करनाल: हरियाणा में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मुश्किल वक्त में अपनी जेब भरने में लगे हैं. ऐसा करने वाले लोगों पर अब सरकार सख्त हो गई है.
देश में कोरोना की भयंकर आपदा चल रही है. कोरोना संक्रमण के दौर में हर जगह से दिल दहलाने वाले समाचार सुनने को मिल रहे हैं. कहीं ऑक्सीजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे हैं, कहीं मरीजों को बेड नहीं मिल रहे, कही दवाइयां नहीं मिल रही. अस्पताल-श्मशान फुल हो चुके हैं.
इस नाजुक दौर में कई एंबुलेंस संचालक-चालक मरीजों और उनके तीमारदारों से हजारों रुपए किराए के रूप में वसूल रहे हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने एंबुलेंस चालकों के लिए किराया निर्धारित कर दिया है.
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इससे ज्यादा किराया वसूलने वाले एंबुलेंस संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. साथ ही एंबुलेंस जब्त कर लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा. 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. मिशन डायरेक्टर हेल्थ ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर मनमर्जी से किराए वसूलने वाले एंबुलेंस चालकों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
सरकार के नियम अनुसार एंबुलेंस संचालक बेसिक लाइफ सपोर्ट के लिए 7 रुपए प्रति किलोमीटर जबकि एंबुलेंस लाइफ सपोर्ट (वेटिंलेंटर) के लिए 15 रुपए प्रति किलोमीटर ही ले सकेगा. सिविल सर्जन करनाल ने कहा कि वेटिलेंटर युक्त एंबुलेंस के लिए 15 रुपए प्रति किलोमीटर जबकि बिना वेंटिलेंटर एंबुलेंस के लिए 7 रुपए प्रति किलोमीटर किराया ले सकता हैं. इससे ज्यादा वसूलने वाले के खिलाफ एफआईआर, पचास हजार का जुर्माना, एंबुलेंस जब्त की जाएगी.
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