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डॉक्टर्स ने कायम की मिसालः सरकारी अस्पताल में कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण

हिसार के गांव काबरेल की रहने वाली 55 वर्षीय कमला देवी कूल्हा के तेज दर्द से परेशान थी. चल पाने तक की आस कमला देवी छोड़ चुकी थी.

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Published : May 25, 2019, 7:46 PM IST

सरकारी अस्पताल में हुआ कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन

जींद: चिकित्सकों की भारी कमी झेल रहे प्रदेश के नागरिक अस्पतालों को रेफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है, कभी किसी ने सोचा नहीं था कि सरकारी अस्पताल में भी कूल्हा के प्रत्यारोपण जैसा जटिल ऑपरेशन कभी होगा. लेकिन यह हुआ है जींद के नागरिक अस्पताल में, वो भी आर्थो सर्जन डा. संतलाल बेनीवाल की बदौलत.

हिसार के गांव काबरेल की रहने वाली 55 साल की कमला देवी कूल्हे के तेज दर्द से परेशान थी. कमला देवी चल पाने तक की आस छोड़ चुकी थीं. लगभग दो साल से कमला कूल्हे के दर्द को लेकर निजी अस्पतालों के चक्कर काट कर थक चुकी थी, क्योंकि वहां कूल्हे के प्रत्यारोपण पर खर्च चार से पांच लाख रुपये तक आ रहा था. ऐसे में कमला देवी चल पाने तक की आस छोड़ चुकी थीं.

सरकारी अस्पताल में हुआ कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन, क्लिक कर देखें वीडियो.

बाद में कमला देवी को उपचार के लिए जींद के सरकारी अस्पताल लाया गया. सरकारी अस्पताल में इलाज का सुनते ही कमला पहले तो घबरा गई, लेकिन जब उन्होंने आर्थो सर्जन डॉ. संतलाल बेनीवाल से बात की तो उन्होंने कमला को पूरी तरह स्वस्थ करने का आश्वासन दिया. डॉ. संतलाल अपने आश्वासन पर खरा भी उतरे और उन्होंने नागरिक अस्पताल के मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर में कमला देवी के कूल्हा का सफल प्रत्यारोपण किया.

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संतलाल बेनीवाल ने बताया कि निजी अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण का खर्च चार से पांच लाख रुपए आता है, जबकि नागरिक अस्पताल में बहुत कम खर्च में ही कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया गया है. अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण ऑपरेशन के लिए सीएमओ डॉ. शशिप्रभा अग्रवाल, एमएस डॉ. गोपाल गोयल ने उनका सहयोग किया. इसके अलावा उनकी पत्नी प्रीति ने भी इस जटिल ऑपरेशन के लिए उनकी हौसला अफजाई की.

जींद: चिकित्सकों की भारी कमी झेल रहे प्रदेश के नागरिक अस्पतालों को रेफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है, कभी किसी ने सोचा नहीं था कि सरकारी अस्पताल में भी कूल्हा के प्रत्यारोपण जैसा जटिल ऑपरेशन कभी होगा. लेकिन यह हुआ है जींद के नागरिक अस्पताल में, वो भी आर्थो सर्जन डा. संतलाल बेनीवाल की बदौलत.

हिसार के गांव काबरेल की रहने वाली 55 साल की कमला देवी कूल्हे के तेज दर्द से परेशान थी. कमला देवी चल पाने तक की आस छोड़ चुकी थीं. लगभग दो साल से कमला कूल्हे के दर्द को लेकर निजी अस्पतालों के चक्कर काट कर थक चुकी थी, क्योंकि वहां कूल्हे के प्रत्यारोपण पर खर्च चार से पांच लाख रुपये तक आ रहा था. ऐसे में कमला देवी चल पाने तक की आस छोड़ चुकी थीं.

सरकारी अस्पताल में हुआ कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन, क्लिक कर देखें वीडियो.

बाद में कमला देवी को उपचार के लिए जींद के सरकारी अस्पताल लाया गया. सरकारी अस्पताल में इलाज का सुनते ही कमला पहले तो घबरा गई, लेकिन जब उन्होंने आर्थो सर्जन डॉ. संतलाल बेनीवाल से बात की तो उन्होंने कमला को पूरी तरह स्वस्थ करने का आश्वासन दिया. डॉ. संतलाल अपने आश्वासन पर खरा भी उतरे और उन्होंने नागरिक अस्पताल के मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर में कमला देवी के कूल्हा का सफल प्रत्यारोपण किया.

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संतलाल बेनीवाल ने बताया कि निजी अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण का खर्च चार से पांच लाख रुपए आता है, जबकि नागरिक अस्पताल में बहुत कम खर्च में ही कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया गया है. अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण ऑपरेशन के लिए सीएमओ डॉ. शशिप्रभा अग्रवाल, एमएस डॉ. गोपाल गोयल ने उनका सहयोग किया. इसके अलावा उनकी पत्नी प्रीति ने भी इस जटिल ऑपरेशन के लिए उनकी हौसला अफजाई की.

Intro:सरकारी अस्पताल में हुआ कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल आप्रेशन
कमला अस्पताल में आई थी व्हीलचेयर पर और गई अपने पैरों पर 

जींद -- चिकित्सकों की भारी कमी झेल रहे नागरिक अस्पताल को रैफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है लेकिन कभी किसी ने सोचा नहीं था कि यहां भी कुल्हे के प्रत्यारोपण जैसा जटिल आप्रेशन कभी होगा। यह सब हो पाया आर्थो सर्जन डा. संतलाल बैनीवाल की बदौलत।

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हिसार के गांव काबरेल की रहने वाली 55 वर्षीय कमला देवी कुल्हे के तीर्व दर्द से परेशान थी। चल पाने तक की आस कमला देवी छोड़ चुकी थी। लगभग दो साल से कमला कुल्हे के दर्द को लेकर निजी अस्पतालों के चक्कर काट कर थक चुकी थी। क्योंकि वहां कुल्हे के प्रत्यारोपण पर खर्च चार से पांच लाख रुपये तक आ रहा था। ऐसे में कमला देवी चल पाने तक की आस छोड़ चुकी थी। उसके बाद कमला को उपचार के लिए जींद के सरकारी अस्पताल लाया गया। सरकारी अस्पताल में इलाज का सुनते ही कमला पहले तो घबरा गई लेकिन जब उन्होंने आर्थो सर्जन डा. संतलाल बैनीवाल से बात की तो उन्होंने कमला को पूरी तरह स्वस्थ करने का आश्वासन दिया। डा. संतलाल अपने आश्वासन पर खरा भी उतरे और उन्होंने नागरिक अस्पताल के मॉर्डन आप्रेशन थियेटर में कमला के कुल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया। । 




हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. संतलाल बैनीवाल ने बताया कि निजी अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण का खर्च चार से पांच लाख रुपये आता है। जबकि नागरिक अस्पताल में बहुत कम खर्च में ही कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल आप्रेशन किया गया है। अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण आप्रेशन के लिए सीएमओ डा. शशिप्रभा अग्रवाल, एमएस डा. गोपाल गोयल ने उनका सहयोग दिया। इसके अलावा उनकी पत्नी प्रीति ने भी इस जटिल आप्रेशन के लिए उनकी हौंसला अफजाही की। 


बाइट - डॉ संतलाल , ऑर्थो सर्जन

 

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