हिसार: सुलखनी गांव निवासी निहाल दीन रविवार को दोपहर 3 बजे टावर पर चढ़े थे. लगभग 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एसडीएम परमजीत चहल के आश्वासन पर पीड़ित परिवार मान गया और रोते बिलखते हुए निहाल दीन को टावर से उतरने के लिए बोला गया.
निहाल दीन का आरोप है कि सरपंच प्रतिनिधि ने पिछले दिनों उनके मकान का कब्जा तुड़वा दिया था और इससे पहले उसने उनको धमकी भी दी थी. परिवार के लोगों ने बताया कि सरपंच प्रतिनिधि द्वारा पिछले दिनों उनके मकान का कब्जा तुड़वाया गया था.
ये भी पढ़िए: मानेसर की प्लास्टिक फैक्ट्री में लगी आग, दमकल की 6 गाड़ियों ने पाया काबू
2006 से लेकर उनके पीछे सरपंच प्रतिनिधि लगातार पीछे पड़ा हुआ है और लगातार उन्हें गांव से निकालने और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. मामले को लेकर डीसी अशोक मीणा द्वारा एसडीएम को जांच करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
वहीं मोबाइल टावर से उतरते ही निहाल दीन का डॉक्टर्स की टीम ने चेकअप किया. चेकअप के बाद निहाल दीन को घर ले जाया गया जहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो सामान्य अस्पताल हिसार लेकर गए. फिल्हाल पीड़ित की तबीयत ठीक है लेकिन जिस तरह से एक 65 साल के बुजुर्ग को परेशान होकर ये कदम उठाना पड़ा उससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया.
ये भी पढ़िए: रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ नई SIT गठित, बिजली मंत्री रहते पद का दुरुपयोग करने का आरोप