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करनाल नगर निगम की बैठक में गंदा पानी लेकर पहुंचे शहरवासी, अधिकारियों से पीने को कहा - करनाल नगर निगम बैठक हंगामा

करनाल में बुधवार को नगर निगम की बैठक बेहद हंगामेदार रही. सदन के अंदर व बाहर जमकर हंगामा हुआ. जहां विकास कार्यों को लटकाने का आरोप लगाते हुए कुछ पार्षदों ने बैठक का बायकॉट कर दिया वहीं गंदे पानी की समस्या से परेशान कुछ शहरवासी गन्दे पानी की बोतलें लेकर बैठक में अधिकरियों के पास जा पहुंचे और उन्हें ये गन्दा पानी पीने को कहा.

karnal nagar nigam house meeting
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Published : Jun 30, 2021, 5:09 PM IST

करनाल: सीएम सिटी करनाल में बुधवार को नगर निगम हाउस की बैठक बेहद हंगामेदार रही. बैठक में 16 विकास कार्यों का एजंडा रखा गया था, लेकिन जैसे ही अधिकारियों ने एजेंडे पर चर्चा शुरू की तो पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. पार्षदों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मनमर्जी से काम करते हैं. जिन कार्यों को सदन में दो साल पहले पास किया गया था वे आज तक शुरू नहीं हुए जबकि नए-नए कार्य करवाये जाते हैं जिनसे जनता का कोई भला नहीं होता.

गंदा पानी लेकर बैठक में पहुंचे शहरवासी

इसके बाद डिप्टी मेयर नवीन कुमार के साथ कई पार्षद मीटिंग छोड़कर बाहर आ गए. करीब आधे घंटे तक मेयर रेणुबाला के साथ हुई चर्चा के बाद पार्षद दोबारा बैठक में शामिल हुए. वहीं पार्षद शांत ही हुए थे कि वार्ड-15 से आये कुछ लोग गन्दे पानी की बोतलें लेकर बैठक में जा पहुंचे और अधिकरियों को ये गन्दा पानी पीने के लिए कहा. लोगों ने कहा कि वे लोग बीते डेढ़ वर्ष से यही पानी पी रहे हैं इसलिए आज अधिकारी भी ये पानी पीकर देखें.

करनाल नगर निगम की बैठक में गंदा पानी लेकर पहुंचे शहरवासी, अधिकारियों से पीने को कहा

बाहर चलते रहे प्रदर्शन, होती रही नारेबाजी

इसके अलावा पंचायत भवन के सभागार में हुई निगम हाउस की बैठक के बाहर हटाये गए सफाई कर्मचारियों, बसन्त विहार कॉलोनी के लोगों और निगम के ठेकेदारों ने प्रदर्शन भी किया. निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकरियों ने खूब हंगामा किया. वसन्त विहार से आई महिलाओं ने जबरन सदन की बैठक में घुसने का प्रयास किया. जिस वजह से उनकी पुलिस के साथ धक्का मुक्की हुई.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: इस जिले ने किया लिंगानुपात को लेकर गजब का सुधार, जानें कैसे हासिल किया ये मुकाम

महिलाओं ने कहा कि करनाल को स्मार्ट सिटी कहा जा रहा है, लेकिन उनकी कॉलोनी में गलियां, नालियां कच्ची पड़ी हैं. निगम द्वारा उखाड़ी गई गलियों के कारण लोगों का जीवन दूभर हो चुका है. शिकायत के बावजूद निगम की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाती. वहीं निगम के खिलाफ दर्जन भर ठेकेदारों ने भी प्रदर्शन किया. धरने पर बैठे ठेकेदारों का आरोप है कि निगम की तरफ उनका करीब बीस करोड़ बकाया है जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा.

गंदे पानी की समस्या है, पार्षदों का विरोध भी जायज

मेयर रेणुबाला गुप्ता ने कहा कि गंदे पानी की बोतल लेकर आये लोगों की समस्या सही है. जिसका हल करने के लिए आदेश दे दिए हैं. पार्षदों के साथ अधिकारियों का कोर्डिनेशन सही नहीं है. अधिकारियों को एक महीने का समय दिया गया है. इस पीरियड में अधिकारी पार्षदों की डिमांड और एजंडे की समीक्षा करें और कार्य करवाएं.

वहीं बैठक के बारे में निगम कमिश्नर मनोज कुमार ने बताया कि सोलह एजेंडे रखे गए थे जिनके बारे में चर्चा की जाएगी. शहर में निगम के द्वारा चालीस करोड़ से अधिक के कार्य चल रहे हैं. कॉलोनियों में विकास कार्य चल रहे हैं. वहीं ठेकेदारों की बकाया पेमेंट का मामला सरकार को भेजा हुआ है, निगम स्तर पर कोई पेमेंट पेंडिंग नहीं है. इसके अलावा गंदे पानी की समस्या के लिए पाइप बदले जा रहे हैं. इन लोगों के इलाके की भी पाइपलाइन खराब है जिससे कुछ घरों में गंदा पानी पहुंचता है. उसका जल्द समाधान हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- कोरोना के खौफ और मौत की दहशत को निजी अस्पतालों ने किया खूब कैश, ऐसे हुआ खुलासा

करनाल: सीएम सिटी करनाल में बुधवार को नगर निगम हाउस की बैठक बेहद हंगामेदार रही. बैठक में 16 विकास कार्यों का एजंडा रखा गया था, लेकिन जैसे ही अधिकारियों ने एजेंडे पर चर्चा शुरू की तो पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. पार्षदों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मनमर्जी से काम करते हैं. जिन कार्यों को सदन में दो साल पहले पास किया गया था वे आज तक शुरू नहीं हुए जबकि नए-नए कार्य करवाये जाते हैं जिनसे जनता का कोई भला नहीं होता.

गंदा पानी लेकर बैठक में पहुंचे शहरवासी

इसके बाद डिप्टी मेयर नवीन कुमार के साथ कई पार्षद मीटिंग छोड़कर बाहर आ गए. करीब आधे घंटे तक मेयर रेणुबाला के साथ हुई चर्चा के बाद पार्षद दोबारा बैठक में शामिल हुए. वहीं पार्षद शांत ही हुए थे कि वार्ड-15 से आये कुछ लोग गन्दे पानी की बोतलें लेकर बैठक में जा पहुंचे और अधिकरियों को ये गन्दा पानी पीने के लिए कहा. लोगों ने कहा कि वे लोग बीते डेढ़ वर्ष से यही पानी पी रहे हैं इसलिए आज अधिकारी भी ये पानी पीकर देखें.

करनाल नगर निगम की बैठक में गंदा पानी लेकर पहुंचे शहरवासी, अधिकारियों से पीने को कहा

बाहर चलते रहे प्रदर्शन, होती रही नारेबाजी

इसके अलावा पंचायत भवन के सभागार में हुई निगम हाउस की बैठक के बाहर हटाये गए सफाई कर्मचारियों, बसन्त विहार कॉलोनी के लोगों और निगम के ठेकेदारों ने प्रदर्शन भी किया. निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकरियों ने खूब हंगामा किया. वसन्त विहार से आई महिलाओं ने जबरन सदन की बैठक में घुसने का प्रयास किया. जिस वजह से उनकी पुलिस के साथ धक्का मुक्की हुई.

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महिलाओं ने कहा कि करनाल को स्मार्ट सिटी कहा जा रहा है, लेकिन उनकी कॉलोनी में गलियां, नालियां कच्ची पड़ी हैं. निगम द्वारा उखाड़ी गई गलियों के कारण लोगों का जीवन दूभर हो चुका है. शिकायत के बावजूद निगम की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाती. वहीं निगम के खिलाफ दर्जन भर ठेकेदारों ने भी प्रदर्शन किया. धरने पर बैठे ठेकेदारों का आरोप है कि निगम की तरफ उनका करीब बीस करोड़ बकाया है जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा.

गंदे पानी की समस्या है, पार्षदों का विरोध भी जायज

मेयर रेणुबाला गुप्ता ने कहा कि गंदे पानी की बोतल लेकर आये लोगों की समस्या सही है. जिसका हल करने के लिए आदेश दे दिए हैं. पार्षदों के साथ अधिकारियों का कोर्डिनेशन सही नहीं है. अधिकारियों को एक महीने का समय दिया गया है. इस पीरियड में अधिकारी पार्षदों की डिमांड और एजंडे की समीक्षा करें और कार्य करवाएं.

वहीं बैठक के बारे में निगम कमिश्नर मनोज कुमार ने बताया कि सोलह एजेंडे रखे गए थे जिनके बारे में चर्चा की जाएगी. शहर में निगम के द्वारा चालीस करोड़ से अधिक के कार्य चल रहे हैं. कॉलोनियों में विकास कार्य चल रहे हैं. वहीं ठेकेदारों की बकाया पेमेंट का मामला सरकार को भेजा हुआ है, निगम स्तर पर कोई पेमेंट पेंडिंग नहीं है. इसके अलावा गंदे पानी की समस्या के लिए पाइप बदले जा रहे हैं. इन लोगों के इलाके की भी पाइपलाइन खराब है जिससे कुछ घरों में गंदा पानी पहुंचता है. उसका जल्द समाधान हो जाएगा.

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