हिसार: गांव मलापुर निवासी पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने एक बार फिर से अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हिमाचल प्रदेश में स्थित माउंट फ्रेंडशिप पर्वत पर तिरंगा फहराने में कामयाबी हासिल की है. इसके साथ ही वे इस चोटी पर हिसार की अपनी स्टूडेंट 12 साल की अनु यादव को सफलतापूर्वक चढ़ाई कराने में भी सफल रहे.
पर्वतारोही रोहताश खिलेरी इससे पहले माउंट एवरेस्ट को फतेह कर चुके हैं. फिलहाल वे सेवेन समिट के मिशन पर हैं. इसके साथ ही वे नए पर्वतारोहियों के सपनों को पूरा करने में भी सहयोग कर रहे हैं. रोहताश खिलेरी ने अभी तक एशिया के माउंट एवरेस्ट, अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो और यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एलब्रुस को दो बार फतेह कर चुके हैं. रोहताश खिलेरी माउंट एलब्रुस को समर और विंटर में फतेह करने वाले पहले भारतीय हैं.
रोहताश खिलेरी माउंट एवरेस्ट के शिखर पर 24 घंटे रुककर भारत के तिरंगे को लहराना चाहते हैं. पर्वतारोही खिलेरी ने बताया कि उन्हें 1 अप्रैल 2020 को माउंट एवरेस्ट की दोबारा चढ़ाई के लिए जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल उनका अभियान रद्द हो गया. इसलिए उन्होंने ट्रेनिंग को जारी रखने के लिए हिमाचल प्रदेश में स्थित मनाली के पास फ्रेंडशिप पर्वत को फतह करने का मन बनाया.
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इसके लिए उन्होंने 7 अक्टूबर 2020 को हिसार की 12 साल की लड़की अनु यादव को साथ लेकर फ्रेंडशिप पर्वत पर चढ़ाई करने की शुरुआत की और 9 अक्टूबर को 11 बजकर 25 मिनट पर फ्रेंडशिप पर्वत की चोटी पर तिरंगा लहरा दिया. उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता, गुरु अशोक शुक्ल, बहन विकास राणा, अमन फिटनेस के डायरेक्टर अमन वर्मा को दिया है, जिनका सहयोग उन्हें निरंतर मिलता रहा है.
ये है रोहताश खिलेरी की उपलब्धियां-
- माउंट एवरेस्ट 16 मई 2018
- माउंट किलिमंजारो 23 जुलाई 2018
- माउंट एलब्रुस 4 सितंबर 2018
- माउंट एलब्रुस 1 फरवरी 2020
- माउंट फ्रैंडशिप 9 अक्टूबर 2020