवाला दिया
  • इन सब अधिकारियों और सीएम से लगातार सवाल करने के बाद कार्रवाई हुई

ये भी पढ़ें- नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी पर कार्रवाई कब, सीएम भी आचार संहिता का हवाला देकर बच निकले

कैसे गिरफ्त में आए राजीव भूटानी
नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड में खबर फैलने के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया था उन्होंने रिमांड के दौरान बताया कि राजीव भूटानी को ही पेपर उपलब्ध कराना था. जिसका सौदा 2 लाख रुपए में हुआ था और उसमें से एक लाख रुपए राजीव भूटानी को एडवांस दे दिए गए थे लेकिन इससे पहले कि पेपर लीक होता आरोपी गिरफ्तार हो गए और सारी पोल खुल गई. इसके बाद राजीव भूटानी को गिरफ्तार कर लिया गया और रेवाड़ी जिला अदालत ने राजीव भूटानी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए जेल भेज दिया. जिसके 3 महीने बाद जेल बाहर आकर राजीव भूटानी ने फिर से प्रिंसिपल का पद संभाल लिया था.

ये भी पढ़ें- नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड: जेल जाने के बाद भी नहीं हुई मुख्य आरोपी पर कार्रवाई, फिर बना प्रधानाचार्य

पूरा मामला समझिए

  • 26 मई को नायब तहसीलदार पद क लिए परीक्षा होनी थी
  • सुबह-सुबह पेपर लीक होने क खबर फैल गई
  • पेपर लीक होने से पहले ही आरोपी पकड़े गए
  • रिमांड के दौरान आरोपियों ने राजीव भूटानी का नाम बताया
  • राजीव भूटानी को ही पेपर उपलब्ध कराना था
  • राजीव भूटानी को इसके लिए आधे पैसे दिए जा चुके थे
  • राजीव भूटानी उस वक्त बीईओ की जिम्मेदारी निभा रहे थे
  • इसके बाद राजीव भूटानी को गिरफ्तार कर लिया गया
  • राजीव भूटानी को रेवाड़ी कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गुनहगार माना
  • कोर्ट ने राजीव भूटानी को जेल भेज दिया
  • 3 महीने बाद राजीव भूटानी ने जेल से आकर प्रिंसिपल का पद संभाल लिया
  • इसके बाद ईटीवी भारत ने लगातार आवाज उठाई
  • आखिरकार 25 मई को शिक्षा विभाग ने राजीव भूटानी को निलंबित किया

अगर अभी कार्रवाई नहीं होती तो क्या होता ?
अगर इसी महीने राजीव भूचानी पर कार्रवाई नहीं होती तो इसका फायदा कोर्ट में उठा सकते थे. इसीलिए ईटीवी भारत लगातार अधिकारियों को बता रहा था कि राजीव भूटानी पर जल्द कार्रवाई क्यों जरूरी है. क्योंकि राजीव भूटानी नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी हैं और रेवाड़ी कोर्ट ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया है तो जल्द कार्रवाई होना जरूरी था.

करनालः नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी पर कार्रवाई को लेकर चलाई गई ईटीवी भारत की मुहिम आखिरकार रंग लाई है. करनाल के बस्तली गांव में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल राजीव भूटानी को निलंबित कर दिया गया है. ये वही राजीव भूटानी हैं जिन्हें पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था और कोर्ट ने इन्हें जेल भेज दिया था.

क्या है ताजा अपडेट ?
नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी राजीव भूटानी को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें उस दिन से ही निलंबित माना जाएगा जिस दिन उनकी गिरफ्तारी हुई थी. इससे पहले वो तीन महीने तक जेल में रहे थे. और वहां से आने के बाद प्रिंसिपल का पद फिर से संभाल लिया था.

नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी राजीव भूटानी निलंबित

कौन हैं राजीव भूटानी ?
राजीव भूटानी करनाल के गांव बस्तली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे. उन्हें नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था. राजीव भूटानी उस वक्त बीईओ की भूमिका भी निभा रहे थे.
ऐसे जागे अधिकारी

  • राजीव भूटानी ने जेल से आने के बाद प्रिंसिपल का पद फिर से संभाला था
  • ये नियमों के मुताबिक गलत था और विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा था
  • ईटीवी भारत ने शिक्षा विभाग से सवाल किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
  • फिर ईटीवी भारत ने जिला उपायुक्त से सवाल किया, कार्रवाई नहीं हुई
  • इसके बाद ईटीवी भारत ने सीएम से सवाल किया, लेकिन जवाब नहीं मिला
  • सीएम से दोबारा सवाल किया तो सीएम ने आचार संहिता का हवाला दिया
  • इन सब अधिकारियों और सीएम से लगातार सवाल करने के बाद कार्रवाई हुई

ये भी पढ़ें- नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले के आरोपी पर कार्रवाई कब, सीएम भी आचार संहिता का हवाला देकर बच निकले

कैसे गिरफ्त में आए राजीव भूटानी
नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड में खबर फैलने के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया था उन्होंने रिमांड के दौरान बताया कि राजीव भूटानी को ही पेपर उपलब्ध कराना था. जिसका सौदा 2 लाख रुपए में हुआ था और उसमें से एक लाख रुपए राजीव भूटानी को एडवांस दे दिए गए थे लेकिन इससे पहले कि पेपर लीक होता आरोपी गिरफ्तार हो गए और सारी पोल खुल गई. इसके बाद राजीव भूटानी को गिरफ्तार कर लिया गया और रेवाड़ी जिला अदालत ने राजीव भूटानी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए जेल भेज दिया. जिसके 3 महीने बाद जेल बाहर आकर राजीव भूटानी ने फिर से प्रिंसिपल का पद संभाल लिया था.

ये भी पढ़ें- नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड: जेल जाने के बाद भी नहीं हुई मुख्य आरोपी पर कार्रवाई, फिर बना प्रधानाचार्य

पूरा मामला समझिए

  • 26 मई को नायब तहसीलदार पद क लिए परीक्षा होनी थी
  • सुबह-सुबह पेपर लीक होने क खबर फैल गई
  • पेपर लीक होने से पहले ही आरोपी पकड़े गए
  • रिमांड के दौरान आरोपियों ने राजीव भूटानी का नाम बताया
  • राजीव भूटानी को ही पेपर उपलब्ध कराना था
  • राजीव भूटानी को इसके लिए आधे पैसे दिए जा चुके थे
  • राजीव भूटानी उस वक्त बीईओ की जिम्मेदारी निभा रहे थे
  • इसके बाद राजीव भूटानी को गिरफ्तार कर लिया गया
  • राजीव भूटानी को रेवाड़ी कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गुनहगार माना
  • कोर्ट ने राजीव भूटानी को जेल भेज दिया
  • 3 महीने बाद राजीव भूटानी ने जेल से आकर प्रिंसिपल का पद संभाल लिया
  • इसके बाद ईटीवी भारत ने लगातार आवाज उठाई
  • आखिरकार 25 मई को शिक्षा विभाग ने राजीव भूटानी को निलंबित किया

अगर अभी कार्रवाई नहीं होती तो क्या होता ?
अगर इसी महीने राजीव भूचानी पर कार्रवाई नहीं होती तो इसका फायदा कोर्ट में उठा सकते थे. इसीलिए ईटीवी भारत लगातार अधिकारियों को बता रहा था कि राजीव भूटानी पर जल्द कार्रवाई क्यों जरूरी है. क्योंकि राजीव भूटानी नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी हैं और रेवाड़ी कोर्ट ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया है तो जल्द कार्रवाई होना जरूरी था.

Intro:ईटीवी भारत की खबर का हुआ बड़ा असर आज शाम चंडीगढ़ से निलंबित करने के निर्देश हुए जारी , लगातार इस मामले को लेकर नीचे से ऊपर के अधिकारियों व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में लाने के बाद सरकार के अधिकारी जागे आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निलंबन के निर्देश किए जारी।




Body:पिछले कुछ दिनों से ईटीवी भारत करनाल की शिक्षा विभाग के एक अधिकारी व नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड का मुख्य आरोपी राजीव भूटानी 3 महीने जेल काटने के बाद ले रहा था सरकारी नौकरी की मौज वाले मामले को बड़ी प्रमुखता के साथ उजागर किया ईटीवी भारत ने इस मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए मुख्य तौर पर कई बार उच्च अधिकारियों व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में डाला और यह बताया के किसी भी सरकारी विभाग का अधिकारी 24 घंटे जेल रहने के बाद विभाग द्वारा उसे निलंबित कर दिया जाता है लेकिन आरोपी राजीव भूटानी 3 महीने जेल काटने के बाद अपनी मर्जी से करनाल के बस्तलि गांव के स्कूल में प्रधानाचार्य की ड्यूटी ज्वाइन कर लेता है जिसके बाद 25 दिन तक शिक्षा विभाग उस पर निलंबन की कोई भी कार्यवाही नहीं करता जिसको लेकर समाज और स्कूल के अध्यापक और बच्चों में अच्छा संदेश नहीं जा रहा था और इस मामले में सरकार की भी किरकिरी होती दिखाई दे रही थी क्योंकि मनोहर सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात तो करती है लेकिन भ्रष्टाचारी को निलंबित करने में क्यों देर लगा रही है, यह अपने आप में ही बड़ा सवाल बना हुआ था लेकिन देर आए दुरुस्त आए आज शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्टरी महावीर सिंह ने चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आदेश जारी करते हुए रजीव भूटानी को निलंबित कर दिया है ।


Conclusion:करनाल जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र चौधरी ने बताया के नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड मामले में आरोपी राजीव भूटानी को जेल जाना पड़ा था । 3 महीने जेल काटने के बाद वह अपनी मर्जी से करनाल के गांव बस्तलि स्कूल में प्रधानाचार्य की ड्यूटी कर रहे थे । इस सारे मामले को लेकर मैंने चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में उच्च अधिकारियों को दे दी थी और आगे भी लगातार जानकारियां दे रहा था । आज कार्यालय से राजीव भूटानी के निलंबन के आदेश प्राप्त हो गए हैं । जिसको लेकर बस्तली स्कूल में राजीव भूटानी द्वारा लगाई जा रही हाजिरी रजिस्टर और अन्य कागजात को ज़ब्त कर लिया गया है ।

one 2 one with ravinder choudhary - deo karnal
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