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हरियाणा में बिगड़ते मौसम को देखते हुए किसानों के लिए विशेष सलाह

हिसार व दक्षिण हरियाणा में रविवार को पश्चिमी विभोक्ष के कारण कहीं-कहीं पर तेज हवाओं के साथ छिटपुट बूंदाबांदी के आसार हैं. वहीं आने वाले दिनों में मौसम को देखते हुएम मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को खास सलाह दी है.

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Published : May 17, 2020, 4:28 PM IST

हिसार: हरियाणा के कुछ जिलों में आए तूफान, बारिश, ओलावृष्टि के कारण किसानों के सब्जियों और अमरुद के बाग को नुकसान हो गया है. वहीं हिसार के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हरियाणा में आने वाले कुछ दिनों में बरसात की संभावना बनी हुई है. कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है.

हरियाणा राज्य में 17 मई को पश्चिमी विभोक्ष के कारण बादल व दक्षिण हरियाणा में कहीं-कहीं हवाओं के साथ छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है. 18 मई से मौसम आमतौर पर खुश्क और गर्म रहने के साथ तापमान में भी बढ़ोतरी की संभावना है. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी कि है कि नरमा की बिजाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें.

मौसम वैज्ञानिक की किसानों को खास सलाह

किसानों से कहा गया है कि कढ़ाई उपरांत तूड़ी और भूसे को सुरक्षित स्थान पर रखें. फसल उत्पादन को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल आदि का प्रबंध करें. फसल कटाई उपरांत गेहूं के अवशेषों को न जलाएं ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे. रीपर से भूसा बनाएं या अन्य मशीनों से अवशेषों को भूमि में दबाएं और उर्वरा शक्ति को बढ़ायें. जिससे अगली फसल से ज्यादा उत्पादन लिया जा सके.

ये भी पढ़ें- गन्नौर: वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारियों ने कंपनी के बाहर किया प्रदर्शन

हिसार: हरियाणा के कुछ जिलों में आए तूफान, बारिश, ओलावृष्टि के कारण किसानों के सब्जियों और अमरुद के बाग को नुकसान हो गया है. वहीं हिसार के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हरियाणा में आने वाले कुछ दिनों में बरसात की संभावना बनी हुई है. कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है.

हरियाणा राज्य में 17 मई को पश्चिमी विभोक्ष के कारण बादल व दक्षिण हरियाणा में कहीं-कहीं हवाओं के साथ छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है. 18 मई से मौसम आमतौर पर खुश्क और गर्म रहने के साथ तापमान में भी बढ़ोतरी की संभावना है. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी कि है कि नरमा की बिजाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें.

मौसम वैज्ञानिक की किसानों को खास सलाह

किसानों से कहा गया है कि कढ़ाई उपरांत तूड़ी और भूसे को सुरक्षित स्थान पर रखें. फसल उत्पादन को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल आदि का प्रबंध करें. फसल कटाई उपरांत गेहूं के अवशेषों को न जलाएं ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे. रीपर से भूसा बनाएं या अन्य मशीनों से अवशेषों को भूमि में दबाएं और उर्वरा शक्ति को बढ़ायें. जिससे अगली फसल से ज्यादा उत्पादन लिया जा सके.

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