करनाल: करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा में हुए लाठीचार्ज के बाद मंगलवार को किसानों ने करनाल में महापंचायत की. करनाल अनाज मंडी में महापंचायत के बाद जिला सचिवालय का घेराव किया गया. जिसके बाद से तमाम किसान नेता लघु सचिवालय के बाहर मंगलवार रात से ही डटे हुए हैं. बुधवार सुबह ईटीवी भारत की टीम ने लघु सचिवालय के बाहर एकत्रित हुए किसानों से बात की.
करनाल लघु सचिवालय के बाहर धरना दे रहे किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से मंगलवार रात बिताई. बुधवार सुबह की शुरुआत किसानों ने हुक्के के साथ की. इस दौरान किसानों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए दो टूक कहा कि हमारी तीन मुख्य मांगें हैं, जो पहले से चलती आ रही हैं, उन्हें पूरा किया जाए. किसानों ने साफ कहा कि लाठीचार्ज से शहीद हुए किसान के परिवार के लिए नौकरी और मुआवजे की मांग है. सरकार उसको जल्द से जल्द पूरा करे, नहीं तो जैसे-जैसे दिन बढ़ते जाएंगे. वैसे वैसे किसानों का जमावड़ा भी अधिक होता जाएगा.
पंजाब से किसानों के धरने में शामिल होने आए सरदार बलदेव सिंह सिरसा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि प्रशासन द्वारा कल किसानों को रोकने के लिए तमाम इंतजाम किए गए थे, बैरिकेट्स को किसानों ने तोड़ा, प्रशासन द्वारा मिर्ची और गंदे पानी की बौछारें किसानों के ऊपर की गई. फिर भी हर हाल में किसान लघु सचिवालय तक पहुंचे और घेराव कर दिया. अब सरकार को सोचना होगा.
किसान नेता ने कहा कि कहा कि किसानों ने जबर का मुकाबला सब्र से किया है. उनका और इम्तिहां ना ले सरकार. किसान तो सालों साल ऐसे ही रहेंगे, फिर सरकार चाहे जो मर्जी कर ले. उन्होंने खट्टर सरकार से कहा कि अब सरकार उस दोषी एसडीएम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करे. कुल मिलाकर तमाम किसान लाठीचार्ज के बाद अपनी तीन मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. आखिरकार प्रशासन को अब सोचना पड़ेगा.
ये भी पढ़ें- EXCLUSIVE: रात भर करनाल लघु सचिवालय के बाहर डटे रहे किसान, बोले- अब आर-पार की लड़ाई