करनाल: सीएम सिटी करनाल में 100 साल से ऊपर के 545 वोटर हैं और देश भर में करनाल जिले में 100 साल से ऊपर के सबसे ज्यादा मतदाता हैं. चुनाव आयोग ने ऐसे वोटरों की पहचान भी शुरू कर दी है.
'नेहरू से लेकर मोदी तक का देखा दौर', मिलिए हरियाणा के ऐसे बुजुर्ग मतदाताओं से
करनाल के दो ऐसे शख्स जिन्होंने कई नेता देखे, भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का दौर भी देखा, चुनावी रैलियां देखी, रैलियों में आने वाले बड़े-बड़े नेताओं से मिले, हर किसी के वादों को सुना लेकिन कोई भी इनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा.
करनाल: सीएम सिटी करनाल में 100 साल से ऊपर के 545 वोटर हैं और देश भर में करनाल जिले में 100 साल से ऊपर के सबसे ज्यादा मतदाता हैं. चुनाव आयोग ने ऐसे वोटरों की पहचान भी शुरू कर दी है.
'नेहरू से लेकर मोदी तक का देखा दौर', मिलिए हरियाणा के ऐसे बुजुर्ग मतदाताओं से
करनाल के दो ऐसे शख्स जिन्होंने कई नेता देखे, भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का दौर भी देखा, चुनावी रैलियां देखी, रैलियों में आने वाले बड़े-बड़े नेताओं से मिले, हर किसी के वादों को सुना लेकिन कोई भी इनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा.
करनाल: सीएम सिटी करनाल में 100 साल से ऊपर के 545 वोटर हैं और देश भर में करनाल जिले में 100 साल से ऊपर के सबसे ज्यादा मतदाता हैं. चुनाव आयोग ने ऐसे वोटरों की पहचान भी शुरू कर दी है.
करनाल के दो ऐसे शख्स जिन्होंने कई नेता देखें, भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का दौर देखा, चुनावी रैलियां देखी, रैलियों में आने वाले बड़े-बड़े नेताओं से मिले, हर किसी के वादों को सुना लेकिन कोई भी इनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा.
आइए हम आपको करनाल के ऐसे दो बुजुर्गों से मिलवाते हैं जिनकी उम्र 100 के पार जा रही है लेकिन चुनावी ज्ञान इनके पास भरपूर है. एक बुजुर्ग की उम्र 90 पार है तो दूसरे बुजुर्ग की 100 साल से ज्यादा. ये हर पांच साल बाद चुनाव में वोट डालते हैं इस उम्मीद से कि शायद कोई नेता ऐसा होगा जो जनता के विकास के बारे में सोचेगा.
गांव काछवा के चरण सिंह उम्र में 90 से पार हैं लेकिन कहने को किसी जवान से कम नहीं. सादा खान-पान, रेडियो सुनना और खुद चलकर खेतों में जाना यह इनका रोज का काम है. चरण सिंह पाकिस्तान के सुल्तानपुर से हैं और बंटवारे के बाद भारत आ गए थे.
तब के नेताओं से लेकर आज 2019 के सभी नेताओं से वह खूब वाकिफ हैं. चरण सिंह का कहना है कि 90 साल की उम्र हो चुकी है. हर चुनाव में वोट डालता हूं. उम्मीद करता हूं कि कोई नेता ऐसा होगा जो देश के विकास और बच्चों के रोजगार के बारे में कुछ करेगा लेकिन हर कोई अपना पेट भरकर चला जाता है और पांच साल बाद फिर नए वादों के साथ आ जाते हैं. इस बार भी चुनाव में वोट डालूंगा और सभी को कहता हूं वोट जरूर डालें.
वहीं गांव उचानी के राजा राम उम्र में 111 साल के हैं लेकिन लगता नहीं उम्र में वह इतने बड़े हैं. साधा खाना हुक्का गुड़गुड़ाना, अपने सारे काम खुद करना, कस्सी चलाना, गांव के चक्कर लगाना यह इनका रोज का काम है. एक समय था जब राजा राम का करनाल में अपना रसूख था. करीब 50 साल तक अपने गांव के पंचायत सदस्य रह चुके राजा राम कहते हैं कि चुनावों के समय नेता हर बार वादें करने आते हैं लेकिन कोई भी जनता के बारे में नहीं सोचता. कुर्सी मिलने के बाद सब भूल जाते हैं.
राजा राम का कहना है कि उन्होंने इंदिरा गांधी, देवीलाल, चौटाला, भूपेंद्र हुड्डा से लेकर नरेंद्र मोदी तक का समय देखा है. बड़े-बड़े नेताओं से मिले. हर कोई वोट के समय वादे करके जाता है लेकिन चुनाव के बाद कोई नहीं पूछता. राजा राम हर पांच साल बाद चुनाव में अपने परिवार वालों के साथ वोट डालते हैं और लोगों को वोट डालने के लिए जागरूक करते हैं.
Conclusion: