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यमुना में खनन माफियाओं का आतंक जारी, ग्रामीण पर की ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश

इंद्री में प्रशासन की नाक के नीचे अवैध खनन जारी है. सिर्फ अवैध खनन ही नहीं खान माफिया की गुंडागर्दी भी किसी से छिपी नहीं है. हैरानी की बात तो ये है कि प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं है.

यमुना नदी से रेत ले जाता ट्रैक्टर
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Published : Mar 8, 2019, 8:08 PM IST

करनाल: इंद्री में प्रशासन की नाक के नीचे अवैध खनन जारी है. सिर्फ अवैध खनन ही नहीं खान माफिया की गुंडागर्दी भी किसी से छिपी नहीं है. हैरानी की बात तो ये है कि प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं है.
खबर है कि करनाल के गांव चंद्राव में यमुना नदी से अवैध खनन रोकने पहुंचे माइनिंग विभाग के अधिकारी ने रेत से भरे वाहनों को पकड़ कर भी अवैध खनन माफिया के डर से छोड़ दिया. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खनन विभाग के प्रति रोष है.

आपको बता दें कि राज्य सरकार और एनजीटी ने अवैध माइनिंग पर रोक लगाई हुई है, परंतु रोक के बाद भी इंद्री क्षेत्र में अवैध खनन का कार्य जोरों पर है. जानकारी के मुताबिक यमुना नदी से सटे खंड इंद्री के गाँव चन्द्राव के पास से यमुना नदी से खनन माफियाओं द्वारा दिन रात खनन किया जा रहा है.

यमुना में अवैध खनन

अवैध खनन माफिया करीब 100 एकड़ यमुना नदी का सीना छलनी कर प्रतिदिन दर्जनों वाहन रेत से भरे हुए निकाल रहे हैं. अवैध खनन माफिया प्रतिदिन दर्जनों वाहन रेत के निकाल कर चांदी कूट रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तो आते हैं, परंतु अपना कमीशन लेकर चले जाते हैं.
बता दें कि बुधवार को खनन विभाग के अधिकारी जांच करने के लिए मौके पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने रेत से भरे वाहनों को पकड़ तो लिया, परंतु अवैध खनन माफियाओं के डर से उन्होंने पकड़े हुए वाहनों को भी छोड़ना पड़ा.

लिहाजा खनन विभाग के अधिकारी पुलिस के मौके पर ना पहुंचने के कारण ही पकड़े हुए वाहनों को छोड़ने की बात कह रहे हैं, परंतु प्रशासन की इस लचर कार्रवाई को देखकर स्थानीय लोगों ने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है.

सबसे बड़ा सवाल
सवाल है कि जब माइनिंग अधिकारी मौके पर गए तो वे अकेले क्यों गए. माइनिंग अधिकारी अपने साथ पुलिस टीम को लेकर क्यों नहीं गए. खनन अधिकारी ने पकड़े वाहन क्यों छोड़ दिए.

ट्रैक्टर ऊपर चढ़ाने का किया प्रयास
इस मामले में ग्रामीण राजेश प्रिंस ने कहा कि बुधवार को करीब दर्जनों वाहन दिन में ही यमुना नदी से माइनिंग कर रहे थे. जब हमने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हमारे ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया और हमे जान से मारने की धमकी भी दी.

जब इस मामले को राज्य मंत्री कर्णदेव कम्बोज के समक्ष मीडिया ने उठाया तो उन्होंने कहा कि जब भी अवैध खनन की शिकायत आती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है. उन्होंने आगे कहा कि अगर कहीं अवैध खनन हो रहा है तो उसकी निश्चित रूप से जांच भी करायी जाएगी और जो दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

करनाल: इंद्री में प्रशासन की नाक के नीचे अवैध खनन जारी है. सिर्फ अवैध खनन ही नहीं खान माफिया की गुंडागर्दी भी किसी से छिपी नहीं है. हैरानी की बात तो ये है कि प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं है.
खबर है कि करनाल के गांव चंद्राव में यमुना नदी से अवैध खनन रोकने पहुंचे माइनिंग विभाग के अधिकारी ने रेत से भरे वाहनों को पकड़ कर भी अवैध खनन माफिया के डर से छोड़ दिया. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खनन विभाग के प्रति रोष है.

आपको बता दें कि राज्य सरकार और एनजीटी ने अवैध माइनिंग पर रोक लगाई हुई है, परंतु रोक के बाद भी इंद्री क्षेत्र में अवैध खनन का कार्य जोरों पर है. जानकारी के मुताबिक यमुना नदी से सटे खंड इंद्री के गाँव चन्द्राव के पास से यमुना नदी से खनन माफियाओं द्वारा दिन रात खनन किया जा रहा है.

यमुना में अवैध खनन

अवैध खनन माफिया करीब 100 एकड़ यमुना नदी का सीना छलनी कर प्रतिदिन दर्जनों वाहन रेत से भरे हुए निकाल रहे हैं. अवैध खनन माफिया प्रतिदिन दर्जनों वाहन रेत के निकाल कर चांदी कूट रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तो आते हैं, परंतु अपना कमीशन लेकर चले जाते हैं.
बता दें कि बुधवार को खनन विभाग के अधिकारी जांच करने के लिए मौके पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने रेत से भरे वाहनों को पकड़ तो लिया, परंतु अवैध खनन माफियाओं के डर से उन्होंने पकड़े हुए वाहनों को भी छोड़ना पड़ा.

लिहाजा खनन विभाग के अधिकारी पुलिस के मौके पर ना पहुंचने के कारण ही पकड़े हुए वाहनों को छोड़ने की बात कह रहे हैं, परंतु प्रशासन की इस लचर कार्रवाई को देखकर स्थानीय लोगों ने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है.

सबसे बड़ा सवाल
सवाल है कि जब माइनिंग अधिकारी मौके पर गए तो वे अकेले क्यों गए. माइनिंग अधिकारी अपने साथ पुलिस टीम को लेकर क्यों नहीं गए. खनन अधिकारी ने पकड़े वाहन क्यों छोड़ दिए.

ट्रैक्टर ऊपर चढ़ाने का किया प्रयास
इस मामले में ग्रामीण राजेश प्रिंस ने कहा कि बुधवार को करीब दर्जनों वाहन दिन में ही यमुना नदी से माइनिंग कर रहे थे. जब हमने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हमारे ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया और हमे जान से मारने की धमकी भी दी.

जब इस मामले को राज्य मंत्री कर्णदेव कम्बोज के समक्ष मीडिया ने उठाया तो उन्होंने कहा कि जब भी अवैध खनन की शिकायत आती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है. उन्होंने आगे कहा कि अगर कहीं अवैध खनन हो रहा है तो उसकी निश्चित रूप से जांच भी करायी जाएगी और जो दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

HAR                             KARNAL
REPORTER                 RAKESH KUMAR SHARMA

अवैध खनन पर माईनिंग विभाग रोक लगाने में हो रहा है पंगु साबित।
   
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स्टोरी -    अवैध रेत खनन मामला:अवैध खनन माफियाओं के डर से या फिर है कोई राजनैतिक दवाब ,माईनिंग विभाग क्यूँ छोड़ने को मजबूर है अवैद खनन करने वाले पकड़े वाहनो को , अवैध खनन पर माईनिंग विभाग रोक लगाने में हो रहा है पंगु साबित। 

एंकर -     करनाल के इंद्री क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर माईनिंग विभाग रोक लगाने में पंगु साबित हो रहा है।  करनाल  के गांव चंद्राव में यमुना नदी से अवैध खनन रोकने पहुंचे माईनिंग विभाग के अधिकारी ने रेत से भरे वाहनों को पकड़ कर भी अवैध खनन माफिया के डर से छोड़ दिया।जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खनन विभाग के प्रति रोष है।

वीओ -    आपको बता दें कि राज्य सरकार और एनजीटी ने अवैध माईनिंग पर रोक लगाई हुई है। परंतु रोक के बाद भी इंद्री क्षेत्र में अवैध खनन का कार्य जोरों पर है। यमुना नदी से सटे खंड इंद्री के गाँव चन्द्राव के पास से यमुना नदी से खनन माफियाओं द्वारा दिन रात खनन किया जा रहा है।अवैध खनन माफिया करीब 100 एकड़ यमुना नदी का सीना छलनी कर प्रतिदिन दर्जनों वाहन रेत से भरे हुए निकाल रहे हैं।अवैध खनन माफिया प्रतिदिन दर्जनों वाहन रेत के निकाल कर चाँदी कूट रहे हैं।स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तो आते हैं परंतु अपना कमीशन लेकर चले जाते हैं। बता दें कि बुधवार को खनन विभाग के अधिकारी जांच करने के लिए मौके पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने रेत से भरे वाहनों को पकड़ तो लिया। परंतु अवैध खनन माफियाओं के डर से उन्होंने पकड़े हुए वाहनों को भी छोड़ना पड़ा।लिहाजा खनन विभाग के अधिकारी पुलिस के मौके पर ना पहुंचने के कारण ही पकड़े हुए वाहनों को छोड़ने की बात कह रहे हैं।परंतु प्रशासन की इस लचर कार्यवाही को देखकर स्थानीय लोगों ने इस मामले की शिकायत  उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है।

सबसे बड़ा सवाल  
वीओ -  सवाल है कि जब माईनिंग अधिकारी मौके पर गए तो वे अकेले क्यों गए।माईनिंग अधिकारी अपने साथ पुलिस टीम को लेकर क्यों नही गए।खनन अधिकारी ने पकड़े वाहन क्यो छोड़ दिए।

 ट्रैक्टर ऊपर चढ़ाने का किया प्रयास 
 वीओ - इस मामले में ग्रामीण राजेश प्रिंस ने कहा कि बुधवार को करीब दर्जनों वाहन दिन में ही यमुना नदी से माईनिंग कर रहे थे।जब हमने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हमारे ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया और हमे जान से मारने की धमकी भी दी।इस मामले में ग्रामीण ईशम सिंह ने कहा कि यमुना नदी से खनन कर रहे खनन माफिया को राजनीतिक सरक्षंण प्राप्त है।जो कि राजनीतिक सरक्षण के कारण ही स्थानीय प्रशासन और खनन विभाग अवैध खनन करने वालों पर कार्यवाही नही कर रहा है।मौके पर आये खनन अधिकारी ने कैमरे के सामने बोलने से इंकार कर दिया| 
जब इस मामले को राज्य मंत्री कर्णदेव कम्बोज के समक्ष मिडिया ने  उठाया तो आप भी सुने उन्होंने क्या कहा

बाइट - राज्य मंत्री कर्णदेव कम्बोज 
बाइट - हिशम सिंह ग्रामीण 
बाइट - राजेश प्रिंस
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