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हिसार: ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने कई मांगों को लेकर किया जिला स्तरीय प्रदर्शन

हिसार में वेतन बढ़ाने और अन्य कई मांगों को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारी भी सड़क पर उतर आए हैं. रविवार को ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जिला स्तरीय प्रदर्शन किया.

cleaning workers protest hisar
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Published : Jun 28, 2020, 7:46 PM IST

हिसार: सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतिओं के विरोध में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जिला स्तरीय प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में जिले के सैकड़ों ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने भाग लिया. प्रदर्शन करने से पहले ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की क्रांतिमान पार्क हिसार में एक सभा भी हुई.

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को सीटू जिला प्रधान कामरेड सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना योद्धा बताने वाली हरियाणा सरकार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का भयंकर शोषण कर रही है. सफाई कर्मचारियों को ना सुरक्षा उपकरण मिल रहे हैं और ना ही कोई चिकित्सा सहायता दी जा रही है. बार-बार मांग करने के बाद भी कर्मचारियों को 4000 रुपये जोखिम भत्ता और कोरोना अवधि के दौरान 50 लाख बीमा कवरेज में कवर नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- गृह विभाग ने साइबर क्राइम थानों के लिए 264 पुलिस कर्मचारियों के पदों को दी मंजूरी

उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को 8100 रुपये मिलते थे, लेकिन आज भाजपा सरकार ने भेदभाव करते हुए शहरी सफाई कर्मियों को न्यूनतम 15,000 रुपये दिए जा रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को 12,500 रुपये देकर शोषण किया जा रहा है, जिसको किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. सरकारी आदेश के बावजूद 9 माह गुजर चुके हैं उसके बाद भी आज तक ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ईपीएफ के दायरे में कवर नहीं किया गया. जिसको लेकर कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार ने कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो आन्दोलन को और तेज किया जाएगा. आगामी 3 जुलाई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर ब्लॉक स्तर पर जोरदार प्रदर्शन किये जाएंगे और 6 से 8 जुलाई को राज्यव्यापी हड़ताल करने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा. वहीं आगामी आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए 30 जून को यूनियन कार्यकर्ताओं की राज्य स्तरीय कार्यकर्ता बैठक रोहतक में करके आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी.

ये हैं ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मुख्य मांगें-

  • अनिल विज के साथ बनी सहमति अनुसार सभी शहरी व ग्रामीण सफाई कर्मियों को 4000 रु जोखिम भत्ता दिया जाए.
  • बढ़ती कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क, दस्तानें, सैनिटाइजर, जूते, जाकेट सहित पूरी सुरक्षा किट तुरन्त प्रभाव से ब्लॉक के माध्यम से मुहैया करवाई जाएं.
  • अनिल विज के साथ बनी सहमति अनुसार सभी शहरी व सभी सफाई कर्मचारियों को एक समान रूप से 50 लाख बीमा कवरेज मिले.
  • पंचायत विभाग के 4 सितम्बर 2019 व 17 मार्च 2020 के आदेश अनुसार सभी कर्मचारियों का ईपीएफ के दायरे में कवर किया जाए तथा ईपीएफ राशि पीएफ बोर्ड के पास जमा करवाया जाए.
  • मई के वेतन समेत सभी का बकाया वेतन व 2020 के वर्दी भत्ते का तुरन्त भुगतान किया जाए और वर्दी भत्ते को 8 हजार रुपये वार्षिक किया जाए.
  • शहरी सफाई कर्मियों की तर्ज पर साबुन और सरसों तेल दिया जाए.
  • सभी कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए तथा जब तक रेगुलर ना हो तब तक 18000 रुपये वेतन दिया जाए.
  • सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ईएसआई के दायरे में कवर करने के लिए पत्र जारी किया जाए.
  • सभी काम के औजारों के लिए साल में कम से कम 6000 रुपये भत्ता भुगतान किया जाए.
  • नये कर्मचारियों की भर्ती की जाए तथा भर्ती का पैमाना 2000 की बजाय 400 की आबादी पर लागू किया जाए.
  • सभी सरकारी अवकाश दिए जाएं तथा काम के नॉर्म तय किये जाएं और बेगार पर रोक लगाई जाए आदि.

हिसार: सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतिओं के विरोध में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जिला स्तरीय प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में जिले के सैकड़ों ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने भाग लिया. प्रदर्शन करने से पहले ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की क्रांतिमान पार्क हिसार में एक सभा भी हुई.

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को सीटू जिला प्रधान कामरेड सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना योद्धा बताने वाली हरियाणा सरकार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का भयंकर शोषण कर रही है. सफाई कर्मचारियों को ना सुरक्षा उपकरण मिल रहे हैं और ना ही कोई चिकित्सा सहायता दी जा रही है. बार-बार मांग करने के बाद भी कर्मचारियों को 4000 रुपये जोखिम भत्ता और कोरोना अवधि के दौरान 50 लाख बीमा कवरेज में कवर नहीं किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को 8100 रुपये मिलते थे, लेकिन आज भाजपा सरकार ने भेदभाव करते हुए शहरी सफाई कर्मियों को न्यूनतम 15,000 रुपये दिए जा रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को 12,500 रुपये देकर शोषण किया जा रहा है, जिसको किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. सरकारी आदेश के बावजूद 9 माह गुजर चुके हैं उसके बाद भी आज तक ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ईपीएफ के दायरे में कवर नहीं किया गया. जिसको लेकर कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार ने कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो आन्दोलन को और तेज किया जाएगा. आगामी 3 जुलाई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर ब्लॉक स्तर पर जोरदार प्रदर्शन किये जाएंगे और 6 से 8 जुलाई को राज्यव्यापी हड़ताल करने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा. वहीं आगामी आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए 30 जून को यूनियन कार्यकर्ताओं की राज्य स्तरीय कार्यकर्ता बैठक रोहतक में करके आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी.

ये हैं ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मुख्य मांगें-

  • अनिल विज के साथ बनी सहमति अनुसार सभी शहरी व ग्रामीण सफाई कर्मियों को 4000 रु जोखिम भत्ता दिया जाए.
  • बढ़ती कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क, दस्तानें, सैनिटाइजर, जूते, जाकेट सहित पूरी सुरक्षा किट तुरन्त प्रभाव से ब्लॉक के माध्यम से मुहैया करवाई जाएं.
  • अनिल विज के साथ बनी सहमति अनुसार सभी शहरी व सभी सफाई कर्मचारियों को एक समान रूप से 50 लाख बीमा कवरेज मिले.
  • पंचायत विभाग के 4 सितम्बर 2019 व 17 मार्च 2020 के आदेश अनुसार सभी कर्मचारियों का ईपीएफ के दायरे में कवर किया जाए तथा ईपीएफ राशि पीएफ बोर्ड के पास जमा करवाया जाए.
  • मई के वेतन समेत सभी का बकाया वेतन व 2020 के वर्दी भत्ते का तुरन्त भुगतान किया जाए और वर्दी भत्ते को 8 हजार रुपये वार्षिक किया जाए.
  • शहरी सफाई कर्मियों की तर्ज पर साबुन और सरसों तेल दिया जाए.
  • सभी कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए तथा जब तक रेगुलर ना हो तब तक 18000 रुपये वेतन दिया जाए.
  • सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ईएसआई के दायरे में कवर करने के लिए पत्र जारी किया जाए.
  • सभी काम के औजारों के लिए साल में कम से कम 6000 रुपये भत्ता भुगतान किया जाए.
  • नये कर्मचारियों की भर्ती की जाए तथा भर्ती का पैमाना 2000 की बजाय 400 की आबादी पर लागू किया जाए.
  • सभी सरकारी अवकाश दिए जाएं तथा काम के नॉर्म तय किये जाएं और बेगार पर रोक लगाई जाए आदि.
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