जींद: चिकित्सकों की भारी कमी झेल रहे प्रदेश के नागरिक अस्पतालों को रेफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है, कभी किसी ने सोचा नहीं था कि सरकारी अस्पताल में भी कूल्हा के प्रत्यारोपण जैसा जटिल ऑपरेशन कभी होगा. लेकिन यह हुआ है जींद के नागरिक अस्पताल में, वो भी आर्थो सर्जन डा. संतलाल बेनीवाल की बदौलत.
हिसार के गांव काबरेल की रहने वाली 55 साल की कमला देवी कूल्हे के तेज दर्द से परेशान थी. कमला देवी चल पाने तक की आस छोड़ चुकी थीं. लगभग दो साल से कमला कूल्हे के दर्द को लेकर निजी अस्पतालों के चक्कर काट कर थक चुकी थी, क्योंकि वहां कूल्हे के प्रत्यारोपण पर खर्च चार से पांच लाख रुपये तक आ रहा था. ऐसे में कमला देवी चल पाने तक की आस छोड़ चुकी थीं.
बाद में कमला देवी को उपचार के लिए जींद के सरकारी अस्पताल लाया गया. सरकारी अस्पताल में इलाज का सुनते ही कमला पहले तो घबरा गई, लेकिन जब उन्होंने आर्थो सर्जन डॉ. संतलाल बेनीवाल से बात की तो उन्होंने कमला को पूरी तरह स्वस्थ करने का आश्वासन दिया. डॉ. संतलाल अपने आश्वासन पर खरा भी उतरे और उन्होंने नागरिक अस्पताल के मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर में कमला देवी के कूल्हा का सफल प्रत्यारोपण किया.
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संतलाल बेनीवाल ने बताया कि निजी अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण का खर्च चार से पांच लाख रुपए आता है, जबकि नागरिक अस्पताल में बहुत कम खर्च में ही कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया गया है. अस्पताल में कुल्हा प्रत्यारोपण ऑपरेशन के लिए सीएमओ डॉ. शशिप्रभा अग्रवाल, एमएस डॉ. गोपाल गोयल ने उनका सहयोग किया. इसके अलावा उनकी पत्नी प्रीति ने भी इस जटिल ऑपरेशन के लिए उनकी हौसला अफजाई की.