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50 लाख का विकास शुल्क ना भरने पर बिजली बोर्ड कार्यालय सील, पालिका ने जारी किया था नोटिस - नीलोखेड़ी नगर पालिका

50 लाख रुपये का बकाया विकास शुल्क जमा नहीं करने की वजह से नगर पालिका ने बिजली बोर्ड कार्यालय सील कर दिया है. बिजली विभाग ने पालिका के अधिकारियों पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.

karnal Electricity Board office sealed
बिजली बोर्ड कार्यालय सील
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Published : Mar 29, 2022, 10:29 PM IST

करनाल: चेतावनी नोटिस जारी करने के बाद भी विकास शुल्क न भरने वालों के खिलाफ नीलोखेड़ी नगर पालिका ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. मंगलवार को नगर पालिका के अधिकारियों ने 50 लाख रुपये बकाया विकास शुल्क जमा न करवाने पर कर्मचारियों को बाहर कर बिजली बोर्ड कार्यालय को सील कर दिया. इसी के साथ अधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि किसी ने बिना विकास शुल्क जमा करवाए, सील तोड़ने या फिर छेड़छाड़ करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.

पालिका सचिव प्रिंस कुमार ने बिजली विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि दो दिन पहले नगरपालिका का बिजली कनेक्शन काट दिया था. जबकि बिजली विभाग से पालिका ने 50 लाख रुपए विकास शुल्क के लेने है और बिजली विभाग के बिल के 65 लाख रुपए नगर पालिका को देना है. बिजली विभाग के कर्मचारी जब हमारा बिजली कनेक्शन काटने आए तो उनसे कहा गया कि बाकी बचे 15 लाख का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारी बिजली कनेक्शन काट कर चले गए. जिसके चलते पालिका ने यह कार्रवाई की है.

वहीं, बिजली विभाग के एसडीओ परविन्द्र कोशल ने बताया कि नगरपालिका पर बिजली विभाग का 65 लाख रुपए बकाया है. उन्हें नगर पालिका का कोई पैसा नहीं देना है. नगर पालिका के अधिकारी जिस 50 लाख रुपये के विकास शुल्क की बात कर रहे हैं, वह बिजली विभाग का नहीं है, बल्कि इसे एचवीपीएन विभाग को भरना है. नगर पालिका ने बदले की भावना से काम किया है. विभागों की आपसी लड़ाई की वजह से शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

करनाल: चेतावनी नोटिस जारी करने के बाद भी विकास शुल्क न भरने वालों के खिलाफ नीलोखेड़ी नगर पालिका ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. मंगलवार को नगर पालिका के अधिकारियों ने 50 लाख रुपये बकाया विकास शुल्क जमा न करवाने पर कर्मचारियों को बाहर कर बिजली बोर्ड कार्यालय को सील कर दिया. इसी के साथ अधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि किसी ने बिना विकास शुल्क जमा करवाए, सील तोड़ने या फिर छेड़छाड़ करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.

पालिका सचिव प्रिंस कुमार ने बिजली विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि दो दिन पहले नगरपालिका का बिजली कनेक्शन काट दिया था. जबकि बिजली विभाग से पालिका ने 50 लाख रुपए विकास शुल्क के लेने है और बिजली विभाग के बिल के 65 लाख रुपए नगर पालिका को देना है. बिजली विभाग के कर्मचारी जब हमारा बिजली कनेक्शन काटने आए तो उनसे कहा गया कि बाकी बचे 15 लाख का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारी बिजली कनेक्शन काट कर चले गए. जिसके चलते पालिका ने यह कार्रवाई की है.

वहीं, बिजली विभाग के एसडीओ परविन्द्र कोशल ने बताया कि नगरपालिका पर बिजली विभाग का 65 लाख रुपए बकाया है. उन्हें नगर पालिका का कोई पैसा नहीं देना है. नगर पालिका के अधिकारी जिस 50 लाख रुपये के विकास शुल्क की बात कर रहे हैं, वह बिजली विभाग का नहीं है, बल्कि इसे एचवीपीएन विभाग को भरना है. नगर पालिका ने बदले की भावना से काम किया है. विभागों की आपसी लड़ाई की वजह से शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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