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जाट आरक्षण आंदोलन मामले में जाटों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं, नहीं तो फिर होगा आंदोलन- जाट आरक्षण संघर्ष समिति

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि प्रदेश सरकार को दिसंबर तक का समय दिया गया था कि जाट समुदाय के बच्चों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं और अगर ऐसा नहीं होता है तो जनवरी में आंदोलन का आगाज एक बार फिर से किया जाएगा.

take back fir against jat people
जाट आरक्षण संघर्ष समिति
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Published : Dec 12, 2019, 5:20 AM IST

हिसार: जाट आरक्षण को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने एक बार फिर हुंकार भरी है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि प्रदेश सरकार को दिसंबर तक का समय दिया गया था कि जाट समुदाय के बच्चों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं और अगर ऐसा नहीं होता है तो जनवरी में आंदोलन का आगाज एक बार फिर से किया जाएगा.

मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो होगा आंदोलन- समिति

गौरतलब है कि मामला 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन में जाट युवकों पर दर्ज मुकदमों से जुड़ा है. समिति की मानें तो इस दौरान दर्ज हुए मुकदमों के बारे में सरकार ने वादा किया था कि जल्द ही इन मुकदमों को वापस लिया जाएगा, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से मुकदमों को अभी तक वापस नहीं लिया गया है. समुदाय के लोगों ने बैठक कर फैसला लिया है कि दिसंबर महीने के अंत तक अगर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो जाट आरक्षण संघर्ष समिति एक बार फिर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी.

जाट आरक्षण हिंसा मामले में जाटों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं

28 दिसंबर को अहम मीटिंग

जाट समुदाय के नेताओं ने कहा कि 28 दिसंबर को हरियाणा राज्य की एक मीटिंग बुलाई गई है जिसमें अभी तक की तमाम गतिविधियों पर मंथन किया जाएगा. मंथन में आरक्षण के तमाम पहलुओं पर फीडबैक लेंगे और जनवरी में आंदोलन के स्तर पर चर्चा की जाएगी. समिति के नेताओं ने दावा किया कि उनकी हरियाणा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से भी मुलाकात हो चुकी है जिन्होंने इस बारे में जल्द समाधान का आश्वासन दिया है.

ये भी पढ़ें- अधीर रंजन पर भड़के अनिल विज, कहा- 'रेप इन इंडिया' नहीं, 'रेप इन कांग्रेस' कहना चाहिए

हिसार: जाट आरक्षण को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने एक बार फिर हुंकार भरी है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि प्रदेश सरकार को दिसंबर तक का समय दिया गया था कि जाट समुदाय के बच्चों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं और अगर ऐसा नहीं होता है तो जनवरी में आंदोलन का आगाज एक बार फिर से किया जाएगा.

मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो होगा आंदोलन- समिति

गौरतलब है कि मामला 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन में जाट युवकों पर दर्ज मुकदमों से जुड़ा है. समिति की मानें तो इस दौरान दर्ज हुए मुकदमों के बारे में सरकार ने वादा किया था कि जल्द ही इन मुकदमों को वापस लिया जाएगा, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से मुकदमों को अभी तक वापस नहीं लिया गया है. समुदाय के लोगों ने बैठक कर फैसला लिया है कि दिसंबर महीने के अंत तक अगर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो जाट आरक्षण संघर्ष समिति एक बार फिर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी.

जाट आरक्षण हिंसा मामले में जाटों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं

28 दिसंबर को अहम मीटिंग

जाट समुदाय के नेताओं ने कहा कि 28 दिसंबर को हरियाणा राज्य की एक मीटिंग बुलाई गई है जिसमें अभी तक की तमाम गतिविधियों पर मंथन किया जाएगा. मंथन में आरक्षण के तमाम पहलुओं पर फीडबैक लेंगे और जनवरी में आंदोलन के स्तर पर चर्चा की जाएगी. समिति के नेताओं ने दावा किया कि उनकी हरियाणा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से भी मुलाकात हो चुकी है जिन्होंने इस बारे में जल्द समाधान का आश्वासन दिया है.

ये भी पढ़ें- अधीर रंजन पर भड़के अनिल विज, कहा- 'रेप इन इंडिया' नहीं, 'रेप इन कांग्रेस' कहना चाहिए

Intro:जाट आरक्षण को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने एक बार फिर हुंकार भरी है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि प्रदेश सरकार को दिसंबर तक का समय दिया गया था कि जाट समुदाय के बच्चों पर दर्ज केस वापस किए जाएं और अगर ऐसा नहीं होता है तो जनवरी में आंदोलन का आगाज एक बार फिर से किया जाएगा।

गौरतलब है कि मामला 2016 में हुए जाट आरक्षण में जाट युवकों पर दर्ज मुकदमों से जुड़ा है। समिति की मानें तो इस दौरान दर्ज हुए मुकदमों के बारे में सरकार ने वादा किया था कि जल्द ही इन मुकदमों को वापस लिया जाएगा, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से मुकदमों को अभी तक वापस नहीं लिया गया है ।समुदाय के लोगों ने बैठक कर फैसला लिया है कि दिसंबर माह के अंत तक अगर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो जाट आरक्षण संघर्ष समिति एक बार फिर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी।




Body:अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य हिसार में एक बार फिर मंथन करने के लिए एकजुट हुए। इस बार पिछले आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज पुलिस केस को वापस लिए जाने और जाट समुदाय ने अपने आंदोलन की रूपरेखा बनाए जाने को लेकर हिसार के जिला उपायुक्त को अल्टीमेटम देते हुए ज्ञापन भी दिया।

जाट समुदाय के नेताओं ने कहा कि 28 दिसंबर को हरियाणा राज्य की एक मीटिंग बुलाई गई है जिसमें अभी तक की तमाम गतिविधियों पर मंथन किया जाएगा। मंथन में आरक्षण के तमाम पहलुओं पर फीडबैक लेंगे और जनवरी में आंदोलन के स्तर पर चर्चा कि जाएगी। समिति के नेताओं ने दावा किया कि उनकी हरियाणा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से भी मुलाकात हो चुकी है जिन्होंने इस बारे में जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।


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