करनाल: जिले में तीन दिवसीय डेयरी मेले का समापन हुआ. आपका बता दें कि प्रदेश डेयरी उद्योग तेजी से प्रगति कर रहा है. युवा हो अथवा महिलाएं आज डेयरी को अपना व्यवसाय बना रहे हैं. इस क्षेत्र में आय को दोगुना ही नहीं कई गुना बढ़ाने की क्षमता है. ये बात कोई और नहीं यहां के किसान बता रहे हैं. जो डेयरी के माध्यम से आज लाखों रुपये महीना कमा रहे हैं.
'राष्ट्रीय पशु मेले का समापन'
देश में डेयरी और पशुपालन के उज्ज्वल भविष्य का नजारा करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में देखा जा सकता है जहां देश के विभिन्न राज्यों से सैंकड़ों पशुपालक अपने उत्तम किस्म के पशुओं के साथ राष्ट्रीय पशु मेले में भाग लेने पहुंचे थे. इन पशुओं में भी देसी नस्ल के पशुओं की संख्या काफी अधिक है.
'देसी गाय का दूध होता है फायदेमंद'
देसी नस्ल के पशुओं की तरफ बढ़ते रुझान के बारे में संस्थान के निदेशक डॉ. एम एस चौहान और किसानों ने बताया कि देसी नस्ल की गायों का दूध अच्छे किस्म का होता है जो सेहत के लिए लाभदायक होता है. इसके अलावा इनमे बीमारी भी कम होती है.